Last Updated on December 1, 2019 by Jivansutra

 

Amazing Eye Treatment for Eye Problems in Hindi

 

“हमारी आँखे, निश्चित रूप से शरीर का एक बेहद ही बेशकीमती अंग हैं। यह वह अंग है, जिसके बिना हमारी दुनिया पूरी तरह से अँधेरी है। जिसके बिना संसार का समस्त सौंदर्य, वैभव हमारे लिये तुच्छ है और जिनके बिना जीने की कल्पना कर सकना भी मौत की ही तरह दुखदायी है।”

 

Eye Problems Treatment in Hindi में, आज हम अपने पाठकों के लिये, एक सरल मगर चमत्कारिक औषधि के रूप में, उनकी बेशकीमती आँखों के लिए एक अमूल्य उपहार लाये हैं। जिसे आप तब तक याद रखेंगे, जब तक आप जीवित रहेंगे। यकीनन इस दुनिया में उस उपहार से बढ़कर और कोई दूसरा उपहार नहीं हो सकता है, जो हमारे जीवन या स्वास्थ्य को अक्षुण्ण बनाये रखने में योगदान दे।

क्योंकि इसके बल पर ही हम, दूसरे सभी उपहारों का उपभोग कर पाते हैं। भगवान बुद्ध ने भी स्वास्थ्य को ही मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा उपहार माना है। क्योंकि जिसके पास आरोग्य ही नहीं है, उसके लिए जीवन का प्रत्येक सुख बेकार है। आज दीपावली के इस शुभ अवसर पर, हम भी आपको एक अपूर्व उपहार भेंट कर रहे हैं, जो आपके शरीर और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये है।

Eyes are Boon of God in Hindi आँखे हैं ईश्वर का वरदान

यह उपहार न केवल आपके नेत्रों का जीवन बढ़ायेगा, बल्कि चिकित्सकों पर खर्च की जाने वाली मेहनत की कमाई को बर्बाद होने से भी रोकेगा। आँखों को नया जीवन प्रदान करने वाली यह औषधि और कुछ नहीं, बल्कि आयुर्वेद में वंडर ड्रग के नाम से प्रसिद्ध गौ घृत है। जिसे हम देशी घी के नाम से भी जानते हैं। गाय का शुद्ध घी, हम अक्सर खाते ही है।

क्योंकि इससे न केवल भोजन का स्वाद ही बढ़ता है, बल्कि शरीर को आवश्यक पोषण भी मिलता है। लेकिन आपमें से ऐसे कितने लोग हैं जो यह जानते हैं कि गाय का घी, आँखों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। आज हम आपको विस्तार से गौ घृत के इस अदभुत प्रयोग के बारे में बता रहे हैं।

जिसे हमने स्वयं और अपने परिवार पर लगभग तीन वर्ष तक प्रयोग किया है और जिसके अविश्वसनीय परिणामों को देखकर हमें आश्चर्यचकित रह जाना पड़ा है। जनसामान्य के स्वास्थ्य संरक्षण और जानकारी के उद्देश्य से, हम इस प्रयोग की विधि का विस्तार से उल्लेख कर रहे हैं –

A Wonderful Treatment for Eye Problems in Hindi

गाय का शुद्ध घी आँखों के बहुत से रोगों का अद्भुत उपचार है

सर्वप्रथम आप गौ का शुद्ध घी तैयार कीजिये। इस प्रयोग के लिए घर पर ही अच्छी तरह से तैयार किये गये घी का होना अनिवार्य शर्त है और घी सिर्फ गाय का ही होना चाहिये। भैंस, भेड, बकरी या किसी भी अन्य जानवर का घी अनुपयुक्त है। क्योंकि अधिकतम औषधीय गुण केवल गाय के दूध और घी में ही होते हैं और हमने यह प्रयोग भी सिर्फ गाय के घी से ही संपन्न किया है।

यदि किस प्रकार से देशी गाय का घी मिल सके तो वह सर्वोत्तम है। ध्यान रखें, बाजार में मिलने वाला गाय का घी, चाहे वह किसी भी ब्रांड का क्यों न हो, और चाहे उसके शुद्ध होने की कितनी भी गारंटी क्यों न हो, इस प्रयोग के लिये निषिद्ध है। क्योंकि बाजार में मिलने वाले घी में उसे लम्बे समय तक संरक्षित रखने के लिए कुछ विशेष रसायन (Preservatives) मिलाये जाते हैं, जो आँखों के लिए नुकसानदायक होते हैं।

इसके अलावा आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट बहुत आम बात है और घी भी इससे अछूता नहीं है। तो ध्यान रखें, इस घी को आप अपने घर पर ही तैयार करें और जिस दूध से आप इसे तैयार करें, वह दूध भी मिलावट से रहित पूरी तरह शुद्ध होना चाहिये। डेयरी पर मिलने वाला, पैकेज्ड दूध और दूधिये का दूध भी अक्सर शुद्ध नहीं होता है। इसीलिये इन्हें भी, इस घी को तैयार करते समय उपयोग में न लें।

Eye Treatment in Hindi नेत्र रोग का सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपचार

दूध सिर्फ अपने घर की गाय या अपने सामने निकाला गया होना चाहिये। यदि कोई व्यक्ति आपका बहुत विश्वसनीय है तो आप उससे भी तैयार किया गया घी ले सकते हैं। घर पर घी तैयार करने की विधि बहुत ही आसान है और लगभग अधिकांश गृहिणी इस विधि को जानती है। बस ध्यान दें कि घी अच्छी तरह से पका हुआ होना चाहिये, साथ ही वह जला हुआ भी न हो।

अधपके घी में खट्टापन होने के कारण, वह आँखों को नुकसान दे सकता है और जला हुआ घी आँखों में जलन बढ़ा सकता है। तो इस विषय में हम और अधिक विस्तार में न जाते हुए सीधे प्रयोग विधि पर आते हैं। गौ का यह शुद्ध घी आपको अपनी आँखों में डालना है। कई लोगों को आँखों में घी डालना अटपटा लग सकता है, क्योंकि हम अक्सर शहद के विषय में ही सुनते हुए बड़े हुए हैं।

लेकिन यकीन मानिये, घी आँखों के लिये किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। सिर्फ एक सप्ताह के प्रयोग से ही आपको इस कथन की सत्यता के बारे में विश्वास हो जायेगा। लेकिन आँखों के समुचित स्वास्थ्य के लिये जिससे वह लम्बे समय तक आपका साथ दे सकें, इस प्रयोग को पूरे जीवन जारी रखना बहुत लाभदायक रहेगा।

Precautions During This Eye Treatment in Hindi

आँखों में घी डालते समय यह बातें हमेशा ध्यान रखें

1. वैसे तो गौ घृत दिन में किसी भी समय डाला जा सकता है, लेकिन रात्रि का समय विशेष रूप से लाभदायक है। जब आप रात में सोने के लिए बिस्तर पर लेटें, तो उसी समय दोनों आँखों में घी की दो-दो बूँदे डालें और नेत्र बंदकर लेट जाँय। ध्यान रखिये, इसके बाद न तो आप आँख खोलें और न ही जागकर दूसरा कोई काम करें। आपको आँखे सुबह ही खोलनी है ताकि इस पूरे समय में घी की स्निग्धता, आँखों में अच्छी तरह से प्रविष्ट हो जाय।

2. घी अधिक पुराना नहीं होना चाहिये, क्योंकि इस प्रकार के घी में अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है। यह घी जख्मों को भरने के लिये और शारीरिक दौर्बल्य में बहुत लाभकारी है, लेकिन आँखों के लिये नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। इसलिये बहुत पुराना घी न इस्तेमाल करें। आँखों के लिये ताजा घी (6 माह से अधिक पुराना न हो) ही लें। यह भी ध्यान रखिये कि उसमे किसी प्रकार की फंगस या गंदगी भी न जमा हो।

3. जिस घी को आप आँखों में डालने के लिये इस्तेमाल करें, उसे सिर्फ काँच या स्टील के बर्तन में ही रखें। वह बर्तन भी एयरटाइट होना चाहिये ताकि बाहर से कोई अशुद्धि उसमे न गिरे। प्लास्टिक, पीतल, काँसा आदि दूसरी धातुओं के बर्तन में रखे घी को आँखों के लिए प्रयोग नहीं करना चाहिये।

4. घी पिघला हुआ होना चाहिये, लेकिन वह गर्म भी न हो। गर्म घी, आँखों में जलन के साथ-साथ उन्हें नुकसान भी पहुँचाता है, इसलिये इसका विशेष ध्यान रखें। घी जमा हुआ भी नहीं होना चाहिये, क्योंकि इससे आँखों में चुभन होती है और आप काफी देर तक, तब तक परेशानी महसूस करेंगे, जब तक कि वह आँखों की गर्मी से पिघल नहीं जायेगा।

5. गर्मियों में तो घी अक्सर पिघला हुआ ही रहता है, इसलिये उस समय कोई समस्या नही होती, लेकिन सर्दियों में जब घी जम जाता है तब उसे पिघला लेना आवश्यक है।

Eye Problem Treatment in Hindi ऐसे प्रयोग करें घी

6. आँखों में घी डालने के लिये आप, बाजार में मिलने वाले ड्रॉपर का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन उसे आपको प्रतिदिन अच्छी तरह धोकर उपयोग में लाना होगा। चम्मच का प्रयोग भी आँखों में घी डालने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इससे कभी-कभी ज्यादा घी पड़ने की सम्भावना रहती है।

7. सबसे सरल उपाय जिसे हम स्वयं भी प्रयोग में लाते हैं, यही है कि आप अपने हाथ को अच्छी तरह से साफ़ करके, अपनी कनिष्ठा ऊँगली से ही दोनों आँखों में दो-दो बूँद घी टपका लें। आँखों में घी डालने के पश्चात सीधे ही लेटे रहें, अन्यथा तिरछे होने पर घी आँखों के किनारों से जल्दी ही बाहर निकल जायेगा।

8. जिन लोगों की आँखे कमजोर हैं, उन्हें आँखों में घी डालने पर, तीन-चार दिन तक हल्की-हल्की जलन/पीड़ा की शिकायत हो सकती है, लेकिन फिर ऐसी समस्या नहीं होती। इसलिये यदि ऐसा हो तो घबराना नहीं चाहिये। हमारे साथ भी आरंभ में ऐसा ही हुआ था। यह पीड़ा शहद डालने से होने वाली जलन की तुलना में कम ही होती है।

9. आँखों में घी डालने के दौरान, कुछ दिन तक सुबह सोकर उठने के पश्चात, आपको चीजें देखने में हल्की सी कठिनाई हो सकती है। जो प्रायः इस रूप में होती है कि जब आप ध्यान से किसी चीज़ को देखते हैं तो उसका स्वरुप अस्पष्ट नजर आता है या कभी-कभी हल्के से धुंधलेपन का अहसास होता है

10. लेकिन दिन बीतने के साथ-साथ यह समस्या समाप्त हो जाती है। दरअसल ऐसा होने के पीछे कारण यह है कि घी की स्निग्धता अधिक होती है और उसकी परत आँखों पर अधिक देर तक रुकी रहती है।

My Experimental Story About Eye Treatment in Hindi

नेत्र उपचार पर एक अनूठे प्रयोग की मेरी अपनी कहानी

अब हम आपको इस प्रयोग के लाभों के बारे में बताते हैं। पर इससे पहले, मै आपको अपने और अपने परिजनों पर हुए इस प्रयोग के विषय में बताना चाहूँगा, ताकि आप स्वयं ही इस प्रयोग की विश्वसनीयता का अनुमान लगा लें –

वेबसाइट को क्रियाशील रखने के लिये, हमें नियमित रूप से पढने के साथ-साथ कंप्यूटर पर भी काम करना पड़ता है और प्रतिदिन न्यूनतम 7-8 घंटे कंप्यूटर पर आवश्यक काम करने में ही खर्च हो जाते हैं। इससे आप सहज ही अनुमान लगा सकते हैं कि आँखों पर कितना दबाव पड़ता होगा। लगातार कंप्यूटर पर कार्य करते रहने से Eyes में जलन, सिरदर्द और आँखों में सूखेपन की समस्या बेहद तेजी से उभरती है।

जिन्हें आँखे कमजोर होने के कारण चश्मा लगाना पड़ा है, वह लोग जानते हैं कि आँखों की ड्रायनेस, इनकी सबसे बड़ी दुश्मन होती है। आँखों के सही प्रकार से काम करने के लिये थोड़ी-थोड़ी देर में पलकें झपकाना आवश्यक है। क्योंकि ऐसा करने से अश्रु ग्रंथियों से निकलने वाला चिकना द्रव, कॉर्निया को स्निग्ध बनाये रखता है और लेंस को फोकस करने में मदद करने वाली सूक्ष्म नसों और पेशियों पर दबाव नहीं पड़ता है।

लेकिन जब आप एकटक बिना पलक झपकाये काम करते हैं, तो वह द्रव नहीं निकल पाता है। जिससे फोकस करने के लिए नसों को अधिक बल लगाना पड़ता है और धीरे-धीरे नसें कमजोर पड़ने लगती हैं। जब नसें अधिक कमजोर हो जाती हैं, तब आपको प्रत्येक चीज अस्पष्ट और धुंधली नजर आती है। क्योंकि लेंस को फोकस करने में मदद करने वाली यह सूक्ष्म नाड़ियाँ देर तक, उसे केन्द्रित नहीं रख पाती हैं।

Dry Eyes Problem in Hindi आँखों के सूखेपन की समस्या

ड्रायनेस के कारण हमारे लिये भी काम कर पाना मुश्किल हो गया। चिकित्सक के परामर्श पर जिन दवाइयों का सेवन किया गया, उन्हें दिन में तीन-चार बार आँखों में डालने पर भी कोई लाभ नहीं दिखायी दिया। इस कार्य में हजारों रूपये खर्च हो गये थे, पर परिणाम आशानुकूल नहीं मिला। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अब चश्मा ही एकमात्र विकल्प है।

लेकिन चश्मा लगाने के पश्चात भी आँखों के कमजोर होने का पूरा-पूरा खतरा था, क्योंकि कंप्यूटर पर काम करना अनिवार्य था। इसीलिये Eye Treatment के दूसरे उपायों पर विचार करना आवश्यक हो गया था। चूँकि मै बचपन से ही गाय के घी की अद्भुत सामर्थ्य के विषय में सुनता आया था और इसके कई प्रयोगों को पहले भी सफल होते देख चुका था।

इसीलिये मैंने स्वयं ही आँखों पर इसका प्रयोग करने का निश्चय किया। चूँकि घी सिर्फ वसा का परिशुद्ध रूप है, इसलिये हानि होने की कोई संभावना नहीं बनती थी। प्रथम तीन दिन तक घी डालने के पश्चात, आँखों में हल्की-हल्की जलन अनुभव हुई। क्योंकि कमजोर आँखों में घी कुछ जलन पैदा करता है।

लेकिन तीन दिन के पश्चात किसी भी प्रकार की पीड़ा का कोई अनुभव नहीं हुआ और अब तो पता भी नहीं चलता कि आँखों में घी गया है या नहीं। लगभग 10 दिन तक (रात में घी डालने के बाद) सुबह के 10-11 बजे तक चीजें हल्की-हल्की धुंधली नजर आती रही जैसे कि वह घी डालने से पहले नजर आती थी।

Successful Eye Treatment in Hindi नेत्र रोगों का सफल उपचार

क्योंकि आँखे कमजोर हो गयी थी और चीज़ें स्पष्टता से नजर नहीं आती थी, साथ ही किसी भी चीज को सिर्फ 2 से 4 सेकेण्ड देखने पर ही आँखों से पानी निकलना आरम्भ हो जाता था। घी डालने के 15 दिन के अन्दर यह सब बंद हो गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, मैंने इस अवधि में कंप्यूटर पर काम करना नहीं छोड़ा था, हाँ उसकी समयावधि अवश्य कम कर दी थी।

1 महीने तक लगातार प्रयोग करने के पश्चात मैंने आलस्यवश इस प्रयोग को करना छोड़ दिया। इससे 10-15 दिन तक कोई समस्या नहीं उत्पन्न हुई। लेकिन दोबारा फिर से ड्रायनेस की समस्या उभरने लगी। इसके बाद से मैं इस प्रयोग को निर्बाध रूप से करता चला आ रहा हूँ।

कई बार तो 10 से 12 घंटे तक काम करने के पश्चात भी किसी प्रकार की कोई समस्या दिखायी नहीं दी। स्वयं पर किया गया गौ घृत का यह प्रयोग बेहद सफल रहा है, जिसने न केवल मेरी आँखों को नया जीवन प्रदान किया, बल्कि चिकित्सकों और दवाइयों पर खर्च होने वाला समय और हजारों रूपये भी बचाये।

Ghee is Mind Blowing Remedy for Eye Problems in Hindi

आँखों की जिंदगी बदलने वाला उपचार है गाय का शुद्ध घी

गौ घृत से उपचार का यह प्रयोग हमने अपने माता-पिता पर भी किया है, जिसके परिणाम अभी तक बहुत उत्साहवर्धक रहे हैं। पिताजी की आँखों की दृष्टि जो साल-दर साल गिरती जा रही थी, अब स्थिर है। सिर्फ तीन मास के प्रयोग से, हमारी माताजी जिनकी आँखे बहुत कमजोर होने के कारण मस्तिष्क और ललाट (माथे) में बहुत दर्द रहता था, बिल्कुल समाप्त हो गया है। अब हम इसका माताजी के काले मोतियाबिंद पर परीक्षण कर रहे हैं।

जिसके उपचार के बाद भी आँखों की रौशनी बहुत अच्छी तरह से नहीं आती है। निश्चित रूप से यह स्वीकार कर पाना कठिन है, लेकिन हम अपनी ओर से प्रयास जारी रखे हुए हैं और लम्बे समय के पश्चात ही पता चल पायेगा कि काले मोतियाबिंद पर घी का प्रभाव किस प्रकार से होता है। प्रयोगात्मक परीक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि घी से आँखों को निम्न लाभ होते हैं –

Ghee Benefits for Eyes in Hindi नेत्र रोगों में घी के लाभ

1. गाय का घी, ड्रायनेस की समस्या को जड़ से समाप्त कर देता है, क्योंकि स्निग्ध होने से, यह आम दवाइयों की तुलना में आँखों को देर तक चिकना रखता है। सामान्य रूप से यह 12 से 18 घंटे तक आँखों में पर्याप्त नमी बनाये रखता है। जबकि आँखों में डालने वाली दवाइयाँ अधिक से अधिक 2 से 3 घंटे तक ही यह काम कर पाती हैं। नियमित रूप से घी डालने पर, सूखेपन की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।

2. जो लोग लगातार कंप्यूटर पर काम करते हैं या लगातार मोबाइल फोन देखते हैं या फिर टीवी से घंटों चिपके रहते हैं, उनकी आँखों के लिये यह औषधीय प्रयोग, रामबाण के तुल्य है।

3. नेत्रों की ज्योति, घी के प्रयोग से बढती है। यदि पाचन तंत्र स्वस्थ हो तो घी खाने से और भी अधिक लाभ होता है।

4. सामान्य रूप से आँखे दुखने पर (यदि कोई गंभीर व्याधि नहीं है), घी के प्रयोग से बहुत तेजी से लाभ मिलता है।

5. लम्बे समय तक घी का प्रयोग करने पर चश्मे से छुटकारा मिल सकता है और आँखों की रौशनी लंबे समय तक स्थिर रहती है।

Eye Problems in Hindi नेत्र रोगों से सुरक्षा करता है घी

6. वेल्डिंग का काम करने वाले या फिर तेज रौशनी को देखने के कारण, जिनकी आँखे चकाचौंध से दुःख रही हों, वे तीन दिन तक घी का लगातार प्रयोग करें। पीड़ा कम होने के साथ-साथ उनकी आँखे ठीक हो जायेंगी। जिन लोगों को इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ा है, वह जानते ही होंगे कि तेज रौशनी के कारण रात में आँखों में कितनी भारी पीड़ा होती है। दर्द के कारण व्यक्ति रात्रि को सो भी नहीं सकता है। लेखक का इस बारे में बड़ा कष्टकारी व्यक्तिगत अनुभव है।

7. जिनकी आँखे बहुत कमजोर होने पर, मस्तिष्क के अग्र भाग या माथे के निकट दर्द रहता है। उनका दर्द घी के निरंतर सेवन से दूर हो जाता है, लेकिन शीघ्रता से लाभ पाने के लिये मस्तक और शिरोभाग की मालिश अवश्य करें।

विशेष – आँखों में घी डालने के साथ-साथ यदि आप अपने माथे और सिर की भी मालिश करें तो लाभ तेजी से और ज्यादा होता है। यदि आपका पाचन सही है तो खाने से जो लाभ होता है, उसके बारे में तो बस अनुभव से ही जाना जा सकता है। इसके बारे में विशेष रूप से हम अगले लेख में लिखेंगे।

Eye Problem Treatment That Changed Our Lives in Hindi

इस उपचार ने हमारी जिंदगी बदल डाली

घी के अद्भुत फायदों के बारे में हम अधिक क्या कहें! बस इतना समझ लीजिये, गाय का घी सम्पूर्ण मानव जाति के लिये अमृत के तुल्य है। जिसकी तुलना में आ सकने वाला रसायन संसार में दुर्लभ ही है। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके स्वास्थ्य विशेषकर आँखों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। हमने 3 वर्ष तक अच्छी प्रकार से इस प्रयोग का परीक्षण किया है।

वह लोग जो चिकित्सकों की दवाइयों से निराश हो चुके हैं और जो नेत्रों के कारण परेशान हैं, वह इस प्रयोग से अवश्य लाभ उठायें, क्योंकि यह निराप्रद है। ध्यान दें, हमने यह प्रयोग आँखों से संबंधित उन्ही समस्याओं में किया है, जिनका यहाँ उल्लेख है। आँखों की दूसरी कोई समस्या होने पर, पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें।

हमारा उद्देश्य केवल जनसामान्य की जानकारी का अभिवर्धन और जागरूकता का प्रसार है। यह चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी रोग के संबंध में एक निष्णात चिकित्सक की वैज्ञानिक द्रष्टिकोण युक्त सलाह को सर्वप्रमुख महत्व दिया जाना चाहिये।

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विनम्र निवेदन – चिकित्सक और चिकित्सा विज्ञान/अनुसन्धान में लगे हुए विशेषज्ञों से हमारा निवेदन है कि वह इस प्रयोग पर अपनी शोध को आगे बढायें। जिससे संसार के सभी लोगों को इस निशुल्क और प्रभावशाली वंडर ड्रग के लाभ पता चल सकें और वह अपने नेत्रों से, इस स्वप्निल संसार के दिव्य सौंदर्य को लम्बे समय तक निहार सकें।

प्रिय मित्र, उम्मीद है आपको आर्टिकल काफी अच्छा लगा होगा। हमने इस लेख को लिखने में अपना काफी वक्त लगाया है। कितना अच्छा हो अगर आप भी अपना थोडा सा सहयोग हमें दें और इस लेख को सोशल मिडिया पर शेयर करें। हमें बस आपके दो मिनट चाहियें। उम्मीद है आप इंकार नहीं करेंगे।