Last Updated on September 28, 2022 by Jivansutra

 

What is Personality: Personality Meaning in Hindi

 

“आपका शरीर, मन (विचार), धर्म (चरित्र), और कर्म (आचरण) शक्ति से संपन्न हो। ईश्वर करे ज्ञान का देवता आपको शांति प्रदान करे ओर ऐश्वर्य का देवता आपको पूर्ण बनाये।”
– अथर्ववेद

 

Personality Meaning in Hindi

Personality शब्द से तो हम सभी अच्छी तरह परिचित है, लेकिन वास्तविक व्यक्तित्व (Real Personality) किसे कहते हैं, इसके बारे में ज्यादातर लोग अनजान हैं। अक्सर यही देखने में आता है कि Personality Development के नाम पर लोग केवल बाहरी रंग-रूप, शारीरिक बनावट और दिखावटी औपचारिक व्यवहार पर ही अधिक जोर देते हैं। हम यह नहीं जानते हैं कि व्यक्तित्व के विकास का सम्बन्ध हमारी मूल चेतना या हमारे अहं से है।

और चित्त में गहराई तक घुस पड़ी बुरी आदतों को दूर करके ही हम अपनी Personality को सही तरह से निखार सकते हैं। इस लेख में हम सिर्फ Personality के Meaning, उसके अर्थ पर ही चर्चा करेंगे, क्योंकि एक Magnetic Personality का निर्माण किस तरह किया जाय, इस पर हमने दूसरे लेख 20 Personality Development Tips in Hindi में विस्तार से प्रकाश डाला है।

Meaning of Personality in Hindi व्यक्तित्व का अर्थ

Personality के विभिन्न आयामों की समझ और उनके बीच Proper Co-ordination एक Successful Life Management के लिए बहुत आवश्यक है। Personality के Holistic development के लिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि हम अपने व्यक्तित्व से पूरी तरह परिचित हों और उन Aspects को भली-भॉति जाने जो हमारी Inner Consciousness या आंतरिक चेतनता को अभिव्यक्त करते हों।

Personality बहुत ज्यादा उपयोग मे लाया जाने वाला शब्द है, जिसे मनोविज्ञान (Psychology) मे विभिन्न अर्थों और अनुमान मे प्रयोग मे लाया जाता है। Psychologists ने इस पर बहुत कुछ लिखा है, लेकिन अभी तक भी ज्यादातर व्यक्ति इसके Real Meaning या Essence से अनजान हैं, व्यक्तित्व की गहराई अभी तक पूरी तरह से नही नापी जा सकी है।

शुरूआत मे मनोवैज्ञानिकों ने Personality शब्द को बस लैटिन शब्द “Persona” का ही एक Derivative समझा था, जिसका अर्थ होता है – मुखौटा या बाहरी हिस्सा। लेकिन अब यह मान लिया गया है कि Human Behavior के पीछे जो वास्तविक कारण होते हैं, वे उसके Psyche या अंत:करण की गहराईयों मे छिपे होते हैं।

यदि हम किसी व्यक्ति के आचरण की जड तक पहुँचना चाहते हैं तो हमे उसके चरित्र और मन की परतों को उघाडना पडेगा। इन बातों को सही प्रकार से जाने बिना उसके आचरण (Conduct) या व्यवहार (Behavior) के बारे मे कुछ भी कह पाना असंभव ही होगा।

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Definition of Personality in Hindi व्यक्तित्व की परिभाषा

Cambridge Dictionary के अनुसार “आप जिस प्रकार के व्यक्ति हैं, वही आपका व्यक्तित्व है और वह आपके आचरण, संवेदनशीलता तथा विचारों से व्यक्त होता है।” Longman Dictionary के अनुसार “किसी व्यक्ति का पूरा स्वभाव तथा चरित्र ही व्यक्तित्व कहलाता है।” कोई व्यक्ति कैसा आचरण करता है, महसूस करता है और सोचता है; किसी विशेष परिस्थिति में वह कैसा व्यवहार करता है – यह काफी कुछ उसके Mental Disposition यानि मानसिक संरचना पर निर्भर करता है।

किसी व्यक्ति की केवल बाहरी आकृति या उसकी बातें या चाल-ढाल उसके व्यक्तित्व के केवल छोर भर हैं, ये उसके सच्चे व्यक्तित्व को प्रकट नहीं करते। वास्तव में Personality हमारे भीतर की हमारी अपनी Expression (अभिव्यक्ति) है। हम कैसे हैं, यह उसका दूसरों के सामने प्रकटीकरण है। व्यक्तित्व वह प्रकाश है जिसका स्रोत हमारे अपने ही अन्दर है। हमारे आन्तरिक गुण ही व्यक्तित्व के रूप में प्रकट होते हैं।

हमारा अन्तःकरण (Inner Psyche) जितना शुद्ध होगा, भावनाएं जितनी पवित्र होंगी और विचार जितने उच्च होंगे हमारी Personality भी उतनी ही Attractive और Impressive होगी। इसीलिये व्यक्तित्व का स्तर हमारे सुद्रढ़ चरित्र (Strong Character), पैने और परिपक्व चिंतन (Sharp and Mature Thinking) और भावपूर्ण व्यवहार (Emotional Conduct) के आधार पर तय किया जाता है।

व्यक्तित्व की एक सार्थक परिभाषा व्यक्ति के चारित्रिक गुणों और लक्षणों के समूह के रूप मे दी जा सकती है। ये लक्षण ओर गुण उसके बाहरी आचरण मे प्रकट होते हैं, लेकिन उनकी जडें बहुत गहराई तक फैली होती हैं और उसके विचारो और संस्कारो मे छिपी रहती है। इसे हमारे प्राचीन वैज्ञानिक यानी ऋषि इस प्रकार कहते हैं कि जो व्यक्ति जैसा मन मे सोचता है, वैसी ही उसकी वाणी होती है।

जो वह बोलता है, वैसा ही उसका आचरण होता है और जैसा उसका आचरण होता है वैसा ही वह बन जाता है। रूसी संत गुरजिएफ भी स्थायी व्यक्तित्व उसी को मानते हैं, जो खुद के द्वारा निर्मित और विकसित किया जाता है। जो जन्मजात सद्गुणसंपन्न रहे हैं ऐसे व्यक्तियों को भी अपने व्यक्तित्व को विकसित करना पड़ा है, क्योंकि व्यक्तित्व निर्माण विकास की एक लंबी प्रक्रिया है।

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Human Behavior and Personality मानव व्यवहार और व्यक्तित्व

Personality Experts के अनुसार Total Personality उसे कहा जाता है जिसमे Self-ability (आत्म-योग्यता), Productivity (उत्पादकता), Excellency (उत्कृष्टता), Nobility (श्रेष्ठता), Free-mindedness (मस्तिष्क का खुलापन) और एक High Character के सारे गुण मौजूद हों। Personality उस घर की तरह है, जिसकी नींव Elevated Thinking (उन्नत चिंतन) और Tender Emotions (कोमल भावनाओं) पर टिकी है।

जैसे आपके विचार होंगे, वैसा ही आपका व्यक्तित्व होगा। उन्नत चिंतन व्यक्तित्व को उत्कृष्ट बनाता है। कोमल भावनाएं और संवेदनाए इसे भावपूर्ण बनाती हैं। हर आदमी गुणों से ही गुणवान बनता है और अच्छे गुणों का विकास होता है, अच्छे विचारों को जीवन में उतारने से, जबकि चरित्र निर्माण सच्ची लोकसेवा से ही संभव है।

अच्छा व्यवहार व्यक्तित्व की जान है। और सब चीज़ें तो Personality के ढांचे को खड़ा ही करती हैं, लेकिन इस ढांचे में अगर कोई जान फूंकता है तो वो है आपका व्यवहार। इसीलिए अगर हम भी अपनी Personality को Magnificent, Attractive और Impressive बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए बहुत जरूरी है कि अपने चरित्र, चिंतन और व्यवहार को सुधारा जाये, इसमें बदलाव किया जाये।

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Personality Story in Hindi व्यक्तित्व की कहानी

मनोवैज्ञानिकों के अनुसार जब कोई गहरा मनोभाव या विचार स्वभाव पर गहरा प्रभाव छोड़ देता है, तो उसके स्थायी लक्षण शरीर और उसकी शारीरिक क्रियाओं में भी दिखने लगते हैं। उदाहरण के लिए – आलसी या लापरवाह व्यक्ति या तो व्यर्थ चेष्टा करता मिलेगा या अनावश्यक वाद-विवाद करेगा। इस विषय में एक सत्य घटना यूनानी दार्शनिक सुकरात के विषय में है।

एक बार एक विशेषज्ञ ने सुकरात को देखकर कहा कि आप विषयी, मूर्ख और आलसी स्वभाव के जान पड़ते हैं। सुकरात के पास खड़े एक व्यक्ति ने, जो सुकरात के स्वभाव से अच्छी तरह परिचित था, इस घटना को स्पष्ट नकार दिया। लेकिन पास खड़े सत्य के पुजारी सुकरात ने इस बात को स्वीकार किया और कहा, “आपने जो बताया है वह मेरे जन्मजात स्वभाव का लक्षण है।

परन्तु यह भी सच है कि इसे मैंने अपनी कड़ी मेहनत और भगवान की दया से बदल दिया है। इस बात से यह पता चलता है कि अगर मजबूत इच्छाशक्ति हो तो कड़ी मेहनत से अपनी Personality को बहुत हद तक निखारा जा सकता है और केवल ऐसा करके ही हम एक Excellent Personality को विकसित करते हुए अपनी जिंदगी को संवार सकते हैं।

 

Impressive Personality की Qualities

Magnetic Personality वाले व्यक्ति लोगों की भीड़ में अलग ही दिखाई देतें हैं। उनका व्यक्तित्व उस Light House की तरह होता है जो खुद को तो रोशन करता ही है साथ ही जीवनरूपी समंदर में हिचकोले खाती अनेकों जिंदगियों को भी राह दिखाता है। यह एक ऐसी दौलत है जो कितनी भी खर्च की जाय कभी नहीं चुकती। Excellent Personality वाले व्यक्ति के अंदर Extraordinary Judgemental Power होती है।

इसीलिये वे अच्छे-बुरे और झूठे-सच्चे का भेद आसानी से जान लेते हैं। ऐसे व्यक्ति मुश्किलों में भी जल्दी और सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं और अपने आदर्शों और सिद्धांतों के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं। इनकी सोच बड़ी होती है और विचार भी अत्यंत श्रेष्ठ होते हैं। इनका दिल भावनाओं और संवेदनाओं से भरा होता है ये सभी के प्रति आत्मीयतापूर्ण व्यवहार का बर्ताव करते हैं।

इनका चरित्रबल, आत्मशक्ति और नजरिया अत्यंत उच्च स्तर का होता है। ये रचनात्मकता के धनी और मौलिक विचारों से संपन्न होते हैं। एक श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाला व्यक्ति खुद तो बेहतर रास्ते पर चलता ही है, साथ ही अनेकों को भी उस रास्ते पर चलने के लिए Inspiration देता है। क्योंकि ऐसे व्यक्तियों के भीतर एक ऐसा Magnetic Attraction होता है जो अनजाने ही दूसरों को अपनी ओर खींचता रहता है।

अपने ऐसे करिश्माई व्यक्तित्व के कारण ही स्वामी विवेकानंद इतने यशस्वी बन सके कि सारी दुनिया उनके वेदांत के आकर्षण में बंधती चली गयी। वीर शिवाजी, चंद्रशेखर आज़ाद, सुभाषचंद्र बोस ऐसे जन्मजात प्रतिभासंपन्न व्यक्तित्व थे। पर व्यक्तित्व के ये गुण तो जन्म से कम ही लोगों को मिलते है, अधिकतर को तो स्वयं को तप की भट्टी में पकाकर, महान पुरुषार्थ से अर्जित करना पड़ता है।

Attractive Personality in Hindi कैसे बनायें अच्छा व्यक्तित्व

हम बता चुके हैं कि Personality व्यक्ति के गुणों का ऐसा समूह है, जो जन्मजात भी होता है और इसे अर्जित भी किया जा सकता है। जन्मजात व्यक्तित्व के धनी तो कुछ विरले ही इंसान होते हैं, जो जन्म से ही व्यक्तित्व के अच्छे गुणों से संपन्न होते हैं। ऐसे व्यक्तियों को बस Extraordinary और Genius ही कहा जा सकता है, लेकिन ऐसा हो पाना सबके लिये संभव नहीं।

सच तो यह है कि Personality को Attractive और Impressive बनाने के लिए कई गुणों को विकसित करना पड़ता है। इसके निर्माण में कई चीज़ें काम करती हैं और इनमे से एक है आपका स्वभाव। यह व्यक्तित्व का आवश्यक अंग है। यह आपके भीतरी स्वरुप का श्रेष्ठ और सच्चा तत्व है। स्वभाव से ही कोई व्यक्ति अच्छा या बुरा बनता है। इसी से व्यक्ति लोगों का सम्मान या तिरस्कार पाता है।

यही प्रशंसा या निंदा की वजह बनता है। अपने अच्छे स्वभाव से जहाँ आप सबका दिल जीत सकते हैं, वहीँ बुरे स्वभाव से बुरा भी बनना पड जाता है। आपका Behavior न केवल दूसरों को Impress करता है, बल्कि यह आपकी मानसिक संरचना का भी कारण बनता है। व्यक्तित्व में निखार आता है अच्छी आदतों और मजबूत चरित्र से। इन दोनों के उचित विकास से ही आपकी Personality निखरती है।

गुणवान और चरित्रवान व्यक्ति भले ही नाम, रूप, जाति, कुल से श्रेष्ठ न हो, पर अपने अच्छे गुणों के कारण वह हर जगह सम्मान पाता है। इतिहास ऐसे व्यक्तियों से भरा पड़ा है जिन्होंने अपने आप को आदर्शों और सिद्धांतों की आग में तपाया और अपने व्यक्तित्व को संवारा। School के Average Student रहे मोहनदास करमचंद गाँधी ने अपनी Personality को इस तरह विकसित किया कि महात्मा गाँधी बनकर हर किसी के दिल में समा गए।

उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि बड़े-बड़े अंग्रेज अधिकारी भी उनकी आँखों में ऑंखें डालकर इस डर से बात नहीं करते थे कि कहीं यह हमसे अपनी बातें न मनवा ले। इस तरह देखा जाय तो एक शानदार व्यक्तित्व को विकसित करने का एकमात्र रास्ता लगातार कड़ी मेहनत ही है। हमें आशा है कि Personality Meaning in Hindi में दी गयी बातों से आपको व्यक्तित्व का वास्तविक अर्थ जानने में अवश्य मदद मिली होगी।

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“दुर्गुण नाव की पेंदी में उस छेद की तरह होता हैं, जो चाहे छोटा हो या बड़ा, एक न एक दिन नाव को निश्चय ही डुबो देंगा।”
– कालिदास

 

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