Last Updated on August 27, 2018 by Jivansutra
Inspiring Hindi Story on Real Ambition
– विलिअम फैदर
इस शानदार और प्रेरक कहानी का पिछला भाग आप Real God Story in Hindi: भगवान को पाने के लिये सच्ची चाहत चाहिये में पढ़ ही चुके हैं। अब प्रस्तुत है अगला भाग –
उन्होंने वहीँ से एक व्यक्ति को पानी में आने का इशारा किया। वह आदमी डरता-डरता गुर्जिएफ़ के पास पहुँचा। गुर्जिएफ़ ने उससे पानी में डुबकी लगाने को कहा। जैसे ही उस व्यक्ति ने पानी में डुबकी लगाई, गुर्जिएफ़ ने उसकी गर्दन पकड़ ली और उसे जबरदस्ती पानी में डुबोये रखा। उस आदमी ने छूटने की बहुत कोशिश की, पर चूंकि गुर्जिएफ़ शरीर से शक्तिशाली थे इसलिये अपनी गर्दन न छूटा सका।
कुछ देर तक पानी में डुबोये रखने के बाद जब गुर्जिएफ़ ने उसे छोड़ा, तो वह आदमी हाँफते-हाँफते पानी से बाहर निकला। छूटते ही उसने कहा, “क्या ऐसे ही परीक्षा ली जाती है? आपने तो आज मुझे मार ही डाला था। मुझे नहीं बनना ऐसे गुरु का शिष्य जो उन्हें मार डालने पर उतारू हो। ऐसे ही कई कटुवचन कहकर वह आदमी चला गया।
उसकी हालत देखने से ऐसा लगता था, जैसे वह बाल-बाल बचा हो। यह द्रश्य देखकर बाकी लोग खड़े-खड़े कांपने लगे। देखते ही देखते पाँच में से चार लोग उलटे पाँव पीछे लौट गये। केवल एक ही व्यक्ति वहाँ बचा रह गया। उन्होंने उससे भी पानी के अन्दर आने को कहा। गुर्जिएफ़ ने उससे कहा, “क्या तुम अब भी ईश्वर को पाना चाहते हो?
उस व्यक्ति के हाँ कहने पर, गुर्जिएफ़ ने उसे भी पानी में वैसे ही डुबो दिया जैसे पहले वाले को डुबोया था। कुछ देर तक पानी में डुबोये रखने के बाद जब गुर्जिएफ़ को लगा कि अब इसमें बस नाममात्र के प्राण शेष हैं, तो उन्होंने उसे पानी से बाहर निकाल लिया। नदी के अत्यंत शीतल जल में डूबे रहने के कारण और साँस न मिलने की वजह से वह युवक बेहोश हो गया था।
गुर्जिएफ़ ने उस युवक को अपने कंधे पर उठाया और आश्रम में ले आये। कुछ देर तक उसका उपचार करने के पश्चात जब वह युवक होश में आया तो गुर्जिएफ़ ने उससे कहा, “अब तुम मेरे शिष्य बनने के योग्य हो गये हो। मै आज शाम को ही तुम्हे दीक्षा दूंगा। अब तुम थोडा विश्राम करो। ऐसा कहकर जब गुर्जिएफ़ चलने लगे तो उस युवक ने उन्हें टोका और एक प्रश्न का उत्तर देने की प्रार्थना की।
उसने कहा, “गुरुदेव! ईश्वर को जानने में और पानी में डुबोने में क्या सम्बन्ध है? कृपया मुझे अपने ऐसा करने का कारण बतायें। गुर्जिएफ़ के अधरों पर एक मंद मुस्कान तैर गई। उन्होंने युवक से पूछा, “जब तुम पानी में डूबे हुए थे, तो उस समय तुम्हे कौन सी चीज सबसे ज्यादा प्यारी लग रही थी? युवक ने कहा, “उस समय मै बस साँस लेना चाहता था। तुम्हारे प्रश्न का भी यही उत्तर हैं।
डूबते समय जिस तरह तुम्हे केवल हवा लेने की ही चाहत थी, इसी तरह जिस दिन तुम्हारे ह्रृदय में केवल ईश्वर को पाने की चाहत जाग उठेगी, उसी दिन तुम्हे ईश्वर मिल जायेंगे। अपनी यही इच्छा हमेशा बनाये रखना और हाँ औस्पेंसकी, तुम्हारे उस दिन के प्रश्न का भी यही उत्तर है। इतना कहकर गुर्जिएफ़ अन्दर चले गये और उन दोनों की जिज्ञासा का समाधान भी हो गया।
– डॉन विलियम्स जू.
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