Last Updated on November 16, 2019 by Jivansutra

 

Structure and Function of Human Heart in Hindi

 

“ह्रदय एक माँसपेशीय अंग है जो परिसंचरण तंत्र की रक्त वाहिनियों के माध्यम से रक्त को पम्प करता है और शरीर के हर अंग तक जीवनदायी ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों को पहुंचाता है। इसके अलावा यह शरीर से अशुद्ध पदार्थों को भी बाहर निकालता है। इंसानी दिल संसार की सबसे शक्तिशाली और सबसे अद्भुत मशीनों में से एक है।”

 

Human Heart in Hindi
आपका दिल शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, इसका ख्याल रखें

दिल की संरचना (Structure of Heart) और उसके योगदान से सम्बंधित आवश्यक बातों को जीव विज्ञान का लगभग हर विद्यार्थी जानता है। लेकिन हमारे वह पाठक, जिन्हें इसके बारे में अच्छी तरह से जानने समझने का अवसर न मिला हो या जो दिल से जुड़े तथ्यों को भूल गये हों, उनके लिये Human Heart in Hindi में दी गयी बातें बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

क्योंकि दिल की महत्ता को समझने के बाद ही इन्सान, अपने दैनिक जीवन और आचरण में उन चीज़ों का समावेश कर सकता है जो उसके Heart के, सही ढंग से कार्य करने के लिये अपरिहार्य हैं। हमारा ह्रदय दोनों ओर से फेफडों से घिरा रहता है। एक स्वस्थ व्यक्ति का ह्रदय आम तौर पर 300 से 350 ग्राम से ज्यादा नहीं होता, लेकिन दिल की अतिवृद्धि (हाइपरट्राफी) होने पर इसका वजन 1000 ग्राम तक हो सकता है।

Development of Heart मानव ह्रदय का विकास

मानव भ्रूण का ह्रदय (Embroyo Heart), गर्भ स्थापित होने के लगभग 23 दिन बाद या आखिरी सामान्य माहवारी (Menstrual Period) (एल एम पी) के पांचवें सप्ताह के बाद, धडकना शुरू करता है। चिकित्सक इसी तारीख को गर्भावस्था के दिनों की गिनती के लिए काम में लेते हैं। हालाँकि यह अभी तक पता नहीं चल पाया है कि भ्रूण के पहले 21 दिनों तक, एक धड़कते दिल (Beating Heart) की अनुपस्थिति में उसमे रक्त का प्रवाह आखिर कैसे होता है।

गर्भ स्थापित होने के बाद, गर्भस्थ शिशु का Heart, माँ के ह्रदय के धड़कन की दर, (लगभग 75-80 बार प्रति मिनट) की दर से धड़कने लगता है। हालाँकि शुरुआती महीने में भ्रूण के दिल की धड़कन की दर 165 से 185 धड़कन प्रति मिनट पहुँच जाती है जो बाद में धीरे-धीरे कम होने लगती है। आइये अब जानते हैं, ह्रदय की संरचना और उसके कार्यों के बारे में –

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Structure of The Human Heart in Hindi

Location & Size of Heart दिल का स्थान और आकार

1. मानव ह्रदय (Human Heart), शंकु के आकार का, खोखला पेशीय अंग है, जो आवृत तालबद्ध संकुचन के द्वारा, रक्त को शरीर के सभी भागों तक पहुँचाता है। हमारा दिल Thoracic Cavity (फेफड़ों के बीच का स्थान) में स्थित होता है। यह 12 सेमी लंबा, 8 सेमी चौड़ा और 6 सेमी मोटा होता है। इसका आकार व्यक्ति की अपनी बंद मुट्ठी जितना ही होता है। हमारा Heart, मनुष्य के बायें स्तन से थोडा सा नीचे, पसलियों की हड्डी के बीच अवस्थित रहता है।

2. आम तौर पर दिल शरीर में बायीं ओर महसूस होता है, क्योंकि बायाँ ह्रदय, बायें निलय के कारण अधिक बड़ा होता है। Heart का यह हिस्सा शरीर के सभी भागों में रक्त भेजता है। चूँकि बायाँ ह्रदय वक्षस्थल की ज्यादातर जगह घेर लेता है, इसीलिये बायाँ फेफड़ा, दायें फेफड़े से कुछ छोटा होता है।

3. मानव ह्रदय, हृद पेशी (Cardiac Muscle) से बना होता है, जो कि एक अनैच्छिक पेशी (Involuntary Muscle) ऊतक है, यह पेशी सिर्फ Heart में ही पायी जाती है, शरीर के दूसरे किसी अंग में नहीं।

4. हमारा Heart एक थैलेनुमा आवरण से ढका रहता है जिसे पेरिकार्डियम कहते हैं। इसमें एक गाढ़ा द्रव्य भरा रहता है जो ह्रदय के संकुचित होने के दौरान घर्षण को कम करती है।

5. सामान्यतः पुरुषों का ह्रदय, स्त्रियों के ह्रदय से थोडा भारी होता है। स्त्रियों के Heart का औसत वजन 225 ग्राम, तो पुरुषों के Heart का औसत वजन 310 ग्राम होता है।

6. एक व्यस्क व्यक्ति के ह्रदय का वजन 225 ग्राम से 325 ग्राम तक होता है। प्रशिक्षित एथलीट और कठोर शारीरिक श्रम करने वाले लोगों के Heart का आकार और बडा हो सकता है।

Structure of Heart ह्रदय की आन्तरिक संरचना

7. मानव ह्रदय (Human Heart) चार भागों में बंटा होता है – बायाँ अलिंद व बायाँ निलय और दायाँ अलिंद व दायाँ निलय। दोनों अलिंद रक्त को ग्रहण करते है, जबकि दोनों निलय शरीर में रक्त भेजते हैं।

8. Heart में आकुंचन और प्रकुंचन निरंतर चलता रहता है। दायें अलिंद और दायें निलय को संयुक्त रूप से कभी-कभी, दायाँ ह्रदय तथा बायें निलय और बायें अलिंद को, बायाँ ह्रदय कहते हैं।

9. ह्रदय के धड़कने की गति और लय का नियंत्रण, मस्तिष्क का निचला भाग करता है जिसे ब्रेन स्टेम कहते हैं। श्वास को नियंत्रित करने वाला केंद्र भी यहीं होता है।

10. ह्रदय में चार वाल्व होते हैं, जो इसके चारों चैम्बर को अलग करते हैं। एक वाल्व प्रत्येक अलिंद और निलय के बीच अवस्थित होता है, जबकि एक वाल्व प्रत्येक निलय के निकास पर अवस्थित होता है।

11. अलिंद और निलय के बीच स्थित वाल्व को Atrioventricular Valves कहते हैं। दायें अलिंद और दायें निलय के बीच बने वाल्व को Tricuspid Valve कहते हैं।

12. मिट्रल कपाट (Mitral Valve), बायें अलिंद और बायें निलय के बीच अवस्थित होता है। इसे Bicuspid Valve भी कहते हैं। Pulmonary Valve, फुफ्फस धमनी (Pulmonary Artery) के सिरे पर रहता है।

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How Heart Gets Energy दिल को उर्जा कैसे मिलती है

13. ह्रदय धमनियों के जरिये शरीर के हर अंग तक रक्त भेजता है, लेकिन यह इनसे अपने स्वयं के लिये कोई रक्त नहीं लेता है। Heart को रक्त की आपूर्ति, कोरोनरी धमनियों द्वारा होती है जो कोरोना अर्थात मुकुट जैसी संरचना के रूप में होती हैं और दिल के बिल्कुल उपरी सिरे पर स्थित होती हैं।

14. चूँकि ह्रदय अपनी स्वयं की उर्जा से चलता है, इसीलिये यदि इसे शरीर से अलग भी कर दिया जाय, तब भी यह काफी देर तक आसानी से धडकता रह सकता है। बशर्ते इसे मिलने वाली ऑक्सीजन में कोई कमी न आये। Heart की इसी खूबी के कारण ही इसका प्रत्यारोपण करना संभव हो सका है।

15. ह्रदय के चारों भाग ( दो अलिंद और दो निलय) हर समय रक्त से भरे रहते हैं, लेकिन Heart को अपने लिये आवश्यक ऑक्सीजन और रक्त की आपूर्ति इनसे नहीं होती है।

16. जब कोई व्यक्ति दौड़ता है, व्यायाम करता है या फिर कड़ी मेहनत का काम करता है, तब उस समय Heart को सबसे अधिक रक्त की आवश्यकता होती है।

 

Functions of The Human Heart in Hindi

How Human Heart Works Actually

17. सबसे पहले ऑक्सीजन विहीन अशुद्ध रक्त दायें अलिंद में प्रवेश करता है, जो शरीर की दो सबसे बड़ी शिराओं (Superior and Inferior Venae Cavae) के माध्यम से लगातार रक्त ग्रहण करता रहता है। दायें अलिंद की ज्यादातर अंदरूनी सतह चिकनी ही होती है। दायाँ अलिंद, त्रिकपर्दी कपाट (Tricuspid Valve) के माध्यम से दायें निलय से जुडा रहता है।

18. जब ह्रदय संकुचित होता है तब रक्त दायें निलय से निकलकर, फुफ्फस धमनियों (Pulmonary Arteries) के माध्यम से फेफडों में चला जाता है। जहाँ पर गैस एक्सचेंज की प्रक्रिया द्वारा कार्बन डाईऑक्साइड गैस मुक्त होती है और रक्त शुद्ध होकर ऑक्सीजन युक्त हो जाता है।

19. दायें निलय और फुफ्फस शिरा के बीच फुफ्फस वाल्व (Pulmonary Valve) रहता है, जिससे अशुद्ध रक्त, दायें निलय से एक बार निकलने के बाद, फिर से वापिस नहीं आ पाता है। इसके बाद फेफडों से आया रक्त, फुफ्फस शिरा के माध्यम से, बायें अलिंद में इकठ्ठा होना शुरू हो जाता है, जहाँ से यह बायें निलय में प्रवेश करता है।

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हमारा दिल आखिर काम कैसे करता है

20. दोनों तरफ के निचले निलय, उपर स्थित अलिंदों से ज्यादा मोटे और मजबूत होते हैं। उसमे भी दायें निलय की तुलना में, बायें निलय की दीवारें ज्यादा मोटी होती हैं, क्योंकि इसे पूरे शरीर में रक्त भेजने के लिये बहुत ज्यादा दाब लगाना पड़ता है।

21. बायें अलिंद और बायें निलय के बीच रक्त प्रवाह, मिट्रल कपाट (Mitral Valve) से नियंत्रित होता है। बायाँ निलय, महाधमनी अर्द्ध चंद्रकार कपाट (Aortic Valve) के माध्यम से, महाधमनी में Blood को पम्प करता है, फिर महाधमनी उपरी और निचली शाखाओं में विभक्त हो जाती है।

22. जो शरीर के उपरी और निचले हिस्से में रक्त की आपूर्ति करती है। इसके बाद, रक्त धमनियों से छोटी धमनियों में और अंत में सूक्ष्म केशिकाओं में स्थानांतरित हो जाता है और प्रत्येक कोशिका को पोषण प्राप्त होता है।

23. फिर कोशिकाओं से ऑक्सीजन विहीन रक्त, शिरिकाओं में जाता है जो संयुक्त होकर शिराएँ बन जाती हैं। फिर यह शिराएँ और बड़ी होकर महाशिराओं में परिणत हो जाती है और रक्त वापिस दायें अलिंद में पहुँच जाता है, जहाँ से रक्त शुद्ध होने की यही प्रक्रिया दोबारा शुरू हो जाती है।

Heart Gives Energy to Body दिल शरीर को उर्जा देता है

24. मानव ह्रदय के दो मुख्य कार्य हैं – एक, शरीर की प्रत्येक कोशिका को शुद्ध रक्त की आपूर्ति करना और दूसरा, अशुद्ध रक्त को वापस अपने तक लाना। Heart, धमनियों के माध्यम से शरीर के मुख्य Vital Organs से लेकर, हर छोटी से छोटी कोशिका तक शुद्ध ऑक्सीजनयुक्त रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित करता है।

25. शरीर के कुल रक्त के 5 प्रतिशत भाग की आपूर्ति ह्रदय को होती है, 15 से 20 प्रतिशत भाग मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को जाता है, 10 से 15 प्रतिशत रक्त यकृत को और 20 से 22 प्रतिशत रक्त गुर्दों में जाता है।

26. यदि ह्रदय से होने वाला रक्त प्रवाह, कुछ क्षण के लिये भी रोक दिया जाय, तो शुद्ध रक्त के अभाव में शरीर की कोशिकाएँ तेजी से नष्ट होने लगती हैं और शरीर के महत्वपूर्ण अंग निस्तेज होने लगते हैं।

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Heart Pumps Blood दिल लहू को सारे शरीर में भेजता है

27. सामान्य स्थिति में Heart प्रति मिनट शरीर में 6 से 7 लीटर रक्त भेजता है, लेकिन दौड़ते समय या अन्य कठोर शारीरिक परिश्रम करते समय यह 20 से 30 लीटर खून तक भेज सकता है।

28. मनुष्य के शरीर के अंगों को रक्त Blood Vessels द्वारा पहुँचाया जाता है, जिनकी कुल लम्बाई 100,000 किमी से भी ज्यादा होती है। यह लम्बाई इतनी है कि इससे पूरी पृथ्वी को 2.5 बार लपेटा जा सकता है।

29. मनुष्य का दिल 1 सेकेण्ड मे 88 मिली लीटर रक्त शरीर में भेजता है। इस तरह देखा जाय तो Heart एक दिन में 7600 लीटर (2000 गैलन) तथा अपने जीवनकाल में लगभग 20 करोड़ लीटर रक्त पम्प करता है।

30. मनुष्य के शरीर में भरा हुआ सारा रक्त एक मिनट के अन्दर ही ह्रदय से घूमकर वापिस आ जाता है। [स्रोत: रेजिना अवराहम कृत सर्कुलेटरी सिस्टम]

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Heart is The Most Vital Organ of Human Body

Heartbeat Rate of Humans दिल की धड़कन से जुडी बातें

31. मनुष्य का ह्रदय (Human Heart) एक मिनट में औसत रूप से 72 बार धड़कता है। इस तरह से ह्रदय एक दिन में 103,680 बार और एक वर्ष में 3,7843,200 बार धड़कता है। यदि कोई व्यक्ति सिर्फ 60 वर्ष तक ही जीये, तो तब तक उसका ह्रदय 227 करोड़ बार धड़क चुका होगा और वह भी बिना रुके, बिना थके। एक पल का भी विश्राम लिये बिना! [स्रोत]

32. अलग-अलग उम्र में दिल के धड़कने की दर (Heartbeat Rate) भी अलग-अलग होती है जैसे नवजात शिशु (0-11 माह) का दिल, एक मिनट में 70 से 160 बार, 1 से 4 वर्ष के बच्चे का 80 से 120 बार, 5 से 9 वर्ष के बच्चे का दिल 75 से 110 बार धडकता है।

33. हालाँकि कुछ व्यक्तियों में ह्रदय के धड़कने की दर 72 से कुछ कम या ज्यादा भी हो सकती है, क्योंकि व्यक्ति की आयु और स्वास्थ्य भी आपके दिल के धड़कने की दर को कम या ज्यादा करते हैं।

34. स्त्रियों का दिल (Woman’s Heart), पुरुषों के दिल की तुलना में कुछ ज्यादा तेजी से धडकता है। जहाँ पुरुषों में औसत हार्टबीट, 72 धड़कन/मिनट मानी जाती हैं, वहीँ स्त्रियों के लिये यह 78 धड़कन/मिनट होती है।

35. जहाँ किसी व्यस्क व्यक्ति का ह्रदय (Adult Heart) एक मिनट में 70 से 72 बार धडकता है, वहीँ गर्भस्थ शिशुओं का ह्रदय प्रति मिनट लगभग 140 से 150 बार धडकता है।

36. जब आप सो जाते हैं तब आपके दिल के धड़कने की रफ्तार भी कम हो जाती है। रात को सोते समय, Heart एक मिनट में औसतन 60 बार धडकता है। [स्रोत]

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Heart is The Strongest Organ सबसे ताकतवर अंग है दिल

37. Heart के धक्-धक् करने की जो आवाज लगातार होती रहती है, वह इसके चारों वाल्वों के खुलने और बंद होने के कारण होती है। ह्रदय के यह वाल्व, इसके सबसे क्रियाशील भाग हैं जो 3 मास के गर्भस्थ भ्रूण से लेकर मनुष्य के जीवित रहने तक लगातार काम करते हैं।

38. ह्रदय उच्च दबाव पर तेज गति से धडकता है। फिर भी इसके फटने की सम्भावना जिसे Medical Terminology में ‘कार्डियक एनुरिस्म (Cardiac Enurism)’ कहते हैं, अत्यंत दुर्लभ होती है। करोड़ों में, शायद कोई एक ही इन्सान दिल के फटने से मरता है।

39. हमारा Heart शरीर की सबसे शक्तिशाली माँसपेशीयों से बना है। स्त्रियों के गर्भाशय के अतिरिक्त, शरीर की अन्य कोई भी मांसपेशी इतनी शक्तिशाली नहीं है। [स्रोत: सिट्रफ ग्रे कृत ह्यूमन एनाटोमी]

40. Heart शरीर में रक्त भेजते समय इतना अधिक दबाव लगता है कि यदि महाधमनी को काट दिया जाय, तो दिल में भरा रक्त फव्वारे की तरह 40 फीट तक ऊपर उठ जायेगा। [स्रोत]

Human Heart in Hindi में हमने दिल की संरचना और उसके कार्यों के साथ-साथ, उन सभी महत्वपूर्ण बातों का वर्णन किया है, जिनकी एक सामान्य विद्यार्थी या शिक्षित मनुष्य से अपेक्षा की जाती है। लेकिन अगर आप दिल से जुडी, हैरतंगेज बातों के बारे में जानना चाहते हैं, तो जीवनसूत्र का Heart Meaning in Hindi नामक लेख अवश्य पढ़ें।

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