Last Updated on August 26, 2018 by Jivansutra

Famous Quotes of Karl Marx in Hindi

 

समाजवाद और साम्यवाद के जनक के नाम से मशहूर काल मार्क्स आधुनिक इतिहास के अमर नायकों में से एक हैं। एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे इस बहुमुखी प्रतिभा के धनी विद्वान को श्रमिक वर्ग का सबसे बड़ा हितैषी माना जाता है। 5 मई सन 1818 के दिन पैदा हुआ यह जर्मन दार्शनिक अपने उग्र क्रांतिकारी विचारों के लिये सम्पूर्ण संसार में विख्यात हुआ था।

25 Karl Marx Quotes in Hindi
सबसे ज्यादा सुखी इन्सान वह है जिसने सबसे अधिक लोगों को सुखी बनाया हो

एक अर्थशास्त्री, पत्रकार, इतिहासकार, समाजशास्त्री, दार्शनिक और क्रांतिकारी समाजवादी के रूप में काल मार्क्स का व्यक्तित्व बडा विराट प्रतीत होता है। हालाँकि धर्म के विषय में उनके विचार कई सुधारवादियों के अनुसार संकुचित दृष्टिकोण के परिचायक हैं, लेकिन उनके जाग्रत विचारों से आधी दुनिया के देश प्रभावित हैं।

राजनीति, समाज और अर्थशास्त्र पर मार्क्स ने जो अवधारणाएँ प्रस्तुत की हैं उन्हें सम्मिलित रूप से मार्क्सवाद के नाम से जाना जाता है। आज उनके जन्मदिवस के अवसर पर हम आपको उनके प्रखर विचारों से परिचित कराने जा रहे हैं जिन्होंने एक समय संसार के सभी अमीरों के ह्रदय में डर का तूफान पैदा कर दिया था।

इतिहास खुद को दोहराता है पहले दुखांत (ट्रेजडी) के रूप में और बाद में एक स्वांग की तरह।

सामाजिक उन्नति केवल स्त्री जाति की सामाजिक स्थिति से आँकी जा सकती हैं।

प्रजातंत्र समाजवाद की ओर ले जाने वाली राह है।

ऐ दुनियाभर के श्रमिकों सब एक हो जाओ; अपनी बेड़ियों के अलावा तुम्हारे पास खोने के लिये और कुछ नहीं है।

बहुत सारी उपयोगी चीज़ों के उत्पादन का परिणाम है बहुत सारे बेगार व्यक्ति।

साम्यवाद का सिद्धांत एक वाक्य में इस प्रकार कहा जा सकता है समस्त व्यक्तिगत संपत्ति को समाप्त कर दो।

शांति का अर्थ है समाजवाद के विरोध का अभाव।

अमीर गरीबों के लिये सब कुछ करेंगे बस एक बार उनका भार उतार दो।

जो कोई भी इतिहास के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी रखता है जानता है कि स्त्रियों को ऊपर उठाये बिना कोई भी महान सामाजिक परिवर्तन असंभव है।

तर्क सदा से रहे हैं, लेकिन हमेशा तार्किक रूप में नहीं।

धर्म लोगों के लिये अफीम है।

पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाचों की तरह, जीवित श्रम को चूसकर ही जिंदा रहती है और यह जितना ज्यादा श्रम चूसती है उतने ही अधिक वक्त तक जीवित रहती है।

बाकी सभी इंसानों की तरह, जमींदार भी उस फसल से प्यार करते हैं जिसे उन्होंने कभी बोया ही नहीं था।

आवश्यकता तब तक अंधी है जब तक यह सचेत नहीं हो जाती आजादी ही आवश्यकता की चेतना है।

क्रांतियाँ इतिहास की इंजन हैं।

कंजूस और कुछ नहीं, बल्कि एक पागल पूँजीपति है लेकिन पूँजीपति एक तर्कसंगत कंजूस है।

वह देश जो औद्योगिक रूप से अधिक उन्नत है अपने से कम विकसित देश को सिर्फ अपने खुद के भविष्य की ही झाँकी दिखा सकता है।

लोगों को सुखी बनाने के लिये पहली प्राथमिकता धर्म का विनाश होनी चाहिये।

सबसे ज्यादा सुखी इन्सान वह है जिसने सबसे अधिक लोगों को सुखी बनाया हो।

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