Last Updated on May 20, 2019 by Jivansutra
Universe Facts and Meaning in Hindi
42 Universe Facts in Hindi में आज हम आपको Universe (यूनिवर्स) शब्द के Meaning और इससे जुड़े दिलचस्प तथ्यों के बारे में बतायेंगे। इस लेख से आपको यह भी अंदाजा हो जायेगा कि Universe कितना विशाल है। Universe का अर्थ है – ब्रह्माण्ड, सृष्टि, त्रिभुवन, सम्पूर्ण जगत। ब्रह्माण्ड से हमारा तात्पर्य है – “समस्त अंतरिक्ष, समय और इसके घटक; जिसमे ग्रह, सितारे, उल्काएँ, आकाश गंगाएँ और द्रव्य और उर्जा के सभी स्वरुप शामिल हैं।”
हालाँकि समस्त ब्रह्माण्ड का वास्तविक आकार अज्ञात है, लेकिन इसके अनुमानित आकार को मापना संभव है। ब्रह्माण्ड (Universe) की परिकल्पना करने का प्रथम श्रेय भारतीय दार्शनिकों, ऋषियों और प्राचीन यूनानियों को दिया जाता है। लगभग हजारों वर्ष तक पृथ्वी को ही ब्रह्माण्ड का केंद्र समझा जाता रहा, लेकिन कोपरनिकस, न्यूटन और केप्लर के शोधों से यह सिद्ध हो गया कि जिस पृथ्वी को हम Universe का केंद्र समझते आ रहे थे, वह तो अपने सौर मंडल का भी केंद्र नहीं है।
क्योंकि सौर मंडल का केंद्र सूर्य है। इन व्यापक शोधों से ही यह पता चला कि सूरज भी हमारी ‘मिल्की वे गैलेक्सी’ के सैकड़ों अरबों सितारों में से एक सितारा है और यह भी कि हमारी गैलेक्सी भी ब्रह्माण्ड (Universe) की सैकड़ों अरब गैलेक्सीयों में से एक है। ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति को समझने के लिये वैज्ञानिक समुदाय बिग-बैंग थ्योरी का सहारा लेता है। [स्रोत]
क्या आपको अंदाजा है कितना विशाल है हमारा सौर मंडल – Solar System Planets in Hindi
Universe Meaning in Hindi ब्रह्माण्ड क्या है
1. बिग-बैंग सिद्धांत के अनुसार अंतरिक्ष और समय एक साथ लगभग 14 अरब वर्ष पहले अस्तित्व में आये थे, जिसमे द्रव्य और उर्जा की एक निश्चित मात्रा समाहित थी। लेकिन जैसे जैसे ब्रह्माण्ड (Universe) फैलता चला गया, वैसे-वैसे यह कम गहन होते चले गये। हमारे ब्रह्माण्ड (Universe) की सभी गैलेक्सीयाँ एक समान रूप से सभी दिशाओं में फैली हुई हैं। [स्रोत]
2. जिसका तात्पर्य है कि न तो ब्रह्माण्ड का कोई छोर है और न ही इसका कोई केंद्र। अब उन आकाशीय पिंडों को भी देख सकना संभव हैं जो हमसे 13 अरब 80 करोड़ प्रकाश-वर्ष दूर हैं, क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्माण्ड (Universe) निरंतर फैलता चला जा रहा है।
3. उनके अनुसार वह पिंड जो अब हमसे लगभग 46.5 अरब प्रकाश-वर्ष दूर हैं, उन्हें उनके सुदूर अतीत में अभी भी देखा जा सकता है। क्योंकि अतीत में जब उनके प्रकाश का उत्सर्जन हुआ था, वह तब धरती के ज्यादा नजदीक थे। गैलेक्सियों के अध्ययन से पता चला है कि ब्रह्माण्ड (Universe) में उससे कहीं ज्यादा द्रव्य है जितना कि दिखायी देता है।
4. इस अद्रश्य द्रव्य को ही डार्क मैटर कहा जाता है। वैज्ञानिक अवधारणा के अनुसार आज ब्रह्माण्ड का 72 प्रतिशत हिस्सा डार्क एनर्जी से 24.623 प्रतिशत हिस्सा डार्क मैटर से बना है, जबकि 13.7 अरब वर्ष पहले ब्रह्माण्ड (Universe) में डार्क मैटर की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत तक थी।
5. इनके अलावा ब्रह्माण्ड (Universe) में आयनीकृत गैसे, और हैड्रन, लैप्टन और फोटोन जैसे कण भी विद्यमान हैं।
6. ब्रह्माण्ड का साधारण भार कम से कम 1053 किग्रा माना जाता है और इसका औसत तापमान 2.72548 केल्विन।
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Amazing Facts about Universe in Hindi
7. आज भले ही उन्नत तकनीकों और बुद्धिमान खगोल विज्ञानियों के दम पर खगोल विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली हो, लेकिन सच यही है कि अब भी हम अपने ब्रह्माण्ड के ज्यादातर हिस्से के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। ब्रह्माण्ड (Universe) का 96 प्रतिशत हिस्सा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से बना है, अर्थात उन चीजों से जो लगभग अदृश्य ही हैं और जिन्हें इंसानों के लिये जान पाना संभव नही है।
ऐसा होने के पीछे वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चीजें जिन कणों से मिलकर बनी हैं, वह दूसरे नियमित द्रव्य या प्रकाश के साथ व्यवहार नहीं करते हैं। भले ही तारों, ग्रहों और गैलेक्सी के बारे में रोज नित नयी वैज्ञानिक खोजें हो रही हैं लेकिन उन चीजों के बारे में जो आँखों के लिये अदृश्य हैं, किसी निष्कर्ष पर पहुँच पाना असंभव ही है।
8. वैज्ञानिक कहते हैं कि हमारा ब्रह्माण्ड (Universe) बहुत विशाल है। पर यह कितना विशाल है, क्या आप इसका एक हल्का सा भी अंदाजा लगा सकते हैं? चलिये हम आपको बताते हैं। हमारे ब्रह्माण्ड में 50,000,000,000 आकाश गंगाएँ हैं और एक औसत आकार की गैलेक्सी में 100,000,000,000 से लेकर 1,000,000,000,000 तारे तक होते हैं। हमारी इस दूधिया आकाश गंगा (Milky Way Galaxy) में ही धरती जैसे 100 अरब ग्रह हैं, तो अब आप खुद ही समझ लीजिये कि इस ब्रह्माण्ड में हमारा स्थान कहाँ है। समझ में नहीं आता कि इन्सान फिर क्यों इतना घमंड करता है!
9. बेटलगेज धरती से 430 प्रकाश वर्ष दूर एक बहुत बड़ा तारा है और यह धरती के आसमान में दिखायी देने वाले सबसे चमकीले तारों में से एक है। यह इतना चमकीला इसलिये है, क्योंकि यह इस ब्रह्माण्ड (Universe) के सबसे विशाल तारों में से एक है। बेटलगेज के प्रकाश की तीव्रता सूरज से भी 10 हजार गुणा ज्यादा है और इसकी त्रिज्या सूर्य की त्रिज्या से 370 गुणी ज्यादा है।
यदि बेटलगेज सितारे में विस्फोट हो जाय, अर्थात यह अभी के अपने लाल दैत्याकार स्वरुप से किसी सुपरनोवा में बदल जाय, तो यह हमारे आसमान को लगातार दो महीने तक प्रकाशित करता रहेगा और ऐसा कभी भी हो सकता है – कुछ हजार साल बाद या शायद फिर कल ही। [स्रोत]
अनंत और सीमाहीन है हमारा ब्रह्माण्ड
10. वैज्ञानिकों के अनुसार बहुमूल्य मानी जाने वाली सोने और प्लेटिनम जैसी धातुओं का मूल उद्गम सितारे ही थे। उन्होंने यह निष्कर्ष धरती से 13 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित दो न्यूट्रॉन तारों की विशाल टक्कर को देखकर निकाला है।
11. बिग बैंग थ्योरी जिसे आज ब्रह्माण्ड (Universe) की उत्पत्ति का रहस्य खोलने के लिये सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त है, वास्तव में किसी वैज्ञानिक ने नहीं, बल्कि एक ईसाई पादरी ने सुझाई थी। [स्रोत]
12. हमारी आकाशगंगा यानि मिल्की वे गैलेक्सी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिये प्रकाश को 1 लाख वर्ष लग जायेंगे। इसी से आप समझ सकते हैं कि हमारी गैलेक्सी कितनी बड़ी है। [स्रोत]
13. हमारे ब्रह्माण्ड (Universe) में 125 अरब से भी ज्यादा आकाशगंगाएँ हैं। सिर्फ हमारी गैलेक्सी में ही 100 अरब से 500 अरब तारे हैं।
14. प्राचीन समय में सितारों के नक्षत्र, कैलेण्डर का ध्यान रखने के लिये और नौकायन के लिये प्रयुक्त होते थे।
15. केपलर-90 तारा तंत्र में उतने ही ग्रह हैं, जितने कि हमारे अपने सौर मंडल में।
Wonderful Facts about Universe in Hindi
16. अभी तक आपने यह सिर्फ पढ़ा ही होगा कि अगर ब्लैक होल में कोई भी चीज एक बार चली जाय, तो फिर वह वापस लौटकर नहीं आती। यहाँ तक कि अगर कोई तारा भी इसके नजदीक आ जाय, तो यह उसे भी खा जाता है। लेकिन आज हम आपको इस चित्र के माध्यम से बतायेंगे कि आखिर ऐसा कैसे होता है। चित्र में आप देखेंगे कि जैसे ही तारा ब्लैक होल द्वारा निगल लिया जाता है, वैसे ही प्लाज्मा का एक तीव्र प्रवाह बाहर निकलता है, जो सैकड़ों प्रकाश वर्षों की दूरी तक फ़ैल जाता है।
इस घटना को जॉन होकीन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक सुवि गेजारी इस तरह से परिभाषित करते हैं – “जब कोई सितारा ब्लैक होल के अत्यंत शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बलों के द्वारा विखंडित कर दिया जाता है, तब सितारे का कुछ भाग तो ब्लैक होल में ही गिर जाता है और बाकी भाग चकाचौंध कर देने वाले प्रकाश के रूप में बहुत तेज गति से निष्काषित कर दिया जाता है।” [स्रोत]
17. ब्लैक होल का निर्माण किसी बड़े और नष्ट होते सितारे के बिखरने से होता है। इसका गुरुत्वाकर्षण बल बहुत शक्तिशाली होता है, जो अपने क्षेत्र में आने वाली हर चीज को समाहित कर लेता है, यहाँ तक कि प्रकाश को भी।
18. नासा के दो उपग्रह अंतरिक्ष में पृथ्वी के चारों ओर एक पीछे एक चक्कर लगाते रहते हैं। अपने बीच की दूरी का आँकलन करते हुए वह किसी भी गुरुत्वीय अनियमितता का पता लगाते हैं और जानते हैं उनके निकनेम क्या हैं – “टॉम एंड जैरी”
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अंतरिक्ष से जुड़े अविश्वसनीय तथ्य
19. हर साल अंतरिक्ष से धरती पर 100 अरब ब्रह्मांडीय धूल (Cosmic Dust) नीचे गिरती हैं जिसे माइक्रोमेटोरिट्स कहा जाता है। यह आकार में 400 माइक्रोन की होती है और हाँ यह आपकी छत पर भी गिरती हैं।
20. सन 1959 से अभी तक स्पेस जंक (खत्म हो चुके राकेट और सेटेलाइट) के लगभग 6000 टुकड़े अपनी कक्षा से निकलकर अंतरिक्ष में बिखर गये हैं। इनमे से कई तो धरती से भी टकरा चुके हैं।
21. अमेरिका का पहला स्पेस स्टेशन, स्काईलैब सन 1979 में धरती पर हजारों टुकड़ों में टूटकर नीचे गिरा था। ईश्वर को धन्यवाद है कि इसका ज्यादातर हिस्सा समुद्र में ही गिरा था।
22. अंतरिक्ष से गिरे टूटे तारों या उल्कापिंडो से बना दुनिया का सबसे बड़ा क्रेटर अमेरिका के प्रान्त एरिजोना के विनस्लो में है। यह लगभग 4,150 फीट चौड़ा और 150 फीट गहरा है।
23. स्काईलैब के अंतरिक्षयात्रीयों की लम्बाई, अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्व होने के कारण 1.5 से 2.25 इंच तक बढ़ गयी थी।
24. हाइड्रोजन अंतरिक्ष (Space) में पाया जाने वाला सबसे प्रचुर तत्व है – लगभग 75 प्रतिशत।
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Weird Universe Facts in Hindi with Images
25. आप इस बात पर यकीन नहीं करेंगे, लेकिन यह सच है कि अंतरिक्ष में डकार लेना असंभव है। जब आप धरती पर भोजन खाने के पश्चात डकार लेते हैं, तो ग्रेविटी (गुरुत्व) के कारण आपके पेट में समाहित ठोस और द्रव पदार्थ पेट के अन्दर ही रुके रहते हैं और बस सिर्फ गैस ही आपके मुँह से बाहर निकलती है। गुरुत्व के अभाव में गैस ठोस और द्रवीय पदार्थों से अलग नहीं हो सकती। यही कारण है कि अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ चीजें खाने की मनाही होती है। [स्रोत]
26. धरती पर भले ही डायमंड बेहद कीमती चीज हो, लेकिन सौर मंडल के कुछ ग्रहों पर इनकी बरसात होती है। कुछ अध्ययन में पाया गया है कि अरुण, वरुण, ब्रहस्पति और शनि ग्रहों पर हीरों की बरसात होती है। दरअसल इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि इन ग्रहों के वातावरण में दाब इतना ज्यादा होता है कि वहाँ कार्बन के परमाणु क्रिस्टेलाइज होकर हीरों में बदल जाते हैं। इस तथ्य को वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में उपयुक्त परिस्थितियाँ पैदा करके जाँच भी लिया है। [स्रोत]
27. प्रकाश को सूरज से धरती तक आने में 8 मिनट 19 सेकेण्ड लगते हैं। लगभग 3 लाख किमी प्रति सेकेण्ड की अविश्वसनीय रफ्तार के बावजूद सूरज और धरती के बीच की 15 करोड़ किमी की दूरी को तय करने में लगने वाला यह समय भले ही हमें ज्यादा लगता हो, लेकिन फिर भी यह उस 5.5 घंटे वक्त की तुलना में नगण्य ही है, जो सूरज की रौशनी को प्लूटो तक पहुँचने में लगता है।
28. आने वाले लाखों-करोड़ों सालों में सूरज और ज्यादा गर्म और चमकीला होता जायेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार अगले 2.3 अरब वर्षों में तापमान इतना ज्यादा बढ़ जायेगा कि हमारे महासागर वाष्पीकृत हो जायेंगे और धरती पर जीवन असंभव हो जायेगा। फिर हमारा ग्रह भी वैसा ही एक बड़ा रेगिस्तान बन जायेगा, जैसा कि आज मंगल पर है। वैज्ञानिकों का आँकलन है कि जैसे-जैसे सूरज अपना विस्तार करता चला जायेगा, यह हमारी धरती को पूरी तरह से निगल जायेगा।
29. ASTRONAUT शब्द ग्रीक शब्दों से आया है, जिसका अर्थ है – तारा और नाविक।
Incredible Facts about Universe in Hindi
30. 13 नवम्बर 1833 का दिन आज भी अमेरिका के इतिहास की एक दुर्लभ घटना का गवाह है। क्योंकि यह वह दिन है जिस दिन आसमान से आग बरसी थी। चौंकिये मत! यह आग इन्सान द्वारा लगायी हुई आग नहीं थी, बल्कि इस दिन आसमान 2 लाख उल्काओं के एक साथ गिरने से चौंधिया देने वाले प्रकाश से चमक उठा था। लेकिन सबसे विचित्र बात यह है कि कोई भी उल्का धरती तक नहीं पहुँची। अगर वह उल्काएँ धरती तक पहुँच जाती तो आप समझ ही सकते हैं कि फिर क्या होता?
31. कोरोनल लूप उस चमकदार, विद्युतीय प्लाज्मा के संरचनात्मक आर्क हैं जो सूरज की सतह के उपर विद्यमान शक्तिशाली, घुमावदार और चुम्बकीय क्षेत्रों के साथ प्रवाहित होते हैं। इनका औसत आकार धरती के आकार से भी 4 से 5 गुणा ज्यादा होता है।
32. हर साल 5 अगस्त के दिन मार्स क्यूरोसिटी रोवर (नासा द्वारा मंगल पर भेजा गया खोजी उपकरण) मंगल पर अपने पहुँचने की सालगिरह का जश्न ‘हैप्पी बर्थडे सोंग’ गाकर मनाता है। जी हाँ मंगल पर, खुद और बिल्कुल अकेले ही।
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ब्रह्माण्ड से जुड़े कुछ विचित्र तथ्य
33. जब अपोलो 11 का लूनर मोड़यूल चाँद पर उतरा था, तब इसके पास सिर्फ 20 सेकेण्ड का ईंधन बच रहा था। अब आप आसानी से सोच सकते हैं कि अगर थोड़ी देर और हो गयी होती, तब अंतरिक्ष यान और इसके यात्रियों का क्या हाल होता!
34. दूसरे ग्रहों के चाँद हमारी धरती के चाँद की तरह शुष्क और धूलभरे नहीं हैं, जुपिटर के यूरोपा पर बर्फीली सतह के नीचे एक द्रवीय सागर है।
35. हब्बल स्पेस टेलीस्कोप का वजन 12 टन है। यह 43 फीट लम्बी है और इस पर आने वाला कुल खर्च 2.1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा था।
36. धरती पर भले ही हीरों को उनकी दुर्लभता के कारण बहुत कीमती माना जाता हो, लेकिन शनि और बृहस्पति ग्रह पर इनकी बरसात होती है।
37. राकेट इंजन को अपनी खुद की ऑक्सीजन की सप्लाई देनी पड़ती है, ताकि यह बाहरी अंतरिक्ष में अपना ईंधन प्रज्वलित कर सके।
38. इस ब्रह्माण्ड (Universe) में जितने अणु हैं, शतरंज के सिर्फ एक खेल में ही उससे कहीं ज्यादा चालें हो सकती हैं। ओपल रत्न मंगल पर भी मिल चुका है। हमारे ब्रह्माण्ड (Universe) में लगभग 150 अरब गैलेक्सीयाँ हैं और हर गैलेक्सी में 1 खरब से 10 खरब तक तारे हैं।