Last Updated on September 4, 2022 by Jivansutra
Female, Girls Private Body Parts Name in Hindi with Pictures
Human Body Parts Name in Hindi में हमने आपको मनुष्य के शरीर के अंगों के नामों के बारे में बताया था। हालाँकि स्त्री और पुरुष के शरीर के ज्यादातर अंग समान ही होते हैं, लेकिन फिर भी उनके शरीर में कुछ अंग ऐसे भी होते हैं, जो दूसरे लिंग में नहीं पाये जाते हैं। अर्थात जो अंग पुरुष के शरीर में होते हैं, वह स्त्री के शरीर (Woman’s Body) में नहीं होते और जो स्त्री के शरीर में होते हैं, वह पुरुष के शरीर में नहीं होते।
इसके अतिरिक्त दोनों लिंगों के आकार, आकृति और स्वभाव में भी काफी अंतर होता है, जिसके लिये उनके शरीर में उत्पन्न होने वाले हार्मोन्स जिम्मेदार होते हैं। स्त्री और पुरुष के शरीर में मुख्य अंतर, उनके प्रजनन संस्थान की वजह से होता है, जिनका विस्तार से वर्णन हमने, Female Reproductive System और Male Reproductive System में किया है।
Women Body Parts Name in Hindi स्त्रियों के शारीरिक अंग
चूँकि शरीर के सभी मुख्य अंगों के नामों के बारे में, हम पिछले लेख में बता ही चुके हैं, इसीलिये आज Female Body Parts Name in Hindi में हम आपको स्त्रियों के शरीर के उन प्रधान अंगों के बारे में बतायेंगे, जो उन्हें पुरुषों से अलग करते हैं और जिन्हें प्रत्येक स्त्री-पुरुष को अवश्य ही जानना चाहिये। जानकारी के लिये बता दें कि तीनों जेंडर यानि पुरुष, महिला और किन्नर के शरीर में मुख्य अंतर, उनके प्रजनन तंत्र के कारण होता है।
जो उनके क्रोमोसोम यानि गुणसूत्रों में अंतर होने की वजह से घटित होता है। सभी जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में कुल 46 गुणसूत्र होते हैं, जिनमे 44 ऑटोजोम और 2 सेक्स क्रोमोजोम होते हैं। जहाँ स्त्रियों के शरीर (Woman’s Body) में दो XX क्रोमोजोम होते हैं, वहीँ पुरुषों के शरीर में एक X और एक Y क्रोमोजोम होता है, जिसके कारण इनके प्रजनन तंत्र में विशिष्टता नजर आती है।
लेकिन ट्रांसजेंडर के शरीर में, पुरुषों और स्त्रियों से भिन्न क्रोमोजोम होते हैं, जिसके कारण इनका प्रजनन तंत्र अविकसित रह जाता है और यह कभी भी संतान पैदा नहीं कर सकते हैं। खैर ट्रांसजेंडर का किस्सा यहीं ख़त्म करते हैं, क्योंकि इनके बारे में दूसरे लेख में चर्चा की गयी है।
Female Body Parts Name in Hindi with Pictures
Girl’s Body in Hindi लड़कियों के शरीर की खासियत
लड़के और लड़कियों या स्त्रियों और पुरुषों के शरीर में, मुख्य रूप से इन चीजों का अंतर होता है –
1. स्त्रियों के शरीर में स्तन, भग, योनि, गर्भाशय ग्रीवा या सर्विक्स, गर्भाशय, अंडाशय, डिम्बवाहिनी और सहायक जनन ग्रंथियों जैसे अंग होते हैं, जिनका पुरुषों के शरीर में अभाव होता है।
2. पुरुषों के पूरे शरीर पर, स्त्रियों की तुलना में कहीं ज्यादा बाल होते हैं, विशेषकर चेहरे, सीने और जाँघों पर। जबकि स्त्रियों की इन जगहों पर बाल ना के बराबर होते हैं।
3. पुरुषों का शरीर ज्यादा मस्कुलर (अधिक माँसपेशियों युक्त) और सख्त होता है, जबकि स्त्रियों का शरीर कोमल, लावण्ययुक्त और नरम होता है।
4. पुरुषों की आवाज ज्यादा भारी, रौबीली होती है, लेकिन स्त्रियों का स्वर मधुर और ज्यादा आकर्षक होता है।
लड़कों के मन में तो लड़कियों के अंगों (Girl’s Body) और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में जानने की इच्छा रहती ही है, लेकिन स्त्रियों को खुद भी अपने शरीर के बारे में पर्याप्त जानकारी रखनी चाहियें, ताकि वह अपने स्वास्थ्य को चुस्त-दुरुस्त और बेहतर कंडीशन में रख सकें। तो आइये अब स्त्रियों के शरीर (Female’s Body) के इन विशिष्ट अंगों के बारे में संक्षिप्त रूप से जानते हैं –
Breasts of Females in Hindi स्त्रियों के स्तन
लड़कियों के स्तन: यूँ तो हर इन्सान के शरीर पर दो स्तन होते हैं, फिर चाहे वह शरीर पुरुष का हो या स्त्री का। लेकिन स्तनों का पूर्ण विकास, सिर्फ स्त्रियों के ही शरीर में होता है। पुरुषों के शरीर में तो स्तन सिर्फ एक चिन्ह मात्र ही होते हैं। स्त्रियों के स्तन, उनके प्रजनन तंत्र (Reproducitve System) का हिस्सा हैं, क्योंकि शिशु का जन्म होने के बाद, अगले कई महीनों तक उसे अपना भोजन और पोषण, इन्ही दोनों स्तनों से दूध के रूप में प्राप्त होता है।
लड़कियों के शरीर (Girl’s Body) में, स्तनों का विकास, 11 से 13 वर्ष की उम्र से होना शुरू हो जाता है और धीरे-धीरे उनका आकार बढ़ने लगता है। टीनऐज में लगभग 15 से 17 वर्ष की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते, महिलाओं के स्तन पूर्ण रूप से विकसित हो चुके होते हैं। वास्तव में स्त्रियों के स्तनों के विकास के लिये, एस्ट्रोजन हार्मोन, ही मुख्य रूप से उत्तरदायी है, जो यौवनारम्भ होने पर स्त्रियों के अंडाशय से स्रावित होता है।
ऐसे होता है औरतों के स्तनों का विकास
प्रत्येक स्तन में एक चूचुक (निप्पल) और स्तनमण्डल (एरिओला) होता है। इस स्तनमण्डल का रंग, गुलाबी से लेकर गहरा भूरा तक हो सकता है। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में बहुत सी स्वेदजनक ग्रंथियां भी उपस्थित होती हैं। स्तनों में मांसपेशियां नहीं होती हैं, सिर्फ एक तरह का लिंगामेंट ही इसे बांधे रखता है, जिसे कूपर लिगामेंट कहते हैं।
इसीलिये ज्यादा वजन के कारण या अच्छा सहारा न मिलने के कारण, स्तन नीचे की ओर लटक जाते हैं। स्त्रियों के स्तन (Girl’s Breasts), रूपांतरित स्वेद ग्रंथियां है, जो दुग्ध उत्पन्न करती हैं। यह दूध ही नवजात शिशुओं का एकमात्र आहार है। स्त्रियों के शरीर में बनने वाले दूध का निर्माण, प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन करता है।
स्तन, महिलाओं के शरीर का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, क्योंकि यह उनके शरीर को सुन्दरता भी प्रदान करते हैं। स्त्रियों के शरीर का प्रथम आकर्षण, उसके स्तन ही माने जाते हैं, इसीलिये स्त्रियों को अपने इस अंग के स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखना चाहिये।
Girl’s Private Body Parts Name in Hindi with Images
Girl’s Vulva in Hindi लड़कियों का बाहरी यौन अंग है भग
स्त्री के समस्त बाहरी यौन अंगों को सामूहिक रूप से भग यानि वुल्वा के नाम से संबोधित किया जाता है। दूसरे अर्थों में कहें तो योनि का बाहरी हिस्सा, जो सभी को नजर आता है, उसे भग (चूत) कहते हैं। योनि और भग के बीच क्या अंतर है, इसे आप स्त्री प्रजनन तंत्र में पढ़कर जान सकते हैं। भग के अंतर्गत कई अंग आते हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं –
Girl’s Mons Pubis in Hindi योनि को ढ़कता है मोंस प्यूबिस
भग के ऊपरी कोमल माँसल क्षेत्र को Mons Pubis (योनि प्रदेश) कहते हैं। यह जघन क्षेत्र (Pubic Region) में वसा उतकों से बना एक सुकोमल टीला है, जो जघन हड्डी (Pubic Bone) को ढके रहता है। यह पुरुषों और स्त्रियों दोनों में उपस्थित होता है। मोंस प्यूबिस को एक प्रकार का कवर समझा जा सकता है, जो योनि को ढक लेता है।
मोंस प्यूबिस को माउंड ऑफ वीनस (Mound of Venus) के नाम से भी पुकारा जाता है। योनि प्रदेश का यह पूरा क्षेत्र, लंबे और घने, काले-भूरे रंग के बालों से ढका रहता है, जिन्हें Pubic Hair (जघनास्थि के बाल) कहते हैं। यह बाल लड़कियों की किशोरावस्था के दौरान (Girl’s Puberty), यौवन के आरंभ होने पर, उगना शुरू होते हैं और आरंभ में नरम होते हैं।
Girl’s Pudendal Cleft in Hindi पुड़ेंनडल खाई
मोंस प्यूबिस का निचला सिरा, एक दरार से विभक्त रहता है, जिसे पुड़ेंनडल खाई (Pudendal Cleft) कहते हैं। यह मोंस प्यूबिस को लेबिया मेजोरा यानि वृहद भगोष्ठ से अलग करती है। पुड़ेंनडल खाई को वीनस की खाई (Cleft of Venus) या प्रेम की खाई भी कहा जाता है। इसे प्रेम की खाई इसलिये कहते हैं, क्योंकि पुरुष और स्त्री का प्रेम, चरम उत्तेजना के रूप में यहीं आकर पूर्णता पाता है, जिस समय वह एक दूसरे में समाये रहते हैं।
Girl’s Labia Majora in Hindi वृहद भगोष्ठ
स्त्री भग (Female’s Vulva) की रचना मे सामान्य रूप से दिखाई देने वाली, दो होंठ जैसी मांसल संरचनायें होती हैं, जिन्हें भगोष्ठ या लेबिया कहते हैं। यह भगोष्ठ बाहर की तरफ को निकले होते हैं और त्वचा की मोटी परत से मिलकर बने होते हैं। सबसे बाहरी और बड़े भगोष्ठ को लेबिया मेजोरा कहते हैं। यह गद्देदार होते है और योनि की ज्यादा कोमल आन्तरिक संरचनाओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा यह प्युबिक हेयर (जननांग के बाल) से भी घिरे रहते है।
लेबिया मेजोरा, पुड़ेंनडल खाई और गुदा के बीच स्थित, पेरिनियम के अंदरूनी हिस्से, यूरोजेनिटल ट्रायंगल, पर दोबारा मिलती हैं। लेबिया मेजोरा और लेबिया माइनोरा, दोनों ही भग के बरोठे को सुरक्षा प्रदान करते हैं। वृहत भगोष्ठ की बाहरी त्वचा का रंग, शरीर के बाकी रंग जैसा, जबकि अंदर की त्वचा और म्यूकस झिल्ली का रंग, अक्सर गुलाबी या भूरा होता है।
Girl’s Labia Minora in Hindi लघु भगोष्ठ
लेबिया मेजोरा के अन्दर, लेबिया के दो और कोमल झुर्रीदार होंठ होते हैं, जिन्हें लघु भगोष्ठ (लेबिया माइनोरा) कहते हैं। इनमे कई सबेसस ग्रंथियाँ होती हैं। लेबिया माइनोरा पतली, बेहद नरम, लिजलिजी और बिना बालों की त्वचा होती है। लेबिया माइनोरा भगशेफ के हुड से जुड़े हुए होते हैं।
यह महिलाओं की योनि (Female’s Vagina) को आवरण प्रदान करते हैं और संभोग के दौरान पुरुष के लिंग के स्नेहन में सहायता करते हैं। इसका निचला हिस्सा मूत्रमार्ग और गर्भाशय ग्रीवा से जुड़ा होता है। क्लाइटोरिस का उपरी खोल और लेबिया माइनोरा के दोनों होंठ, पुड़ेंनडल खाई में बाहर को निकले रहते हैं।
Girl’s Clitoris in Hindi क्लाइटोरिस या भग-शिश्न
लेबिया माइनोरा के सबसे उपरी हिस्से में एक उभरी हुई माँसल रचना होती है, जिसे भग-शिश्न या क्लाइटोरिस कहते हैं। यह वह स्थान है जहाँ लेबिया माइनोरा (लघु भगोष्ठ) के दोनों लिप्स मिलते हैं। भग की तरह, स्त्रियों की क्लाइटोरिस का आकार भी अलग-अलग हो सकता है।
यह इरेक्टाइल टिश्यूओं (लचीले उतकों) से बनी होती है और जब स्त्री के अन्दर कामोत्तेजना पैदा होती है, तो यह फूलने लगती है। आम तौर पर इसका आकार और आकृति मटर के दाने जैसी होती है, लेकिन यह इससे कहीं ज्यादा बड़े आकार में भी हो सकती है। क्लाइटोरिस को शिश्निका भी कहते हैं।
Woman’s Body Parts Name in Hindi with Images
Woman’s Hymen in Hindi हाइमन या योनिच्छिद्र
हाइमन एक प्रकार की झिल्ली जैसी पतली माँसल संरचना होती है, जो योनि (वेजाइना) को चारों और से छूती है और योनिद्वार को आंशिक रूप से ढके रहती है। एक तरह से कहा जाय तो स्त्रियों के आन्तरिक प्रजनन अंगों की सुरक्षा करती है हाइमन, ताकि कोई हानिकारक वस्तु उसके भीतर न जा सके। हाइमन को हटाये बिना, स्त्री के आन्तरिक यौन अंगों (Internal Sex Organs of Females) को कतई नहीं देखा जा सकता है।
वेजाइना के आकार और प्रकार के हिसाब से हाइमन (Hymen) भी अलग-अलग प्रकार की होती है। आम तौर पर हाइमन मैथुन के समय ही फटती है, लेकिन कभी-कभी ज्यादा फिजिकल एक्सरसाइज से या वेजाइना में कुछ डालने से भी यह फट सकती है। ऐसा होने पर वेजाइना से खून निकलने लगता है, लेकिन ऐसा हमेशा ही हो, यह जरुरी नहीं होता।
Woman’s Bulb of Vestibule in Hindi भग का बरोठा
लेबिया माइनोरा के बीच का वह क्षेत्र, जहाँ योनिद्वार और मूत्रछिद्र स्थित होते हैं, उसे वुल्वल वेस्टिबुल या भग का बरोठा कहते हैं।
Woman’s Urethral Opening in Hindi मूत्रछिद्र
भग के अन्दर स्थित वह छोटा सा छिद्र, जहाँ से स्त्रियों के मूत्राशय से आने वाला मूत्र बाहर निकलता है, मूत्रछिद्र कहलाता है। यह क्लाइटोरिस के ठीक नीचे होता है।
Woman’s Vaginal Orifice in Hindi योनिद्वार
मूत्रछिद्र के ठीक नीचे से ही योनि का आरंभ हो जाता है। भग के बरोठे के तल में, मूलाधार की तरफ, योनिद्वार स्थित होता है। जब तक कोई चीज अन्दर न घुसायी जाय, तब तक योनि का यह द्वारा बंद ही रहता है। योनिद्वार आंशिक रूप से हाइमन झिल्ली से ढका रहता है।
Woman’s Vestibular Glands in Hindi कर्ण कोटर ग्रंथियाँ
वेस्टिबुलर ग्लैंड्स (कर्ण कोटर ग्रंथियाँ) को बार्थोलिन ग्लैंड्स भी कहा जाता है। योनिद्वार के पिछले हिस्से की किसी भी तरफ दो बड़ी कर्ण कोटर ग्रंथियाँ होती हैं। यह ग्रंथियाँ म्यूकस और योनि को चिकना करने वाला द्रव्य छोडती हैं।
Woman’s Perineum in Hindi स्त्रियों का मूलाधार
स्त्रियों की भग और गुदा के बीच का स्थान, पेरिनियम यानि मूलाधार कहलाता है। इस मूलाधार का अंदरूनी भाग, यूरोजेनिटल ट्रायंगल (Urogenital Triangle) कहलाता है।
Woman’s Pubic Hair in Hindi स्त्री जननांग के बाल
प्युबिक हेयर जिन्हें यौनांग के बाल भी कहते हैं, स्त्रियों के जननांग के उपर उगने वाले बाल हैं, जो लंबे तथा रुक्ष होते हैं। इनका रंग व्यक्ति के सिर के बालों जैसा ही होता है, जो आम तौर पर काले या भूरे रंग के होते हैं।
Woman’s Sebaceous Glands in Hindi सबेसस ग्रंथियाँ
लिबिया मिनोरा यानि लघु भगोष्ठ के अन्दर कई सबेसस ग्रंथियाँ ग्रंथियाँ होती हैं। इसके अतिरिक्त योनि में कई अन्य जनन ग्रंथियाँ जैसे कि स्किनी ग्रंथि, पेरेनियल ग्रंथि और रेक्टल ग्रंथि भी होती हैं। इनके बारे में जानने के लिये Female Reproductive System in Hindi नामक लेख पढ़ें।
Female’s Private Body Parts Name in Hindi with Picture
Female’s Vagina in Hindi महिलाओं का मुख्य सेक्सुअल पार्ट है वेजाइना
योनि या वेजाइना एक लचीली और मस्कुलर ट्यूब होती है, जो स्त्रियों के गर्भाशय (Female Uterus), को गर्भग्रीवा (Cervix) के माध्यम से भग (Vulva) यानि बाहरी स्त्री प्रजनन अंग से जोड़ती है। वेजाइना स्त्रियों का आंतरिक जननांग है। वेजाइना के माध्यम से ही स्त्री-पुरुष सम्भोग (इंटरकोर्स) कर सकते हैं। इसके अलावा शिशु को जन्म देने, पीरियड में ब्लड आने और पेशाब करने जैसी क्रियाएँ भी इसी के माध्यम से संपन्न होती है।
स्त्रियों को सम्भोग सुख भी योनि के माध्यम से ही प्राप्त होता है, क्योंकि योनि की बाहरी दीवारों में ही उन संवेदनशील तंत्रिकाओं का सघन जाल होता है, जो मैथुन के समय उसे चरम सुख का अनुभव कराती हैं। G-स्पॉट भी योनि के ही अन्दर अवस्थित होता है, जिसे ओर्गास्म का केंद्र माना जाता है।
Female’s Cervix in Hindi गर्भाशय ग्रीवा
गर्भाशय की गर्दन या गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय का निचला हिस्सा है जो इसे योनि से जोड़ता है। इसे सर्विक्स भी कहते हैं। स्त्रियों के सर्विक्स की लम्बाई 2 से 3 सेमी और आकृति बेलनाकार होती है। गर्भाशय ग्रीवा, योनि और गर्भाशय को अलग-अलग करती है। इसका आकार एक छेद वाले गोले की तरह होता है, जिससे ब्लड (पीरियड में होने वाला) बाहर निकलता है और स्पर्म अंदर प्रवेश करते हैं।
उंगली को योनि में गहराई तक डालने पर, कोई भी स्त्री अपनी गर्भाशय ग्रीवा को आसानी से महसूस कर सकती हैं। सामान्य अवस्था में गर्भाशय ग्रीवा का मुख लगभग पिचका सा रहता है और माहवारी (मासिक धर्म) के दौरान निकलने वाले रक्त को शरीर से बाहर करने हेतु, कुछ देर के लिये ही खुलता है।
हालाँकि जब बच्चे का जन्म होता है, तो सर्विक्स अपनी मूल चौड़ाई से कई गुणा ज्यादा फ़ैल जाता है, जिसके पीछे इसका बहुत ज्यादा लचीलापन जिम्मेदार होता है। सर्विक्स, स्त्रियों के प्रजनन संस्थान का बहुत ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है और स्त्री प्रजनन संस्थान की ज्यादातर बीमारियाँ इसी की वजह से होती हैं।
Female’s Uterus in Hindi स्त्रियों का गर्भाशय
गर्भाशय स्त्रियों के प्रजनन संस्थान के अंतर्गत आने वाला एक खोखला और थैलेनुमा अंग है, जो बेहद मजबूत माँसपेशियों से बना होता है। यह मूत्राशय के पीछे मगर उपर की ओर अवस्थित होता है। इसे यूट्रस और बच्चेदानी भी कहते हैं। गर्भाशय का आकार किसी उल्टी नाशपाती जैसा होता है और इसका उपरी हिस्सा फैलोपियन ट्यूब्स से और निचला हिस्सा सर्विक्स के माध्यम से योनि से जुड़ा होता है।
गर्भाशय बेहद महत्वपूर्ण अंग है, क्योंकि पैदा होने तक बच्चे का निर्माण और विकास इसी के अन्दर होता है। वे स्त्रियाँ जो गर्भवती नहीं होती हैं, उनका गर्भाशय बहुत छोटा होता है, लेकिन गर्भवती स्त्रियों का गर्भाशय भ्रूण के कारण बड़ा होता है। जैसे-जैसे यह भ्रूण बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे गर्भाशय का आकार भी बढ़ता चला जाता है। एक तरह से कहा जाय तो यह गर्भाशय ही हर मनुष्य के जीवन के शुरूआती 9-10 महीनों में उसका निवास-स्थान होता है।