Last Updated on February 11, 2023 by Jivansutra
Meaning and Facts about Human Brain in Hindi
Brain Meaning in Hindi ब्रेन का अर्थ
Brain का अर्थ (Meaning) है – मस्तिष्क, दिमाग, भेजा, बुद्धि। मस्तिष्क को सारे शरीर का मालिक कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर के लगभग सभी अंगो के कार्यों पर नियंत्रण रखता है। हालाँकि इसका मुख्य कार्य ज्ञान, बुद्धि, तर्कशक्ति, स्मरण, विचार निर्णय, व्यक्तित्व आदि का नियंत्रण एवं नियमन करना है। मानव मस्तिष्क (Human Brain), शरीर के पाँच सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। शरीर के अन्य सबसे महत्वपूर्ण अंग (Vital Organs) हैं – Heart (दिल), Lungs (फेफड़ें), Kidney (वृक्क), और Liver (यकृत)।
इन अंगों के बारे में आप नीचे दिये गये लिंक के माध्यम से पढ़ सकते हैं। Brain Meaning in Hindi में आज हम आपको मानव मस्तिष्क की संरचना और उसकी कार्यक्षमता से जुडी महत्वपूर्ण बातों के बारे बतायेंगे। इसके अलावा Brain से जुड़े उन Amazing Facts की भी जानकारी देंगे, जिन्हें आपने शायद अब तक कहीं नहीं पढ़ा होगा।
चूँकि मस्तिष्क से संबंधित जानकारी बहुत विस्तृत है और यह लेख भी बहुत लंबा है, इसीलिये जीवनसूत्र पर Brain पर तीन लेख दिये गये हैं, जिनसे आपको शरीर के इस सबसे महत्वपूर्ण अंग के बारे में विशेष जानकारी हो जायेगी। तो चलिये फिर देर किस बात की है, आइये जानते हैं दुनिया की सबसे जटिल मशीन, मानव मस्तिष्क (Human Brain) के बारे में!
Location of Brain in Hindi मस्तिष्क का स्थान
1. मानव मस्तिष्क (Human Brain), हल्के गोल आकार का, और बेहद ही कोमल उतकों से बना ठोस अंग है, जो शरीर के सभी अंगों की क्रियाओं और हमारी शारीरिक और मानसिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है। हमारा ब्रेन शरीर में सबसे उपर खोपड़ी में अवस्थित होता है। यह औसतन 18 सेमी लंबा, 14 सेमी चौड़ा और 10 सेमी मोटा होता है। चूँकि हमारा मस्तिष्क, अत्यंत कोमल अंग है, इसीलिये प्रकृति ने इसकी सुरक्षा के लिये इसे कठोर कपाल के भीतर रखा है।
2. बच्चों का मस्तिष्क (Children’s Brain), उनके शरीर की तुलना में काफी बड़ा होता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक दो वर्ष के बच्चे का Brain, एक व्यस्क व्यक्ति के मस्तिष्क का 80 प्रतिशत होता है। इसका कारण यह है कि बच्चों का मस्तिष्क, जीवन के शुरूआती समय में बहुत तेजी से विकसित होता है। [स्रोत]
3. भले ही स्त्रियों का मस्तिष्क पुरुषों से कुछ छोटा होता हो, लेकिन उनका हिप्पोकैमस (मस्तिष्क का वह भाग जो याददाश्त के लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार होता है), आम तौर पर पुरुषों से बड़ा ही होता है। शायद स्त्रियों की शानदार याददाश्त के पीछे यह भी एक कारण हो। [स्रोत]
Wonderful Facts about The Human Brain : –
Size of Brain in Hindi मस्तिष्क का आकार
4. यदि शरीर के आकार और भार की, Brain से तुलना की जाय, तो मानव मस्तिष्क का आकार सभी रीढधारी प्राणियों में सबसे बड़ा होता है।
5. इंसानों का मस्तिष्क पिछले 10 हजार से 20 हजार वर्षों की अवधि में लगातार छोटा ही हुआ है, लगभग एक टेनिस की गेंद के बराबर। [स्रोत]
6. हमारे पूर्वजों के मस्तिष्क (नियनडर्थल ब्रेन), आज के मनुष्यों, यानि होमो सेपियंस के Brain की तुलना में दस प्रतिशत ज्यादा बड़े थे। [स्रोत]
7. एक व्यस्क व्यक्ति के ब्रेन का औसत भार 1200 से 1400 ग्राम होता है।
8. पुरुषों का मस्तिष्क, स्त्रियों के मस्तिष्क से थोडा बड़ा और भारी होता है।
9. मस्तिष्क का भार, मनुष्य के शरीर के वजन का लगभग 2 प्रतिशत होता है।
10. Human Brain 25 वर्ष की आयु तक पहुँचने पर पूर्ण रूप से विकसित हो चुका होता है। [स्रोत]
Structure of The Human Brain in Hindi
11. मस्तिष्क के चारों ओर एक पारदर्शक, रंगहीन द्रव्य भरा होता है जिसे Cerebrospinal Fluid कहते हैं। यह ब्रेन के चारों ओर प्रवाहित होता रहता है और एक शॉक अब्सोर्बेर के रूप में काम करते हुए इसे झटका या सीधा आघात लगने पर चोट से बचाता है। आश्चर्य की बात यह है कि Brain ही इस द्रव्य को तैयार करता है और यह हर वक्त इसमें तैरता रहता है। मानव मस्तिष्क, हर रोज आधा कप सेरेब्रोस्पाइनल द्रव तैयार करता है। [स्रोत]
12. एक ब्लड ब्रेन बैरियर, आपके मस्तिष्क की, परिसंचरण तंत्र में उपस्थित कई बाहरी पदार्थों के, मस्तिष्क में पहुँचने से सुरक्षा करता है। लेकिन यह बैरियर पूर्ण रूप से काम नहीं करता और कई सारे तत्व सुरक्षा को धता बताकर Brain में प्रवेश कर जाते हैं, जैसे कि निकोटीन और एल्कोहल। [स्रोत]
13. एक औसत मस्तिष्क का वजन, शरीर के कुल भार का महज 2 प्रतिशत होता है लेकिन फिर भी यह शरीर की कुल ऑक्सीजन और रक्त के 20 प्रतिशत भाग का उपयोग करता है। ध्यान दें, शरीर में सबसे अधिक रक्त Brain और किडनी में ही प्रवाहित होता है। [स्रोत]
14. प्रमस्तिष्क (Cerebrum), ब्रेन का सबसे बडा हिस्सा होता है। मस्तिष्क के कुल भार का 85 प्रतिशत भाग सेरेब्रम ही होता है। यह Spinal Cord (मेरुदंड) के जरिये ब्रेनस्टेम से जुडा रहता है।
15. मस्तिष्क की रक्त वाहिनियों (Blood Vessels of Brain) की कुल लम्बाई 400 मील से कुछ ही अधिक होती है, 10,000 मील नहीं जैसा कि कुछ स्रोत बताते हैं। [स्रोत]
Brain in Hindi बेहद शक्तिशाली है इंसानी मस्तिष्क
16. आपने शायद सुना होगा कि हमारे मस्तिष्क में उससे कहीं ज्यादा कोशिकाएँ हैं, जितने कि हमारी आकाश गंगा में सितारे हैं। लेकिन यह तथ्य सही नहीं है, क्योंकि हमारे Brain में जहाँ सिर्फ 86 अरब से 100 अरब कोशिकाएँ हैं, वहीँ मिल्की वे गैलेक्सी में 200 से 400 अरब सितारे हैं। [स्रोत]
17. हालाँकि यह अभी तक पूरी तरह से निर्धारित नहीं किया जा सका है कि मानव मस्तिष्क में कुल कितने न्यूरोन होते हैं। लेकिन एक हालिया अध्ययन के अनुसार Brain में लगभग 1 खरब न्यूरोन होते हैं, जो लगभग 100 खरब से भी ज्यादा सूक्ष्म तंतुओं से, एक-दूसरे से जुडे रहते हैं। [स्रोत]
18. मस्तिष्क के न्यूरोन एक दूसरे से जुड़े रहते हैं और एक जाल जैसी संरचना का निर्माण करते हैं। इस जाल को Neural Network कहा जाता है। यह सघन तंत्र Neurotransmission की प्रक्रिया से संचालित होता है।
19. Brain की सभी कोशिकाएँ एक जैसी नहीं होती हैं। एक Research के अनुसार मानव मस्तिष्क में लगभग 10,000 तरह के न्यूरोन होते हैं। [स्रोत]
20. प्रत्येक न्यूरोन, प्रति सेकेण्ड 1000 नाडी सन्देश (Nerve Impulses) भेज सकता है और दूसरे न्यूरोन्स के साथ भी, दस हजार से ज्यादा संपर्क (Synaptic Contacts) बना सकता है। [स्रोत]
21. रेत के एक कण जितने बडे, मस्तिष्क के टिश्यु के टुकडे में भी, लगभग 100,000 न्यूरोंस और 100 करोड़ सिनेपसस होते हैं, जो एक-दूसरे के साथ संप्रेषण (Communication) बनाये रखते हैं। [स्रोत]
Brain in Hindi अद्वितीय हैं मस्तिष्क की कोशिकाएँ
22. हमारे शरीर में जितना कोलेस्ट्रॉल होता है, उसका 25 प्रतिशत केवल हमारे Brain में संचित होता है। क्योंकि Cholesterol, मस्तिष्क की प्रत्येक कोशिका का एक अभिन्न अंग है, इसके अभाव में दिमाग की कोशिकाएँ मरने लगती हैं। [स्रोत]
23. मानव मस्तिष्क (Human Brain) की कोशिकाएँ बहुत ज्यादा घनी नहीं होती हैं, बल्कि यह तो बहुत ज्यादा भंगुर, कोमल और लिजलिजी होती हैं। ठीक उसी प्रकार से जैसे कि टोफू और जिलेटिन। [स्रोत]
24. मस्तिष्क के कुल भार का 60 प्रतिशत भाग केवल वसा होती है, जो इसे शरीर का सबसे ज्यादा चर्बी वाला अंग बनाती है। [स्रोत]
25. क्या आप जानते हैं आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं (Cells of Brain) के जुड़ने का पैटर्न आपके फिंगरप्रिंट की ही तरह यूनिक होता है। [स्रोत]
26. शरीर की सबसे महत्वपूर्ण अंतः स्रावी ग्रंथियाँ भी Brain में ही स्थित होती हैं। जिनमे पीनियल ग्रंथि, पीयूष ग्रंथि, थैलेमस, एपिथैलेमस, हाइपोथैलेमस और सबथैलेमस ग्रंथियाँ शामिल हैं।
Incredible Facts about Human Brain in Hindi
27. अभी तक यही माना जाता था कि इन्सान बुद्धिमत्ता के एक निर्धारित स्तर और निश्चित मस्तिष्क कोशिकाओं के साथ जन्म लेता है। लेकिन हालिया शोध में पता चला है कि आपके Brain में यह सामर्थ्य होती है कि वह आपकी पूरी जिंदगी भर खुद को परिवर्तित करता रहे। मस्तिष्क के इस गुण को मस्तिष्क का लचीलापन (Brain Plasticity) कहते हैं। जिसमे Brain, न्यूरोजेनेसिस की प्रक्रिया के माध्यम से, नयी मस्तिष्क कोशिकाओं का निर्माण कर सकता है। [स्रोत]
28. मस्तिष्क की कोशिकाओं को जिन्दा रहने के लिये लगातार, ईंधन यानि भोजन की आवश्यकता होती है। हालाँकि फिर भी इनमें उर्जा को संरक्षित रखने की क्षमता का अभाव होता है, लेकिन सौभाग्यवश इसके लिये भी एक बैकअप सिस्टम है। आपका लीवर, संचित वसा को तोड़कर कीटोन का निर्माण करता है, जिसे एक वैकल्पिक ईंधन के रूप में तब प्रयोग किया जा सकता है, जब आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली रक्त शर्करा उपलब्ध नहीं होती। [स्रोत 1, स्रोत 2 ]
29. मस्तिष्क को निर्बाध ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जो इसे रक्त से मिलती है। यदि 8 से 10 सेकेण्ड के लिये भी Brain को रक्त न मिले तो आपकी चेतना लुप्त हो जाएगी और अगर पाँच या दस मिनट तक मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्राणदायी ऑक्सीजन न मिले, तो यह मरने लगती हैं और दिमाग को खतरनाक और स्थायी नुकसान पहुँच सकता है। [स्रोत]
अपूर्व क्षमता का धनी मगर बेहद संवेदनशील है मस्तिष्क
30. जिस तरह पाँचों ज्ञानेन्द्रियों से मिले संकेतों को समझना, अर्थात् ज्ञान प्राप्त करना मस्तिष्क का काम है, उसी तरह से कर्मेन्द्रियों को आवश्यक आदेश देना भी इसी का दायित्व है। अनुभव से प्राप्त हुए ज्ञान को इकठ्ठा करने, विचारने तथा विचार करके कोई निष्कर्ष निकालने का काम भी Brain के ही जिम्मे है।
31. यह मान्यता कि इन्सान अपने मस्तिष्क का सिर्फ 10 प्रतिशत भाग ही उपयोग कर पाता है, सही नहीं है। क्योंकि Brain के हर भाग का एक निश्चित कार्य है और हालिया ब्रेन स्कैन से सिद्ध हुआ है कि हम अधिकांश समय अपने दिमाग के ज्यादातर हिस्से का इस्तेमाल करते हैं, जी हाँ सोते समय भी। [स्रोत]
32. क्या आप जानते हैं मनुष्य का व्यक्तित्व, उसके मस्तिष्क के विकास के अनुरूप होता है। जैसे बच्चों के शैशव काल में उनका व्यक्तित्व एक अलग ही रूप में होता है, पर जैसे-जैसे उनके Brain का विकास होता जाता है, वैसे-वैसे उनका व्यक्तित्व भी बदलता चला जाता है।
33. इंसान के सीखने की क्षमता जितनी अद्भुत है, उतनी ही अद्भुत मस्तिष्क की संरचना भी है। जब कभी आप कोई नयी चीज सीखते हैं या एक नयी स्मृति तैयार होती है, तब Brain के अन्दर भी नये संचार तंतुओं का निर्माण होता है।
34. अगर आपको लगता है कि आपकी जिंदगी के मालिक बस आप ही है, तो इस भुलावे में मत रहिये। क्योंकि आपके 95 प्रतिशत निर्णय आपके अवचेतन मन (Subconscious Mind) में निर्धारित होते हैं।
35. अगर आप सोचते हैं कि किसी मजाक पर हँसना कोई आसान काम है, तो आप गलत हैं। क्योंकि ऐसा करने के लिये मस्तिष्क के पाँच अलग-अलग हिस्सों को गतिशील होने की जरूरत पड़ती है।
36. भूलना, मस्तिष्क की सीखने और स्मरण रखने की प्रक्रिया का ही एक हिस्सा है। यदि Brain ऐसा नहीं करेगा तो अनावश्यक सूचनाओं के भरने से तंत्रिका तंत्र (Nervous System) अपना लचीलापन खो देगा।
37. मस्तिष्क के अन्दर, बायें मस्तिष्क और दायें मस्तिष्क जैसा कोई विभेद नहीं है। यह सिर्फ एक मिथ है, वास्तविकता तो यह है कि Brain के दोनों भाग, साथ मिलकर काम करते हैं। [स्रोत]
38. जब भी हम कुछ नया सीखते हैं तो मस्तिष्क पुरानी और कम महत्वपूर्ण स्मृति के स्थान पर नये तथ्यों को सुरक्षित कर देता है। यह प्रक्रिया पूरे जीवन चलती रहती है।
39. अब यह वैज्ञानिक तरीके से भी प्रमाणित हो गया है कि शक्तिशाली महसूस करने की एक छोटी सी भावना भी, किसी इन्सान के मस्तिष्क की क्रियाशीलता में बड़ा बदलाव कर सकती है।
40. कई अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मस्तिष्क तरंगे (Brain Waves) जागते रहने की तुलना में, सोने के दौरान ज्यादा क्रियाशील होती हैं।
41. प्रत्येक मिनट 750 से 1000 मिली रक्त हमारे मस्तिष्क से प्रवाहित होता है। [स्रोत]
42. Brain में होने वाली हलचल की जाँच, Electro Encephalograph से की जाती है जिसे सरल भाषा में EEG कहा जाता है।
43. मस्तिष्क असाधारण रूप से जटिल (Brain is Super Complex Organ) है और यह अलग-अलग परिस्थितियों में बहुत ही विचित्र बर्ताव कर सकता है।
Wonderful Facts about Human Brain in Hindi
44. भले ही तकनीक के इस्तेमाल से लोगों की एक समय में कई काम करने की योग्यता (Multitasking Ability) बढ़ रही हो, लेकिन आपका Brain एकदम से दो चीजों को न तो सीख सकता है और न ही उन पर एकाग्र हो सकता है। यह जो कर सकता है वह बस यह है कि यह पहले एक चीज पर ध्यान केन्द्रित करता है और फिर पीछे लौटकर दूसरी पर। लेकिन ऐसा करने से, आपकी एकाग्रता की शक्ति पर, शोर्ट टर्म मेमोरी पर, सीखने की क्षमता पर और सम्पूर्ण मानसिक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। [स्रोत]
45. मस्तिष्क के कई परजीवियों (Brain Parasites) की नवीन खोज से वैज्ञानिक भी अब यह मानने लगे हैं कि शायद इनसे किसी इन्सान को जोम्बी बनाया जा सकना संभव रहा हो। क्योंकि इस बात की पूरी-पूरी संभावना है कि अगर ऐसे वायरस या जीवाणु Brain पर आक्रमण कर दें, तो यह तेजी के साथ सारे शरीर में फ़ैल जाते हैं और एक बड़ी आबादी बस थोड़े से समय में इनसे प्रभावित हो सकती है। [स्रोत]
46. यह ठीक है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ (30 वर्ष के बाद) आपके मस्तिष्क की सामर्थ्य कम होने लगती है, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। दरअसल उम बढ़ने के साथ जहाँ हम कुछ चीजों में बेहतर करने लगते हैं, वहीँ कुछ चीजों में हमारी परफॉरमेंस ज्यादा खराब हो जाती है। [स्रोत]
Brain in Hindi मस्तिष्क से जुड़े हैरान करने वाले तथ्य
47. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुए एक शोध के अनुसार किसी शब्द के अक्षरों का क्रम आपके मस्तिष्क के लिये ज्यादा महत्व नहीं रखता, जब तक कि पहला और अंतिम अक्षर सही स्थान पर हो। आपका Brain सही शब्द बनाने के लिये अक्षरों को उतनी ही तेजी से दोबारा व्यवस्थित कर सकता है, जितनी तेजी से आप पढ़ सकते हैं। हैं न आश्चर्यजनक! [स्रोत]
48. Science Daily में छपे एक शोध के अनुसार जब मस्तिष्क को आवश्यकता के अनुरूप उर्जा नहीं मिल पाती है, तो मस्तिष्क की कोशिकाएँ स्वयं को ही खाना शुरू कर देती हैं। इस प्रकार से देखा जाय तो लंबे समय तक डाइटिंग पर रहने का विचार Brain के लिये बेहद खराब है। [स्रोत]
49. मानव मस्तिष्क का 73 प्रतिशत भाग पानी होता है। लेकिन केवल 2 प्रतिशत निर्जलीकरण होने से ही इसकी कार्यक्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है और आपका ध्यान, स्मृति और अन्य मानसिक क्षमताएँ प्रभावित होने लग जाती हैं। [स्रोत]
50. जब आप बहुत ज्यादा शराब पी लेते हैं, तो आप चीजें भूलते नहीं हैं। बस आपका Brain नयी याददाश्त करने की अपनी स्वाभाविक सामर्थ्य को तात्कालिक रूप से खो बैठता है। [स्रोत]
51. वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में पाया है कि स्त्रियों और पुरुषों का मस्तिष्क, दर्द और दूसरी भावनाओं को अलग-अलग तरीके से व्यक्त करता है। इतना ही नहीं, एक ही लिंग के व्यक्तियों के Brain भी एक ही भावना को अलग-अलग ढंग से व्यक्त करते हैं। शायद यही कारण है कि लोग अपने सुख-दुःख की चर्चा इतने अलग-अलग ढंग से क्यों करते हैं।
52. क्या आपको पता है मस्तिष्क की संरचना का आपके व्यवहार से भी बड़ा गहरा समबन्ध है। जैसे कि अंतर्मुखी (Introvert) और बहिर्मुखी (Extrovert) लोगों के Brain की संरचना कुछ अलग होती है। MRI जाँच से पता चला है कि बहिर्मुखी लोगों के मस्तिष्क में डोपामाइन नेटवर्क ज्यादा क्रियाशील होता है, जबकि अंतर्मुखी लोगों के मस्तिष्क में ग्रे मैटर ज्यादा होता है। [स्रोत 1, स्रोत 2]
53. क्या आपने कभी यह बात नोटिस की है कि जब आपके पास बैठा कोई इन्सान जम्भाई लेता है तो उसके तुरंत बाद आपको जम्भाई क्यों आती है? वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कम्युनिकेशन के उस प्राचीन सामाजिक व्यवहार की एक प्रतिक्रिया हो सकती है, जो अब भी इंसानों के अन्दर बसा है।
54. ओर्गास्म (चरम सुख) के दौरान, Brain इतने ज्यादा डोपामाइन का स्राव करता है कि उस समय किया हुआ मस्तिष्क का स्कैन ठीक वैसा ही होता है, जैसा कि हेरोइन का नशा चढने पर दिखायी देता है।
55. सुख, दुःख, हर्ष, पीड़ा, डर और संकोचीपन जैसी अनेकों भावनाएँ मस्तिष्क में जन्म से ही उपस्थित होती हैं, लेकिन इन भावनाओं का विकास, बच्चे की परवरिश के ढंग पर निर्भर करता है।
56. संगीत, मस्तिष्क के उसी हिस्से में क्रियाएँ संचालित करने लगता है, जो सेक्स और भोजन करने के दौरान, सुख की अनुभूति कराने वाले रसायन (Pleasure Chemical), डोपामाइन का स्राव करता है।
57. निश्चितता की भावना, तथ्यों और तर्क के बिना भी, Brain के एक विशेष हिस्से को बिजली से उत्तेजित करने पर पैदा की जा सकती है।
58. वैज्ञानिकों के अनुसार, मस्तिष्क रिजेक्शन को भी, शारीरिक दर्द की ही तरह से लेता है।
Facts about The Health of Brain in Hindi
59. सैयनेसथेसिया वह स्थिति है, जहाँ एक इन्द्रिय को उत्तेजित करने पर, दूसरी इन्द्रिय का बोध तुरंत ही जाग्रत हो जाता है। सैयनेसथेसिया से प्रभावित लोग शब्द चखने से लेकर, आवाजें सूँघने और अंकों को रंगों के रूप में देखने की क्षमता रखते हैं। हालाँकि अभी तक इसका सही कारण नहीं पता चल पाया है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे लोगों के Brain के अन्दर स्थित Sensory Area के बीच हाइपर-कनेक्टिविटी होती है। [स्रोत]
60. अगर मानव मस्तिष्क के आधे हिस्से को सर्जरी द्वारा अलग भी कर दिया जाय, तो भी व्यक्तित्व या स्मृति (याददाश्त) पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। जब सर्जन सीजर (अचानक दौरे पड़ने का रोग) को रोकने के लिये ऑपरेशन करते हैं, तो या तो वह Brain के आधे हिस्से को काटकर अलग कर देते हैं या फिर उसे अक्रियाशील कर देते हैं। इस प्रक्रिया को हेमिस्फेरेक्टोमी (Hemispherectomy) कहते हैं। [स्रोत]
61. मस्तिष्क शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और सुकोमल अंग है। फिर भी इसे अपने दर्द का कोई अहसास नहीं होता है, क्योंकि इसमें Pain Receptors (पीड़ा की अनुभूति कराने वाले तंतु) नहीं होते हैं। यही कारण है कि जागते हुए रोगी के मस्तिष्क की शल्य चिकित्सा करना संभव है। [स्रोत]
62. भले ही सिरदर्द होने पर आपको ऐसा महसूस होता हो कि यह आपके Brain में शुरू हो रहा है, लेकिन वास्तव में यह आपके सिर के पास की त्वचा, जोड़, साइनस, माँसपेशियों और रक्त वाहिकाओं में होने वाली उत्तेजनाओं से पैदा होता है। [स्रोत]
63. सिर्फ 90 मिनट तक लगातार पसीना आने से ही आपका Brain, अस्थायी रूप से इतना सिकुड़ सकता है, जितना कि बुढ़ापे के एक साल की अवधि के दौरान सिकुड़ता। [स्रोत]
64. मस्तिष्क के जमने (Brain Freeze) की घटना को, वैज्ञानिक शब्दावली में, स्फेनोपैलेटिन गैंग्लियोन्यूरलगिया (Sphenopalatine Ganglioneuralgia) कहते हैं।
Brain in Hindi मस्तिष्क को नुकसान पहुँचाने वाली चीज़ें
65. जब वृक्क रक्त को शुद्ध करने का कार्य बंद कर देते हैं, तो चयापचय की प्रक्रिया के दौरान बनने वाले विषैले तत्व रक्त में ही मिल जाते हैं। यह अशुद्ध रक्त मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बुरी तरह प्रभावित करता है। इसके कारण मस्तिष्क की कोशिकाएँ (Brain Cells) तेजी से नष्ट होने लगती हैं।
66. मस्तिष्क की जो बीमारियाँ सीखने की अक्षमता और स्मृतिनाश से संबंधित हैं, उनमे पार्किन्सन रोग, डेमेंशिया, अल्झाइमर रोग और मल्टीपल स्केलरोसिस मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त मनोवैज्ञानिक रोग जैसे सिजोफ्रेनिया और डिप्रेशन भी Brain से ही सम्बंधित हैं।
67. यह माना जाता है कि लगातार तनाव और चिंता, आपके Brain के लिये बेहद नुकसानदेह होती है। अमेरिका के येल विश्वविद्यालय की एक नयी शोध में यह सिद्ध हुआ है कि तनाव से आपके मस्तिष्क का आकार सिकुड़कर छोटा हो जाता है। [स्रोत]
68. एल्कोहल (Alcohol) यकृत के लिये जितनी नुकसानदायक है, उससे कहीं ज्यादा यह मस्तिष्क के न्यूरोन को नुकसान पहुँचाती है। यह मात्र छह मिनट के अन्दर मस्तिष्क तक पहुँच जाती है।
69. तम्बाकू में पाया जाने वाला निकोटीन न केवल आपके फेफड़ों के लिये नुकसानदायक है, बल्कि यह आपके Brain पर भी बुरा असर डालता है। यह मात्र 7 सेकेण्ड के अन्दर दिमाग तक पहुँच जाता है। [स्रोत]
70. शराब वास्तव में मस्तिष्क की कोशिकाओं को नहीं मारती है। ज्यादा शराब पी लेने पर जो होता है, वह यह है कि इससे न्यूरोन्स के सिरों पर स्थित कनेक्टिव टिश्यू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। [स्रोत]