Last Updated on September 22, 2019 by Jivansutra
Butter Meaning and Benefits in Hindi
“आयुर्वेद के अनुसार, मक्खन वात और पित्तदोष शामक, ठंडा, पौष्टिक और बुद्धिवर्धक होता है। यह आँखों की ज्योति को बढाता है, क्योंकि इसमें विटामिन A की उच्च मात्रा के साथ-साथ, कैरोटीन भी पाया जाता है। मानसिक परिश्रम करने वाले लोगों के लिये मक्खन बहुत ही ज्यादा लाभदायक है।”
Butter Meaning in Hindi मक्खन का अर्थ
Butter Meaning and Benefits in Hindi में आज हम आपको बटर के अर्थ और इसके फायदों के बारे में बतायेंगे। Butter का अर्थ है – मक्खन, माखन, नवनीत, नौनी घी या कच्चा घी। बटर शब्द की उत्पत्ति, लैटिन शब्द बटीरम (Butyrum) से हुई है। मक्खन, दूध या क्रीम को मथकर निकाले जाने वाला, वसा कणों, वायु और जल का ठोस इमल्शन (तैलयुक्त सफ़ेद तरल) है। यह संतृप्त और असंतृप्त वसाओं का मिश्रण है।
मक्खन का घनत्व, लगभग बर्फ जितना ही यानि 911 ग्राम/लीटर होता है और यह पानी में डालने पर उसके उपर तैरने लगता है, क्योंकि यह पानी से हल्का होता है। आम तौर पर मक्खन का रंग हल्का पीला होता है, लेकिन यह गहरे पीले रंग से लेकर, बिल्कुल सफ़ेद रंग का भी हो सकता है।
मक्खन के जायकेदार स्वाद से कौन परिचित नहीं होगा, आखिर यह दूध से बनने वाली लोगों की सबसे पसंदीदा चीज जो है। दुनिया का ऐसा कोई देश या महाद्वीप नहीं होगा, जहाँ Butter न खाया जाता हो। हर इंसान हल्के पीले रंग वाले इस क्रीमी, स्वादिष्ट, लजीज, और स्वास्थ्यवर्धक भोज्य पदार्थ का स्वाद लेना चाहता है, क्योंकि यह सेहत के लिये जरुरी पोषक तत्वों से भरा है।
Butter in Hindi ऐसे बनाया जाता है मक्खन
मक्खन को तैयार करने के लिये, पहले दूध को जमाकर, इससे दही तैयार की जाती है और फिर इसे मथकर या बिलोकर, तब मक्खन निकाला जाता है। मक्खन छूने पर बहुत ही मुलायम और मखमली लगता है। ताजा मक्खन बहुत ही स्वादिष्ट होता है और यह शुद्ध घी की अपेक्षा जल्दी पचता भी है। चूँकि मक्खन में कुछ अंशों में छाछ का हिस्सा भी रहता है, इसीलिये वह बासी होने पर कसैला और खट्टा लगने लगता हैं।
बाजार में मिलने वाले मक्खन में 80 प्रतिशत मक्खन की वसा (Butterfat) और 15 प्रतिशत पानी होता है। लेकिन घर पर परंपरागत रूप से बनाये गये मक्खन में आम तौर पर 70 से 85 प्रतिशत वसा और 10 से 25 प्रतिशत पानी हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार मक्खन, वात और पित्तदोष शामक तथा कफवर्धक होता है। यह एक बलकारक, वीर्यवर्धक और ओजप्रदायक आहार है, जो बुढ़ापे को दूर रखता है।
History of Butter in Hindi मक्खन का इतिहास
मक्खन हर उम्र के लोगों की शारीरिक और मानसिक आवश्यकता को पूरा कर सकता है। मक्खन का इतिहास भी लगभग दूध जितना ही पुराना है और भारतीय ही इसके आविष्कारक कहे जाते हैं। पौराणिक साहित्य और हिन्दू ग्रंथों में दूध, दही और घी के साथ-साथ मक्खन का भी वर्णन मिलता है। क्योंकि मक्खन से ही निर्मित होने वाला घी, अग्निहोत्र और यज्ञादि धार्मिक कर्मकांडों का मुख्य पदार्थ था।
जिसे देवताओं को भोग लगाने के लिये प्रयुक्त किया जाता था। भारतीय संस्कृति की प्राचीनता के आधार पर यह निश्चित किया गया है कि पिछले 4000 वर्षों से भी अधिक समय से मक्खन, भारतीय लोगों के खान-पान का अभिन्न अंग रहा है। आज भारत मक्खन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
सन 2015 में भारत में 20 लाख टन से भी ज्यादा मक्खन का उत्पादन हुआ था। हालाँकि भारतीयों के घी और मक्खन से ज्यादा प्रेम के चलते, इसकी ज्यादातर खपत देश में ही हो जाती है। दूसरे स्थान पर संयुक्त राज्य अमेरिका था, जिसने भारत की तुलना में लगभग एक तिहाई मक्खन का उत्पादन किया था। इनके बाद क्रमशः जर्मनी, फ़्रांस, न्यूजीलैंड, ब्राजील, ब्रिटेन, इंडोनेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों का स्थान आता है।
Nutritional Facts about The Butter in Hindi
Butter Nutrients in Hindi मक्खन में उपस्थित पोषक तत्व
मक्खन एक डेयरी उत्पाद है जिसे ताजा क्रीम या दूध को मथ कर तैयार किया जाता है। वसा की उच्च मात्रा के कारण, मक्खन में बहुत ज्यादा कैलोरी होती है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि ज्यादा उर्जा होने के बावजूद मक्खन एक नेचुरल पदार्थ है। इसीलिये यह ज्यादा पोषण देने में भी सक्षम हैं और इसी कारण से ज्यादा कैलोरीयुक्त होने के बावजूद, मक्खन स्वास्थ्य के लिये बहुत लाभदायक बताया गया है।
मक्खन के प्रत्येक 100 ग्राम अंश में 750 कैलोरी उर्जा होती है। इसमें मैंगनीज, क्रोमियम, आयोडीन, तांबा और सेलेनियम जैसे बहुत सारे खनिज तत्व और विटामिन A, विटामिन D, विटामिन E और विटामिन K जैसे कई जरुरी विटामिन पाये जाते हैं। मक्खन में शरीर के लिये लाभकारी वसा की बहुत ज्यादा मात्रा पायी जाती है।
Butter in Hindi ताजा आर्गेनिक मक्खन होता है सबसे बेहतर
लेकिन जहाँ तक संभव हो, आपको कच्चा और ताज़ा आर्गेनिक मक्खन (Raw and Organic Butter) ही खाना चाहिये, क्योंकि कंपनियों द्वारा तैयार किये जाने वाले पास्चुरीकृत मक्खन में, कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा इसमें आँतों के अन्दर उपस्थित, लाभदायक बैक्टीरिया की वृद्धि करने का गुण भी नहीं होता है और आहार ऐसा ही होना चाहिये जो आँतों के इन मित्र जीवाणुओं की वृद्धि करे।
घर पर ही तैयार किये जाने वाले मक्खन में, लैक्टोबैसिलस प्लानटेरम (Lactobacillus Planterum) और लैक्टोकोकस लैक्टिस (Lactococcus Lactis) जैसे स्वास्थ्य के लिये हितकर जीवाणु होते हैं। जो पाचन संस्थान की मजबूती और उसके सही प्रकार से कार्य करने के लिये अनिवार्य हैं। इसीलिये अगर आप मक्खन का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं, तो घर पर बना मक्खन ही खायें।
100 ग्राम मक्खन में पाये जाने वाले विटामिन्स और मिनरल्स का संघटन इस प्रकार हैं –
Amazing Health Benefits of The Butter in Hindi
मक्खन (Butter in Hindi) एक शानदार चीज है और अपने स्वास्थ्यप्रद गुणों के कारण ही यह लोगों की जीभ पर राज करता है। शरीर को रोगों से बचाने और उसे लम्बे समय तक स्वस्थ रखने में, इसके पोषक तत्वों की अहम् भूमिका संदेह से परे है। यही कारण है कि Butter का सेवन करने वाले लोग, लम्बे समय तक ज्यादातर बीमारियों के चंगुल में फँसे रहने से बचे रहते है। नीचे हम मक्खन के विस्तृत लाभों की जानकारी दे रहें हैं, ताकि आप भी इससे पर्याप्त लाभ उठा सकें।
1. शरीर के लिये जरुरी पोषक तत्वों का शानदार स्रोत है मक्खन
Butter Provides Essential Nutrients for Human Body in Hindi: मक्खन विभिन्न पोषक तत्वों, विटामिन्स और खनिजों से समृद्ध दुग्ध उत्पाद है। इसमें लगभग 15 ऐसे विटामिन्स और मिनरल्स पाये जाते हैं, जिनकी शरीर को बड़ी आवश्यकता रहती है। इसके अतिरिक्त यह मोनोअनसेचुरेटेड फैटी एसिड और ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत हैं। मक्खन में अनेकों पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा पायी जाती है।
जिनमे कैल्शियम, क्रोमियम, तांबा, मैंगनीज, जिंक और सेलेनियम जैसे Minerals और विटामिन A, D, E और K जैसे विटामिन शामिल हैं। इसके अलावा मक्खन में शुगर भी ना के बराबर होती है, जो इसकी खूबियों को और ज्यादा बढ़ा देती है। मक्खन अत्यंत महत्वपूर्ण खनिज सेलेनियम का प्रचुर स्रोत है। इसके साथ ही यह बहुत ही आसानी से अवशोषित होने वाली आयोडीन का भी अच्छा स्रोत है।
जानकारी के लिये बता दें कि वसा में घुलनशील विटामिन्स अनिवार्य खनिजों के साथ मिलकर, महत्वपूर्ण चयापचय अभिक्रियाओं को अंजाम देते हैं। मक्खन, एक्टिवेटर X का स्रोत है जो आपके शरीर की खनिजों के अवशोषण में सहायता करता है। इसमें उपस्थित वसा हमारे शरीर में सब्जियों और फलों से प्राप्त होने वाले, जरूरी पोषक तत्वों (विटामिन और खनिज) को तेजी से अवशोषित होने में मदद करती है।
2. पाचन संस्थान के लिये बहुत ही उत्तम आहार है मक्खन
Butter is Beneficial for Digestive System in Hindi: जो लोग घी नहीं पचा सकते हैं, उनके लिये कम वसा युक्त मक्खन अधिक उत्तम है। मक्खन घी से पूर्व की अवस्था है जिसमे दूध का कुछ अंश भी समाहित रहता है। इसीलिये इसका पाचन घी की तुलना में सरल है, क्योंकि घी वसा का शुद्ध स्वरुप है। आयुर्वेद के अनुसार मक्खन के सेवन से पाचनशक्ति बढ़ती है और इसके उपयोग से दस्त, वायु, पित्त और खून के रोग मिटते हैं।
मक्खन में एक महत्वपूर्ण तत्व, ग्लाइकोस्फिंगोलिपिड्स (Glycosphingolipids) पाया जाता हैं। यह विशेष प्रकार का फैटी एसिड, आपके शरीर की कई प्रकार की पेट और आँतों की समस्याओं (Gastrointestinal Problems) से सुरक्षा करता है। मक्खन में ग्लाइकोफिंगोलिपिड्स की प्रचुर मात्रा, म्यूकस की परत के साथ-साथ झिल्लियों की संरचना को भी मजबूती देती है।
यह तत्व जीवाणुओं से होने वाले संक्रमण को उनके कोशिकाओं के साथ जुड़ने से पहले ही रोक लेता है। यह बहुत छोटी और बड़ी उम्र के लोगों की उदर और आँतों के संक्रमण (Gastrointestinal Infections) से रक्षा करता है। इसलिये मक्खन का सेवन करने से आप अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके अलावा मक्खन में लेसिथिन भी पाया जाता है जो कोलेस्ट्रोल के मेटाबोलिज्म के लिये अनिवार्य है।
3. शानदार एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार है मक्खन
Butter has Powerful Antioxidant Properties in Hindi: कुदरती मक्खन में कैरोटीन का उच्च स्तर पाया जाता है, जो इंसानों के लिये एक असाधारण और अनिवार्य पोषक तत्व है। मक्खन में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंटस, धमनियों की कमजोर होने से सुरक्षा करते हैं। कैरोटीन, इंसानों के स्वास्थ्य के लिये दो प्रकार से लाभदायक है, या तो यह एंटीऑक्सीडेंट्स में बदल जाता है या फिर यह विटामिन A में बदल जाता है।
जब कैरोटीन शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में काम करता है, तो इसका 60 प्रतिशत हिस्सा रोगों से लड़ने वाले यौगिकों में परिणत हो जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स संक्रमणरोधी होते हैं और आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। चूँकि विटामिन A वसा में घुलनशील होता है, इसीलिये यह शरीर के उन हिस्सों को लाभ देता है, जिनमे वसा-घुलनशील झिल्लियाँ उपस्थित होती हैं। जैसे कि त्वचा, आँखें, मुँह, गला, मूत्र तंत्र और पाचन संस्थान आदि।
4. आपकी आँखों की ज्योति को बढाता है मक्खन
Butter Improves Vision of Your Eyes in Hindi: मक्खन आँखों की ज्योति को बढाता है, क्योंकि इसमें अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन A की उच्च मात्रा पायी जाती है। गाय के दूध से बने मक्खन में तो बीटा कैरोटीन भी प्रचुर मात्रा में होता है जो आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिये और भी अधिक लाभदायक माना जाता है। भारत में तो आज भी यह मान्यता प्रचलित है कि मक्खन का नियमित सेवन करने वालों को कभी चश्मा लगाने की जरुरत नहीं पड़ती।
बीटा कैरोटीन न सिर्फ आंखों को स्वस्थ रखता है, बल्कि यह मोतियाबिंद और मैकुलर डिजनरेशन (आँखों के रेटिना को होने वाली क्षति) जैसी आँखों की समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है। मक्खन आंखों में जलन होने पर भी आराम देता है। आंखों में जलन की समस्या होने पर, गाय के दूध के मक्खन को आंखों में लगाना फायदेमंद रहता है।
5. आपकी हड्डियों को भी मजबूत बनाता है मक्खन
Butter is Good for Bones Health in Hindi: मक्खन में दूसरे विटामिन्स और मिनिरल्स तो होते ही हैं, साथ ही इसमें कैल्शियम की प्रचुर मात्रा भी पायी जाती है। इसके अलावा बटर में मौजूद विटामिन D शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। यह दोनों ही तत्व मजबूत और लचीली हड्डियों के निर्माण के लिये अनिवार्य हैं। इनके अभाव में हड्डियाँ धीरे-धीरे खोखली और भंगुर होने लगती हैं।
उनका घनत्व कम हो जाता है और धीरे-धीरे इन्सान, ऑस्टियोपोरोसिस रोग की चपेट में आ जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं मक्खन दांतों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि यह दाँतों को जल्दी गिरने से रोकता है। मक्खन एंटी-स्टिफनेस फैक्टर का एकमात्र स्रोत है जो आपके जोड़ों में कैल्शियम को जमने से रोकता है। इसीलिये अगर आप भी अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाये रखना चाहते हैं, तो आज से ही मक्खन का सेवन शुरू कर दें।
6. शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है मक्खन
Butter is an Immunity Booster Food in Hindi: मक्खन एक अमृततुल्य आहार है, जिसके गुणों को सिर्फ कहने या लिखने से नहीं बताया जा सकता है। मक्खन में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन A, D और E तथा बीटा कैरोटीन जैसे तत्व इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं। इसके अलावा मक्खन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल तत्व भी होते हैं, जो हर समय उपस्थित रहने वाले सामान्य संक्रमणों से हमारी सुरक्षा करते हैं।
मक्खन कोशिकाओं की वृद्धि और उनकी मरम्मत में योगदान देता है और उनके संक्रमणकारी तत्वों से सुरक्षा करता है। इसके अलावा विटामिन A, लिम्फोसाईटस के उत्पादन की प्रक्रिया को उत्तेजित करके, इम्यून सिस्टम को और मजबूत बनाता है। शरीर में विटामिन A की उच्च मात्रा, श्वसन के संक्रमण, ऑटोइम्यून डिजीजस और एड्स के प्रति आपकी सुरक्षा को और ज्यादा मजबूत बना सकती है।
Wonderful Health Benefits of The Butter in Hindi
7. त्वचा रोगों को दूर कर उसकी चमक को बढाता है मक्खन
Butter Rejuvinates Your Skin in Hindi: मक्खन में पर्याप्त मात्रा में वसा होती है, इसीलिये यह कुदरती रूप से स्निग्ध/चिकना होता है। रूखी-सूखी और बेजान त्वचा के लिये यह एक प्राकृतिक स्नेहक (Natural Lubricant) के रूप में काम करता है। चूँकि इसमें दूध का भी अंश रहता है, इस कारण से यह जल्दी सूख जाता है और घी की तरह चिपचिपाहट पैदा नहीं करता।
दूध का अंश रहने के कारण, बटर स्किन की रंग को उजाला बनता है। सर्दियों में कृत्रिम स्नेहक पदार्थों जैसे कि वैसलीन आदि के स्थान पर, मक्खन का प्रयोग करना ज्यादा बेहतर है। क्योंकि वैसलीन का मुख्य अंश क्रूड आयल से निकलने वाली पेट्रोलियम जैली होती है, जिसे स्वास्थ्य के लिये उतना अच्छा नहीं माना जाता।
Butter May Benefit in Various Skin Diseases: त्वचा रोगों में ऐसे पदार्थों को खाना बेहतर रहता है जो शरीर के भीतर जाकर पित्त का निर्माण न करें। घी और मक्खन ऐसे ही पदार्थ हैं जो अपने कफकरक गुण से पित्त की अधिक मात्रा को संतुलित करते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक एक्जिमा, सोरायसिस और दूसरे त्वचा रोगों में मक्खन और मट्ठे सरीखे पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
मक्खन में लौरिक एसिड पाया जाता है, जो फंगल इंफेक्शन और कैंडिडा से लड़ने में मददगार सिद्ध होता है। जहाँ मक्खन में उपस्थित विटामिन E और सेलिनियम खनिज, स्किन को कोमल और ग्लोइंग बनाते हैं, वहीँ इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंटस, त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाकर उसकी ताजगी बरकरार रखते हैं।
8. शरीर में आई सूजन को भी कम करता है मक्खन
Butter Reduces Inflammation Through Butyric Acid in Hindi: मक्खन में एक और शानदार चीज पायी जाती है जो इसके गुणों को और ज्यादा बढ़ा देती है। यह चीज है – बटरिक एसिड (Butyric Acid)। 4-कार्बन फैटी एसिड बुटरेट का निर्माण, बैक्टीरिया द्वारा बड़ी आँत के अन्दर तब होता है, जब वह खाने योग्य फाइबर के संपर्क में आते हैं। फाइबर इंसानों के लिये क्यों इतना स्वास्थ्यप्रद होता है, इसका एक प्रमुख कारण यह भी हो सकता है।
लेकिन आपको जानकर खुशी होगी कि बुटरेट का एक और बढ़िया स्रोत हमारे आहार में ही उपलब्ध है और यह है मक्खन, जिसमे 3 से 4 प्रतिशत बुटरेट होता है। परीक्षण करने पर पाया गया है कि यह बुटरेट उर्जा खर्च को बढाकर और भूख कम करके ज्यादा वजन बढ़ने से रोकता है। इसके अतिरिक्त यह मायटोकोंड्रिया की कार्यक्षमता को बढाता है और फास्टिंग ट्राईग्लिसराइडस और इन्सुलिन को कम करता है।
इंसानों के अन्दर बटरिक अम्ल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी यानि सूजन कम करने वाला तत्व होता है और इसके पाचन तंत्र पर शक्तिशाली सुरक्षात्मक प्रभाव होते हैं। एक अन्य शोध में पाया गया है कि बटरिक एसिड का सेवन करने से क्रोन डिजीज से पीड़ित लोगों की आँतों की सूजन में भी कमी आती है।
जानकारों का मानना है कि शरीर में आने वाली यह सूजन ही ज्यादातर बीमारियों की जड़ है और अगर आप घास खाने वाले जानवरों से प्राप्त हुए मक्खन का सेवन करते हैं, तो आपको बटरिक एसिड की प्रचुर मात्रा प्राप्त होगी जो शरीर या इसके अंगों में होने वाली सूजन को दूर ही रखेगी।
9. मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को मजबूती देता है मक्खन
Butter is Highly Beneficial for Mental Health in Hindi: मक्खन खाने में हल्का, ठंडा, पौष्टिक और बुद्धिवर्धक होता है। इसमें अराचिडोनिक एसिड होता है, जो मस्तिष्क के ठीक तरह से काम करने के लिए ज़रूरी है। बटर मानसिक परिश्रम करने वाले लोगों या विद्यार्थीयों के लिये बहुत ही ज्यादा लाभदायक है, क्योंकि उन्हें बहुत अधिक उर्जा (शारीरिक परिश्रम करने वाले लोगों से भी अधिक) की आवश्यकता होती है।
आपको बता दें कि मस्तिष्क रक्त का सबसे अधिक उपयोग करने वाले अंगों में से एक है। जब कोई व्यक्ति कठोर मानसिक परिश्रम करता है, तो दिमाग शरीर के कुल रक्त के 20 प्रतिशत से भी अधिक भाग का उपयोग करता है। अपनी सूक्ष्म और सरल संरचना के कारण, मक्खन मस्तिष्क की कोशिकाओं के निर्माण और मरम्मत में बड़ा भारी योगदान देता है, क्योंकि यह HDL (अच्छी कोलेस्ट्रोल) से पूर्ण आहार है।
चूँकि मस्तिष्क का 70 प्रतिशत हिस्सा यह कोलेस्ट्रोल ही होती है, इसीलिये मक्खन बच्चों के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिये बेहद जरुरी है। मक्खन इसलिये भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें वह अराचिडोनिक एसिड (Arachidonic Acid) पाया जाता है, जो मस्तिष्क के सही प्रकार से काम करने के लिये बहुत जरुरी है और जो कोशिका झिल्लीयों (Cell Membranes) का अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है।
मस्तिष्क के बारे में अधिक जानने के लिये पढ़ें – Wonderful Brain Facts in Hindi
10. थाईराइड की समस्या भी दूर होती है मक्खन से
Butter Helps in Thyroid Problems in Hindi: मक्खन में भरपूर मात्रा में आयोडीन पाया जाता है जो थायरॉइड के मरीजों के लिए लाभदायक होता है। इसके अलावा इसमें उपस्थित विटामिन A भी थायरॉइड ग्रंथि के सही प्रकार से कार्य करने के लिये बहुत जरुरी होता है। विज्ञान के विद्यार्थी जानते ही होंगे कि थायराइड ग्रंथि हमारी अंतःस्रावी प्रणाली का अंग है और इसके सही से काम नहीं करने से थायराइड संबंधी जटिलताएँ पैदा हो जाती हैं।
अगर यह ग्रंथि अपना काम सही प्रकार से नहीं करती है, तो व्यक्ति या तो बहुत मोटा हो जाता है या फिर बहुत पतला। इसके अलावा उसे दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है। इसीलिये अगर आप भी इन दिक्कतों से बचना चाहते हैं, तो मक्खन को अपने भोजन में रोजाना शामिल करें।
11. श्वास रोगों को ठीक करने में भी मदद करता है मक्खन
Butter Helps in Asthama and Respiratory Problems in Hindi: बहुत से लोग सोचते होंगे कि भला मक्खन से श्वास रोग कैसे ठीक हो सकते हैं, क्योंकि इसमें तो भरपूर चिकनाई होती है, उल्टा यह तो रोग को और बढ़ा ही देगा। उनका यह तर्क एक हद तक ही सही है, लेकिन पूर्ण रूप से नहीं।
एक अध्ययन में पाया गया है कि मक्खन में उपस्थित संतृप्त वसा फेफड़ों को बल प्रदान करती है और दमा के मरीजों में इसका सेवन लाभदायक सिद्ध हो सकता है। लेकिन इसके प्रयोग की कुछ शर्ते और परहेज हैं, जिनका पालन करके ही यह दमा रोग में आराम दे सकता है। इसकी चर्चा हम आगे करेंगे।
12. वर्कआउट करने वाले लोगों के लिये शानदार आहार है मक्खन
Butter is A Great Food for Athletic People in Hindi: Physical Exercise या जिम में वर्कआउट करने वाले लोगों के लिये, मक्खन प्रोटीन और वसा से भरपूर एक पौष्टिक आहार है, जो उनके शरीर की मांसपेशियों के लिये आवश्यक अतिरिक्त उर्जा की पूर्ति करता है। मक्खन तेजी से उर्जा प्रदान करने वाला स्रोत है और यह हमारे शरीर के एडीपोज टिश्यूओं में इकट्ठा नहीं होता है।
मक्खन छोटे-बडे़ सभी उम्र के लोगों के लिए अमृत के समान है। इसके सेवन से शरीर की नई कोशिकाओं का निर्माण होता है और फैट की जरुरी कमी पूरी होती है। चूँकि यह पचने में हल्का होता है, इसीलिये यह शरीर में जाकर तुरन्त खून (रक्त) बनाता है।
Incredible Benefits of Butter in Hindi with Images
13. आपके दिल के लिये बहुत ही अच्छी चीज है मक्खन
Butter can Improve Cardiovascular Health in Hindi: हाल के वर्षों में संपन्न हुए कई शोधों में, मक्खन को दिल के लिये एक स्वास्थयप्रद आहार के रूप में पूर्ण रूप से उपयुक्त घोषित कर दिया गया है, क्योंकि इसमें एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) होता है। HDL कोलेस्ट्रॉल का वैज्ञानिक नाम, ओमेगा-3 फैटी एसिड है और यह शरीर के सभी अंगों के सही प्रकार से कार्य करने के लिये जरुरी समझा जाता है।
वहीँ ओमेगा-6 फैटी एसिड यानि LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) धमनियों में जमकर, एथेरोस्क्लेरोसिस, दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बनता है। मक्खन में उपस्थित HDL कोलेस्ट्रॉल की प्रचुर मात्रा, LDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से रोकती है और दिल की बीमारियों से बचाव करती है। कई अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग रोजाना अपनी डाइड में नेचुरल मक्खन को शामिल करते हैं, उन्हें दिल के रोग होने का खतरा कम होता है।
Butter Lowers Heart Attack Risk Compared to Margarine: एपिडेमियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक हार्ट स्टडी में दिल के रोगों में मक्खन और मार्जरीन के प्रभावों का अध्ययन किया गया है और इससे जो निष्कर्ष निकले हैं, वह बिल्कुल हैरान करने वाले हैं। पर पहले मार्जरीन के बारे में थोडा जान लें – मार्जरीन एक उच्च प्रसंस्कृत और हानिकारक ट्रांस फैट से युक्त, मक्खन का कृत्रिम विकल्प है, जिसे मक्खन के स्थान पर बेचा जाता है।
बहुत सी कम्पनियाँ, इसे मक्खन से बेहतर बताकर, अपने बिजनेस को बढ़ावा दे रही हैं। यहाँ तक कि कुछ विशेषज्ञ भी ऐसा ही मानते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। फ्रमिन्घम हार्ट स्टडी में दिल के रोगों पर मक्खन और मार्जरीन के प्रभावों का अध्ययन करने के पश्चात यह सिद्ध हो गया है कि मार्जरीन दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है, जबकि मक्खन का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
इसके अलावा 16 वर्ष तक चले एक अन्य अध्ययन में, जो सन 2010 में यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित हुआ था, के अनुसार डेयरी उत्पादों के सेवन का दिल के रोगों या कैंसर से होने वाली मौतों से कोई संबंध नहीं है। वास्तव में वसा की उच्च मात्रा से युक्त डेयरी पदार्थों का सेवन करने से, दिल के रोगों का खतरा 69 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
ऐसा इसलिये, क्योंकि इनमे विटामिन K2 की मात्रा बढ़ी हुई होती है। इसके अलावा मक्खन में उपस्थित विटामिन A, D और E तथा लेसिथिन, आयोडीन और सेलेनियम जैसे तत्व भी दिल के रोगों का खतरा कम करते हैं।
14. यौन शक्ति और प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाता है मक्खन
Butter Improves Sexual Performance and Fertility in Hindi: आयुर्वेद के अनुसार मक्खन के सेवन से पित्त और वायु के दोष दूर होते हैं और वीर्य की वृद्धि होती है। यह नपुंसकता को दूर करता है और ताकत को बढ़ाने वाला (बलवर्द्धक) होता है। मक्खन शुक्राणुओं की गुणवत्ता को सुधारता है और एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन जैसे सेक्स हार्मोन्स के उत्पादन में अहम् भूमिका निभाता है।
इसीलिये जो लोग अपनी प्रजनन क्षमता बढ़ाने के इच्छुक हैं, वह इसका सेवन जरुर करें। मक्खन में वसा में घुलनशील कई ऐसे विटामिन पाये जाते हैं जो इंसानों के स्वास्थ्य के लिये निहायत ही जरूरी होते हैं। क्योंकि यह पानी में घुलनशील विटामिन्स से पोषक तत्वों को बाहर निकालने के लिये अनिवार्य होते हैं। कई अध्ययन में पाया गया है कि इनमे से कई फैट सोल्यूबिल विटामिन्स, सेक्सुअल परफॉरमेंस को बेहतर बना सकते हैं।
विटामिन A और विटामिन D दोनों ही मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के साथ-साथ, यौन स्वास्थ्य के विकास के लिये भी जरूरी हैं। उन वसाओं और साथ ही विटामिन E के बिना सभी पुरुषो और स्त्रियों को एक प्रकार की पोषण की कमी से उत्पन्न होने वाले बाँझपन (Nutritional Sterility) का सामना करना पड़ सकता है, जिसमे उनकी यौन गतिविधियाँ सही प्रकार से मुखर नहीं हो सकेंगी।
और यह भी कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पिछले कुछ दशकों में जैसे-जैसे मक्खन की खपत कम हुई है, वैसे-वैसे पुरुषों में नपुंसकता (Sexual Dysfunction) और स्त्रियों में बाँझपन (Sterility) की समस्या की दर भी बढ़ती गयी है। अगर मक्खन का प्रतिदिन सेवन किया जाय, तो पुरुषों की नपुंसकता और स्त्रियों में बाँझपन की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है।
15. गर्भवती स्त्रियों के लिये बहुत ही जरुरी है मक्खन
Butter is A Great Food for Pregnant Women in Hindi: मक्खन गर्भवती महिलाओं के लिये विशेष रूप से लाभदायक है। क्योंकि यह गर्भ में पलने वाले बच्चे के सम्पूर्ण विकास, विशेषकर उसके मस्तिष्क के लिये जरुरी होता है। बटर, अराकिडोनिक एसिड (Arachidonic Acid) का प्रमुख स्रोत है। कई बरस पहले, सन 1934 में अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की फिजियोलॉजिकल केमिस्ट्री लैब में, मक्खन में एक ‘बहुत ही ज्यादा अनसैचुरेटेड एसिड’ की उपस्थिति का पता चला था।
इस अम्ल का नाम है – अराकिडोनिक एसिड और कई अध्ययनों में इस अम्ल के बड़े फायदे बताये गये हैं। सन 2016 में न्यूट्रीएंटस जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में, नवजात शिशुओं और इम्युनिटी के विकास में अराकिडोनिक एसिड (ARA) की अनिवार्य भूमिका का पता चला था।
ARA मानव शरीर के उन कई सारे सिग्नलिंग अणुओं का अग्रदूत है, जो इम्यून रेस्पोंस को इसके उच्चतम स्तर तक ले जाने के लिये बेहद महत्वपूर्ण हैं। इंसानों तथा जानवरों पर संपन्न हुई एक हालिया रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि हो गयी है कि ARA नवजातों की वृद्धि, मस्तिष्क विकास और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है।
16. मक्खन आपके मूड को बेहतर बनाता है
Butter Makes Your Mood Better in Hindi: मक्खन में पाया जाने वाला सेलेनियम एक महत्वपूर्ण Trace Mineral है और इसका तंत्रिका तंत्र, कुछ हार्मोन्स और मानसिक अभिरुचि से सीधा संबंध है। यह तत्व आपके मूड को बेहतर करने में आपकी मदद करता है।
वैसे भी मक्खन का टेस्ट इतना लाजवाब होता है कि इसे खाने पर खराब मूड भी अपने आप सही होने लगता है। तो आगे से जब कभी आपका मूड खराब हो, थोड़ा सा मक्खन लें और फिर देखिये यह क्या कमाल करता है।
17. मक्खन बुखार में भी आराम करता है
Butter can help in Fever in Hindi: आयुर्वेद के कुछ जानकार बताते हैं कि यूँ तो घी और चिकनाई का सामान्य प्रयोग, बुखार में नुकसान ही देता है, लेकिन इसका एक अपवाद भी है। अगर गौ के दूध से बने मक्खन और खांड का सेवन मिलाकर किया जाय, तो इससे पुराने बुखार में भी आराम मिलता है। क्योंकि यह दोनों ही शीतल प्रकृति के होते हैं और बुखार पित्त के कुपित होने से पैदा होता है। इसके अलावा मक्खन क्षय रोग में भी लाभ दे सकता है। इसके लिये शहद और सोने के वर्क को मिलाकर खायें।
18. बवासीर में भी लाभ देता है मक्खन का सेवन
Butter can Treat Piles in Hindi: मक्खन से बवासीर की पीड़ा में भी लाभ होता है, क्योंकि यह शीतल प्रकृति का होता है। इसके लिये एक चम्मच गाय के दूध का मक्खन और एक चम्मच तिल को मिलाकर, खाली पेट खायें। इससे पाइल्स की समस्या में लाभ होता है। इसके अलावा मक्खन में शहद व खांड को मिलाकर खाने से, खूनी बवासीर भी ठीक हो सकती है।
24 Surprising Benefits of The Butter in Hindi
19. मोटापे की समस्या को दूर करने में मदगर है मक्खन
Butter is Associated With a Lower Risk of Obesity in Hindi: डाइटीशियन और पोषण विशेषज्ञ, अक्सर कम वसा वाले डेयरी उत्पाद (Low-fat Dairy Products) का इस्तेमाल करने की ही सलाह देते हैं, ताकि हम उस कैल्शियम को हासिल कर सकें जिसकी हमें जरुरत रहती है और खराब वसा और कैलोरी से बचे रहें। लेकिन अपने हाई कैलोरी अंश के बावजूद, उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों (High-fat Dairy Products) को खाने पर भी उनका मोटापे से कोई संबंध नहीं है।
यहाँ तक कि सन 2012 में एक नये रिव्यू पेपर में जिसमे शोधकर्ताओं ने उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों को खाने से, मोटापे, दिल की बीमारियों, और दूसरे मेटाबोलिक डिसऑर्डरस पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन किया था, में पाया गया था कि उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद, मेटाबोलिक रोगों का खतरा तो बढ़ाते ही नहीं हैं, उल्टा इन्हें खाने से मोटापे का खतरा भी एक हद तक कम हो जाता है।
Conjugated Linoleic Acid Reduces Obesity in Hindi: मक्खन, विशेषकर वह जो घास खाने वाले जानवरों के दूध से निकला हो, कन्जूगेटेड लिनोलिक एसिड (Conjugated Linoleic Acid) नामक फैटी एसिड का शानदार स्रोत है। इस वसा अम्ल का मेटाबोलिज्म पर बड़ा असर पड़ता है और इसे बाजार में वेट लोस सप्लीमेंट के रूप में बेचा जाता है।
कई अध्ययन में पाया गया है कि CLA में एंटी-कैंसर गुण होते हैं और साथ ही इसमें शरीर की वसा का अंश कम करने की भी खूबी होती है। हालाँकि कुछ शोध के अनुसार, CLA का बॉडी की संरचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसके अलावा मक्खन में लेसिथिन (Lecithin) नाम का एक तत्व होता है जो कॉलेस्ट्रॉल और वसा के अन्य रूपों के मेटाबॉलिज्म में मदद करता है। इससे वज़न कम करने में आसानी होती है।
20. कैंसर जैसे खतरनाक रोग को दूर कर सकता है मक्खन
Butter can Help in Preventing Cancer in Hindi: जी हां, मक्खन कोई मामूली चीज नहीं है। यह कैंसर जैसे जानलेवा रोग से बचाव करने में भी आपकी मदद कर सकता है। दरअसल मक्खन में मौजूद, फैटी एसिड कन्जूगेटेड लिनोलिक एसिड, प्रमुख रूप से कैंसर से बचाव करने में मदद करता है। इसके अलावा मक्खन में उपस्थित विटामिन A और उसके घटक बीटा कैरोटीन पर हुए शोध अध्ययनों में भी कुछ अद्भुत तथ्यों का पता चला है।
एक नयी स्टडी के अनुसार, यह तीनों तत्व, कोलोरेक्टल कैंसर (बड़ी आँत का कैंसर), प्रोस्टेट कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, और पेट के कैंसर को रोकने में प्रभावी पाये गये हैं। हालाँकि किसी निष्कर्ष पर पहुँचने के लिये अभी व्यापक शोध की जरुरत है। जहाँ अन्य पोलीअनसेचुरेटेड तेल (Polyunsaturated Oils) कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं, वहीँ मक्खन की संतृप्त वसा में शक्तिशाली एंटी-ट्यूमर और एंटी-कैंसर गुण होते हैं।
कॉंजगेटेड लिनोलिक एसिड, एक शक्तिशाली एंटी-कैंसर एजेंट तो है ही, साथ ही यह माँसपेशियाँ बनाने वाला (Muscle Builder) और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Booster) में वृद्धि करनेवाला तत्व भी है।
सन 1999 में हुए एक शोध में पाया गया है कि घास खाने वाली गायों में CLA की बहुत ज्यादा मात्रा पायी जाती है, जो दूसरे आहार पर रहने वाली गायों की तुलना में सामान्य से 500 प्रतिशत तक ज्यादा होती है।
इसलिये ऐसी गायों का मक्खन एक शक्तिशाली कैंसर फाइटिंग फूड है। तो अगर आप भी कैंसर के जानलेवा रोग से बचे रहना चाहते हैं, तो आज से ही मक्खन खाना शुरू कर दें। क्योंकि मक्खन के सेवन से कैंसर के बढ़ने की संभावना कम की जा सकती है।
21. शरीर को तुरंत शक्ति प्रदान करके बुढ़ापे को दूर रखता है मक्खन
Butter Keeps Old Age at Bay by Providing Instant Energy in Hindi: मक्खन में शोर्ट और मीडियम चेन ट्राईग्लिसराइडस (MCT) की पर्याप्त मात्रा होती है। जो न सिर्फ आपके मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाती है, बल्कि आपके इम्यून सिस्टम के लिये भी बहुत अच्छी होती है। मक्खन और नारियल के अन्दर पायी जाने वाली MCT, आपके शरीर की माँसपेशियों और अंगों के लिये तुरंत ही उर्जा या ईंधन में रूपांतरित हो जाती हैं।
इस तरह से आपके शरीर में अनावश्यक चर्बी के रूप में इकट्ठा होने के बजाय, MCT, सीधे उर्जा का स्रोत बन जाती है। यही कारण है कि अगर भूख में मक्खन का सेवन किया जाय, तो तुरंत ही तृप्ति मिलती है। इसीलिये जो कोई भी वजन कम करने के लिये अपनी कैलोरी को नियंत्रित करना चाहता है या फिर तुरंत शक्ति पाना चाहता है, उन्हें मक्खन का सेवन जरुर करना चाहिये।
चूँकि मक्खन में उपस्थित, एंटीऑक्सीडेंट्स, शरीर की कोशिकाओं को असमय ही ख़त्म करने वाले, फ्री रेडिकल्स को मार भगाते हैं, इसीलिये यह आपके यौवन को स्थिर बनाये रखने में मदद करता है और आप लम्बे समय तक बुढ़ापे के अभिशाप से बचे रह सकते हैं।
22. आर्थराईटिस की समस्या को दूर करने में कारगर है मक्खन
Butter Aids in Arthritis Prevention in Hindi: जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या होती है, उनके जोड़ों में चिकनाई (लुब्रिकेंट) की कमी से पीड़ा रहने लगती है। वह थोड़ी दूर भी चलते हैं या फिर बैठकर उठते हैं, तो उनके घुटनों में असहनीय पीड़ा होती है। ऐसे लोगों के लिये मक्खन एक कुदरती और असरदार दवाई सिद्ध हो सकता है, क्योंकि यह घुटनों के लिये नेचुरल लुब्रिकेंट का काम करता है।
मक्खन में एक दुर्लभ हार्मोन जैसा पदार्थ होता है जो केवल मक्खन या क्रीम में ही पाया जाता है। इसे “वुल्ज़न फैक्टर” (Wulzen Factor) कहते हैं और यह जोड़ों में कैल्शियम को जमने से रोकता है। यही जमाव आगे चलकर गठिया या आर्थराइटिस का कारण बनता है। यह तत्व केवल जानवरों से प्राप्त होने वाले आहार जैसे कि क्रीम या दूध में ही पाया जाता है।
लेकिन पास्चुरीकरण की प्रक्रिया, वुल्ज़न फैक्टर को ख़त्म कर देती है। इसीलिये मक्खन के दूसरे विकल्प और मार्जरीन इस बहुमूल्य लाभ को प्रदान करने में पिछड जाते हैं। इसके अलावा वुल्ज़न फैक्टर, धमनियों को कठोर होने, मोतियाबिंद होने और पीनियल ग्रंथि में कैल्शियम जमा होने से भी रोकता है।
23. हिन्दुओं के धार्मिक क्रियाकलापों का अंग भी है मक्खन
Butter is a Part of Hindu Festivals and Rituals in Hindi: मक्खन और घी का हिन्दुओं के कर्मकांडों और धार्मिक जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ तक कि उनके धार्मिक ग्रन्थ जैसे कि वेद और पुराण भी इनके महातम्य से भरे पड़े हैं। यज्ञ, हवन और पूजन में मक्खन और घी का खूब प्रयोग किया जाता है।
24. स्वादिष्ट और लजीज व्यंजन भी बनाये जाते हैं मक्खन से
Butter is used as A Delicious Cuisine in World in Hindi: आयुर्वेद में मक्खन से बहुत सारी बीमारियों जैसे कि कान के रोग, अनिद्रा, सेक्स संबंधी समस्याओं, मानसिक और शारीरिक कमज़ोरी का इलाज किया जाता है। लेकिन यह अपने आप में एक बड़ा ही स्वादिष्ट, और लजीज पदार्थ है। यही कारण है कि इसे दुनिया भर में तेल के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, ताकि स्वादिष्ट और जायकेदार व्यंजन तैयार किये जा सकें।