Last Updated on November 4, 2019 by Jivansutra
Amazing Health Benefits of Desi Ghee in Hindi
Ghee Benefits in Hindi: घी की महत्ता से दुनिया के अधिकांश लोग परिचित हैं। गाय के घी को इसके दूध की ही तरह अमृत की संज्ञा दी गयी है। और यह कोई अलंकारिक तथ्य नहीं है, बल्कि अपने स्वयं के अनुभव तथा ज्ञानियों और विद्वानों द्वारा प्रतिपादित सत्य द्वारा हम यह अवश्य सिद्ध भी कर देंगे कि दूध और घी के जैसा निरापद, सुलभ और बलकारी पदार्थ, इस धरती पर इंसानों को दूसरा कहीं उपलब्ध नहीं हो सकता है।
घी के संबंध में इंटरनेट पर जो सामग्री उपलब्ध है, वह अत्यंत सीमित है और उसमे पर्याप्त शोध का अभाव है। जीवनसूत्र पर दिये गये अन्य लेखों की तरह हम यहाँ अपने और दूसरों के अनुभव का वर्णन करेंगे, इसीलिये यह लेख भी काफी लम्बा ही होगा। केवल प्रयोगशाला की जाँच के आधार पर सिद्ध हुए प्रमाणों को पूर्ण रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है। आवश्यक नहीं है कि जो पदार्थ एक मनुष्य के लिये हितकर हो, वह दूसरे को भी लाभ दे, इसीलिये हम बहुसंख्यक लोगों के व्यक्तिगत अनुभव को अधिक महत्ता देते हैं।
What is Ghee or Clarified Butter in Hindi घी क्या है
घी शब्द की उत्पत्ति, संस्कृत के ‘घृत’ शब्द से हुई है। जिसका सामान्य अर्थ है – ‘मंथन से तैयार हुआ।’ घी के निर्माण का सर्वप्रथम ज्ञान, भारतीयों को ही था, जो हजारों वर्षों से इसके अनेकों प्रयोगों से परिचित हैं। बाद में भारत से ही घी के गुणों का ज्ञान, पहले दक्षिणी एशिया और फिर सारे संसार में फैला था। मक्खन तो सभी लोगों ने खाया ही होगा, क्योंकि यह धरती पर खाये जाने वाले सबसे प्रिय भोज्य पदार्थों में से एक है।
भोजन को स्वादिष्ट बना देने की अपनी अनोखी क्षमता के कारण, यह हर दिल अजीज चीज है। घी इस मक्खन (Butter) से ही तैयार किया जाता है और दूध का सार पदार्थ है। मक्खन में दूध का कुछ अंश होता है, लेकिन घी केवल वसा अम्लों का शुद्ध स्वरुप है। चूँकि घी को उबालकर तैयार किया जाता है और इसमें सड़ने वाला कोई पदार्थ नहीं बचता है, इसीलिये इसे रेफ्रीजरेटर में रखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
यह सिर्फ कुछ दिन या महीने नहीं, बल्कि सालों तक बिल्कुल सुरक्षित रहता है। आयुर्वेद के अनुसार घी जितना पुराना होता है, वह उतना अधिक गुणकारी माना जाता है। क्योंकि उसमे वसा अम्लों की तीव्रता उतनी अधिक बढती जाती है। 20 वर्ष से अधिक पुराने गाय के घी को महाघृत की संज्ञा दी गयी है। इसका प्रयोग कुछ विशेष रोगों के उपचार में किया जाता है।
Ghee in Hindi देशी गाय का घी है सर्वोत्तम
घी गाय, भैंस और बकरी समेत कई पशुओं के दूध से तैयार किया जा सकता है, पर मुख्यतः खाने में गाय और भैंस के घी का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है। गाय का घी हल्के पीले रंग की आभा लिये होता है, जबकि भैंस का घी श्वेत रंग का होता है। चूँकि गौ के घी की वसा पचने में भैंस के घी से हल्की होती है अतः यह अधिक श्रेष्ठ माना जाता है।
सभी गायों में देशी गौ का घी सर्वोत्तम है और यदि वह घी कपिला गौ का हो, तो तब तो कहना ही क्या! पर ऐसा घी मिल पाना दुर्लभ ही है। घी को बनाने की जितनी भी विधियाँ हैं, उनमे धीमी आँच पर उबाले गये दूध से तैयार किये मक्खन को पिघलाकर बनाया हुआ घी सर्वोत्तम माना जाता है।
लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया है और ऐसा घी अब शायद बहुत कम लोगों को ही उपलब्ध हो पाता हो, इसीलिये आप किसी भी विधि से तैयार हुआ घी उपयोग में ला सकते हैं। घी को बनाने और उसे संरक्षित करने की विधि और उसके कुछ प्रयोगों का वर्णन हम अगले लेख में करेंगे।
Nutritional Facts about Cow’s Ghee in Hindi
यह हैं देशी घी में उपस्थित पोषक तत्व
आयुर्वेद के अनुसार घी कफकारक, वातनाशक, पित्त शामक, ओज प्रदायक और स्निग्ध होता है। यह शीतल प्रकृति का होता है। यह नसों की कमजोरी को दूर करने वाला और चर्म रोगनाशक है। घी वसा का शुद्ध स्वरुप है, लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण विटामिनों के साथ-साथ बहुत उर्जा भी होती है।
घी का Smoke Point (250 °C or 482 °F) अन्य खाद्य तेलों की तुलना में कहीं अधिक होता है, जिससे यह फ्री रेडिकल्स में नहीं टूटता। कई लोग यह सोच सकते हैं कि जब घी में केवल वसा ही होती है, तो फिर इसे खाने से क्या लाभ? उनसे हमारा यह कहना है कि फैट शरीर के लिये अनिवार्य तत्वों में से एक है।
जिसकी शरीर की प्रतिदिन की मरम्मत के लिये, मस्तिष्क के कोशों के लिये और मजबूत मांसपेशियों के लिये आवश्यकता होती है। हमारे शरीर के लिये जो वसा हानिकारक होती है, उसे सेचुरेटेड फैट या संतृप्त वसा कहते हैं।
Ghee in Hindi 100 ग्राम घी में पाये जाने वाले तत्व
घी में मोनोअनसेचुरेटेड फैट (असंतृप्त वसा) Omega-3s होती है, जो मानव स्वास्थ्य के लिये अच्छी वसा मानी जाती है। ध्यान दें, घी में Saturated Fat भी बहुत मात्रा में होती है, अतः विचारपूर्वक सेवन करें। 100 ग्राम घी में मुख्य रूप से यह तत्व पाये जाते हैं –
1. 100 ग्राम घी में 99.5 ग्राम वसा होती है। जिसमे 61.9 ग्राम सेचुरेटेड फैट, 28.7 ग्राम मोनोअनसेचुरेटेड फैट और 3.7 ग्राम पोलीअनसेचुरेटेड फैट होती है।
2. इसके अतिरिक्त घी में 4 ग्राम ट्रांसफैट, 1.447 मिग्रा ओमेगा-3 फैटी एसिड, 2.247 मिग्रा ओमेगा-6 फैटी एसिड और 25.026 मिग्रा ओमेगा-9 फैटी एसिड भी पाये जाते हैं।
3. घी में 3069 IU विटामिन A, 2.8 मिग्रा विटामिन E और 8.6 माइक्रोग्राम विटामिन K पाया जाता है।
4. इसके अतिरिक्त घी में लिनोलेक अम्ल (Conjugated Linoleic Acid) और बटरिक अम्ल (Butyric Acid) जैसे वसा अम्ल भी होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ और बलिष्ठ बनाये रखने में बडा योगदान देते हैं।
5. 100 ग्राम घी में 256 मिग्रा कोलेस्ट्रॉल होता है।
Amazing Benefits of Ghee/Clarified Butter in Hindi
गाय के शुद्ध घी को मानवजाति के लिये अमृत समझा जाता है। अपने अद्भुत स्वास्थ्यप्रदायक गुणों के कारण ही हर भारतीय, अपने आहार में इसे शामिल करने को तत्पर रहता है। शारीरिक स्वास्थ्य के लिये घी कितना बलदायी और शक्तिवर्धक रसायन है, यह आप नीचे दिये जा रहे बिन्दुओं से आसानी से समझ सकेंगे –
1. स्वस्थ और तेज मस्तिष्क के विकास के लिये जरुरी है घी
Ghee is Good for Development of Healthy Brain in Hindi: एक स्वस्थ और तेज मस्तिष्क के लिये घी बहुत ही आवश्यक वस्तु है। हमारे विचार से अधिकांश लोग इस तथ्य से परिचित ही होंगे कि कठोर शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्ति की तुलना में, कठोर मानसिक श्रम करने वाले व्यक्ति को दुगुनी उर्जा की आवश्यकता होती है, क्योंकि मस्तिष्क को सामान्य कार्य करने के लिये भी बहुत रक्त चाहिये होता है।
हमारे शरीर में सबसे अधिक रक्त, गुर्दों और मस्तिष्क में ही (कुल रक्त का 20 प्रतिशत) प्रवाहित होता है। जब कोई व्यक्ति मस्तिष्क से अधिक काम लेता है तो रक्त प्रवाह बढ़कर 30 से 40 प्रतिशत तक हो जाता है। मस्तिष्क की बढ़ी हुई उर्जा जरूरतों को घी आसानी से पूरा कर सकता है, क्योंकि इसमें उपस्थित HDL कोलेस्ट्रोल मस्तिष्क की कोशिकाओं और न्यूरोन के निर्माण के लिये बेहद जरुरी है।
आपको बता दें कि मस्तिष्क के कुल भार का 60 प्रतिशत भाग केवल वसा होती है। हमारे शरीर में जितना कोलेस्ट्रॉल होता है उसका 25 प्रतिशत केवल हमारे मस्तिष्क में संचित होता है। घी कैसे मस्तिष्क को तेज बना सकता है इसके बारे में विस्तार से जानने के लिये How to Sharpen Your Mind, यह लेख ध्यान से पढ़ें।
मस्तिष्क की अदभुत और अनोखी सामर्थ्य के बारे में जानें: Brain Facts in Hindi
2. शरीर को पुष्ट और शक्तिशाली बनाता है घी
Ghee makes Your Body Strong in Hindi: घी आपके शरीर को सबल, पुष्ट और शक्तिशाली बनाता है। यह न केवल हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि क्षीणकाय और दुर्बल लोगों के शरीर पर माँस की परत भी चढ़ाता है, इसीलिये मोटापे से ग्रस्त लोगों को घी का सेवन नहीं करना चाहिये। आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में सात धातुएँ होती हैं, जिनके नाम हैं – रस, रक्त, माँस, मेद, अस्थि, मज्जा और वीर्य/रज।
हम जो कुछ भी खाते हैं, वह पहले रस बनता है, जिसे आँते अवशोषित करके यकृत में भेज देती हैं। बाद में यह रस, क्रम से देह में रूपांतरित होता हुआ, वीर्य और रज के रूप में बदल जाता है। जब तक शरीर में सातों धातुओं का संतुलन बना रहता है, तब तक यह रोगग्रस्त नहीं होता। घी अपने अनोखे वसा अम्लों और सुपाच्य वसा के द्वारा समस्त धातुओं का पोषण करता है।
3. जरुरी विटामिन्स की पूर्ति करता है घी
Ghee is Great Source of Essential Vitamins in Hindi: घी दूध का सार पदार्थ है। लेकिन दूध को उबालने के पश्चात भी इसके अधिकांश पोषक तत्व बचे रहते हैं, जिनमे कई तरह के विटामिन भी शामिल हैं। घी Healthy Fat-soluble Vitamins जैसे विटामिन A, D, E और K का प्रचुर स्रोत है
जो न केवल हड्डियों और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिये आवश्यक हैं, बल्कि शरीर को रोगों से भी बचाते है। मानव शरीर के लिये विटामिन क्यों आवश्यक हैं और वह कितने प्रकार के होते हैं, इसका विस्तृत वर्णन हमने Vitamin Meaning in Hindi और Vitamins Chart, Guide and List in Hindi इन लेखों में किया है।
4. प्रचंड उर्जा का स्रोत है शुद्ध घी
Ghee is A Great Source of Energy in Hindi: घी उर्जा का प्रचुर स्रोत है जो न केवल थके शरीर की क्लांति को दूर करता है, बल्कि लंबे समय तक उर्जा की कमी भी नहीं होने देता है। इतना ही नहीं, घी शरीर की सातों धातुओं को पुष्ट करता है, शरीर के बल और तेज की वृद्धि करता है और ओज का क्षय नहीं होने देता है।
घी में उपस्थित वसा में Medium-chain Fatty Acids होते हैं जिन्हें यकृत अन्य वसा अम्लों की तुलना में आसानी से पचा सकता है। इसके अतिरिक्त घी में ओमेगा-3 भी पाया जाता है जो शरीर के लिये बहुत ही फायदेमंद है। ऐसे शायद बहुत ही कम भोज्य पदार्थ होंगे, जो गुणों में घी की बराबरी कर सकते हो और साथ ही इतने निरापद भी हों।
5. एलर्जी को कम करने में मददगार है घी
Ghee Reduces Allergy in Hindi: घी यूँ तो दूध से ही तैयार होता है फिर भी इसमें लैक्टोज का कोई अंश नहीं होता है। घी की यही खूबी, इसे उन लोगों के लिये एक उत्तम भोज्य पदार्थ बना देती है, जिन्हें दूध और दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे दही, पनीर और मक्खन हजम नहीं होते है, अर्थात जिन्हें दुग्ध उत्पादों से एलर्जी होती है। ऐसे लोग Gastrointestinal Problems की चिंता किये बिना घी खा सकते हैं।
6. प्रजनन तंत्र को स्वस्थ रखता है घी
Ghee Aids in Disease of Reproductive Organs in Hindi: घी प्रजनन तंत्र से सम्बंधित कई रोगों में भी लाभदायक है। आयुर्वेद में पुरुषों के धातु रोग और स्त्रियों के प्रदर रोग समेत कुछ अन्य रोगों जैसे सुजाक आदि में घी को कुछ अन्य औषधियों के साथ मिलाकर प्रयोग करने से रोगों की तीव्र अवस्था में भी बहुत लाभ होता है।
Wonderful Benefits of Pure Desi Ghee in Hindi
7. आँखों की रौशनी भी बढाता है घी
Ghee Protects Your Eyes in Hindi: घी, नेत्रों की ज्योति को न केवल घटने से बचाता है, बल्कि इन्हें इस सीमा तक तेजस्वी बना सकता है कि वृद्धावस्था तक आपको चश्मे की जरुरत ही न पडे। दरअसल घी की इस क्षमता का रहस्य छिपा है, इसमें समाहित विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा में।
हमारी आँखों को मुख्य रूप से विटामिन A की ही आवश्यकता होती है और इसका भंडार यकृत में सुरक्षित रहता है जो 4-5 वर्ष तक पूर्ति कर सकता है। प्रतिदिन घी खाने से यकृत का रिज़र्व स्टॉक सुरक्षित बना रहता है और साथ ही आँखों की जरुरत भी पूरी हो जाती है।
घी में पाया जाने वाला कैरोटिनोइड एंटीऑक्सीडेंट, शरीर को नुकसान पहुँचाने वाले उन Free Radicals को समाप्त करता है, जो लेंस की कोशिकाओं (Macular Cells) पर आक्रमण करके उन्हें कमजोर करते हैं और इस तरह यह मैकुलर डीजनरेशन के खतरे को दूर करके आँखों की कई बीमारियों से बचाता है।
8. शरीर में आई सूजन को भी दूर करता है घी
Ghee Reduces Inflammation of Muscle and Joints in Hindi: घी सूजन को काफी हद तक कम कर सकता है। क्योंकि इसमें उपस्थित बटरिक अम्ल उन सबसे महत्वपूर्ण वसा अम्लों में से एक है, जिनकी शरीर को बहुत आवश्यकता होती है। हालिया शोध में यह पाया गया है कि यह वसा अम्ल शरीर के अंगों में होने वाली सूजन को बहुत हद तक कम कर सकता है, विशेषकर पाचन संस्थान (Gastrointestinal Tract) की सूजन।
एक Report के अनुसार कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) से पीड़ित कुछ लोगों में घी के प्रयोग से लाभ देखा गया है। अपने और दूसरे कई लोगों के अनुभव में हमने यह पाया है कि घी आरंभिक अवस्था के मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में भी बहुत लाभ देता है। लेकिन इसके लिये घी को खाद्य पदार्थ के रूप में नहीं, बल्कि एक अभ्यंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
प्रतिदिन सोते समय एक विशेष रूप से तैयार किये गये घी से, जिसका वर्णन हमने Home Treatment of Muscle and Joint Pain में किया है, जोड़ों और मांसपेशियों की मालिश करने से पीड़ा में बहुत आराम मिलता है।
9. नकसीर की जटिल समस्या को भी दूर करता है घी
Ghee Aids in Nose Bleeding in Hindi: घी, नाक की नसों के कमजोर होने के कारण और गर्मियों के मौसम में अक्सर चलने वाली नकसीर का रामबाण इलाज है, जिसे हमने कुछ रोगियों पर सफलतापूर्वक आजमाया है। उनमे से सबसे मुश्किल रोग मेरे अपने जीवन से संबंधित है, लेकिन इसके बारे में हम विस्तार से Home Treatment of Nose Bleeding में पढ़ेंगे।
यहाँ हम केवल यह बताना चाहते हैं कि नियमित रूप से नाक के दोनों छिद्रों में दो-दो बूँद गौ का शुद्ध घी डालने से न केवल मौसमी जुकाम में लाभ होता है, बल्कि नकसीर (नाक से अचानक रक्त बहना) का चलना भी बंद हो जाता है। इसके अतिरिक्त यह मस्तिष्क के लिये भी अत्यंत लाभदायक है। यह उपाय हमारा अपना अनुभूत है।
10. कैसर जैसे रोग को भी दूर करता है घी
Ghee Prevents Cancer in Hindi: घी में Powerful Antioxidants होते हैं, जो शरीर को रोगग्रस्त करने वाले Free Radicals की वृद्धि को रोकते हैं। कुछ Research में ऐसा पाया गया है कि घी में पाये जाने वाले फैटी एसिड्स, कुछ विशेष प्रकार के कैंसर, जैसे – आँतों और गुदा का कैंसर, से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं।
क्योंकि यह उन फ्री रेडिकल्स को समाप्त कर देते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की पैदा होने और बढ़ने में सहायता करते हैं। इसके अतिरिक्त घी में पाये जाने वाले तत्व ट्यूमर को बढ़ने से भी रोकते हैं।
11. कीड़ों को ख़त्म कर डालता है घी
Ghee Kills Worms in Hindi: घी, शरीर के कीड़ों को मारने में भी बेहद ही असरदायक है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो आज भी पशुओं के घावों में पडे कीड़ों को मारने के लिये घी का इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों के घावों में कीड़े (Maggots) हो जाते हैं, उन्हें यदि कई वर्ष पुराना घी मिल सके, तो उन्हें उस दुखदायी रोग से जल्दी छुटकारा मिल सकता है।
हालाँकि आज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने बहुत प्रगति कर ली है और इस रोग की दवाइयाँ भी अधिकांश स्थानों पर उपलब्ध है, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब घी इस रोग की मुख्य औषधि हुआ करता था। हमने स्वयं अपनी आँखों से ग्रामीण लोगों को यह उपाय करते देखा है। ध्यान दें, यह पेट के कीड़ों का उपचार नहीं है।
Surprising Benefits of Ghee in Hindi देशी घी के फायदे
12. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है घी
Ghee is an Immunity Booster Tonic in Hindi: घी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है और उसे इतना प्रबल कर सकता है कि सामान्य तो क्या घातक संक्रमण तक से शरीर का कुछ न बिगड़ पाये। सभी जानते हैं कि रोगों के खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस कमजोर शरीर पर ही आक्रमण करते हैं। कमजोर होने का तात्पर्य केवल दुर्बल शरीर से नहीं है, बल्कि निर्बल जीवनीशक्ति से है।
एक स्वस्थ और सबल दिखने वाला व्यक्ति भी कमजोर जीवनीशक्ति वाला हो सकता है। जबकि एक पतला व्यक्ति भी प्रचंड रोग प्रतिरोधक क्षमता से संपन्न हो सकता है। शरीर की इस क्षमता का अनुमान केवल शरीर के आकार से नहीं लगया जा सकता है।
एक Research में पाया गया है कि घी में उपस्थित Butyric Acid, जो इसके सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है, उन T-cells के उत्पादन की प्रक्रिया को बढ़ा देता है, जो हमारे Immune System को शक्तिशाली बनाने के लिये मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं।
13. आपके बालों को नया जीवन दे सकता है घी
Ghee is The Best Hair Growth Solution in Hindi: बालों में घी लगाने के पश्चात, इसकी विशेष महक लोगों के लिये परेशानी का कारण जरुर बन सकती है। पर धरती पर शायद ही कोई ऐसा पदार्थ होगा, जो बालों के समुचित पोषण की जरूरतों को पूरा करने में घी की बराबरी कर सके।
मजबूत बालों के लिये विटामिन A की बहुत आवश्यकता होती है और घी में इस विटामिन की प्रचुर मात्रा होती है। इसीलिये यदि घी खाने के साथ-साथ बालों की घी से मालिश की जाय, तो न केवल बालों को पर्याप्त Nutrients मिलेंगे, बल्कि वह मजबूत होकर तेजी से भी बढ़ेंगे।
यदि आपके परिवार में कोई ऐसी वृद्धा स्त्री हो जों ग्रामीण पृष्ठभूमि से हों, तो आपको इसकी महत्ता का आँकलन हो सकता है। हमने कई वृद्ध स्त्रियों से बात कर इस उपाय की सामर्थ्य की पुष्टि की है और स्वयं पर परीक्षण करके भी इसे बिल्कुल सत्य पाया है, बशर्ते आप किसी अन्य रोग से ग्रस्त न हो।