Last Updated on February 18, 2022 by Jivansutra
All Symptoms of Pregnancy in First Week and 1st Month in Hindi
Pregnancy Symptoms in Hindi: माँ बनना दुनिया के सबसे खुशनुमा अनुभवों में से एक है। इसीलिये जब कोई स्त्री प्रथम बार गर्भवती होती है, तो उसकी खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहता, क्योंकि यह उसके लिये एक बिल्कुल ही नया अनुभव होता है। हालाँकि Pregnant होने के 2 से 3 महीने बाद तो Pregnancy का पता आसानी से लगाया जा सकता है, लेकिन गर्भावस्था की शुरूआत में, गर्भ ठहरने के लक्षण दिखायी देने में, कभी-कभी कुछ दिन लग जाते हैं और ऐसा ज्यादातर स्त्रियों में देखने को मिलता है।
Pregnancy Symptoms in Hindi गर्भावस्था के लक्षण
चूँकि प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की संरचना और उसकी अनुभूतियों का स्तर एक समान नहीं होता, इसीलिये Pregnancy के आरंभिक लक्षण भी सभी महिलाओं में एक जैसे नहीं होते। यही कारण है कि अलग-अलग स्त्रियों में Pregnancy के अलग-अलग लक्षण देखने को मिल सकते हैं। आवश्यक नहीं कि एक स्त्री गर्भ ठहरने के जिन लक्षणों का अनुभव करती हो, दूसरी को भी वही महसूस हों।
वास्तविकता तो यह है कि दुनिया में लगभग 90 प्रतिशत महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी के पहले सप्ताह का पता नहीं चल पाता है, क्योंकि प्रथम सप्ताह में, सिर्फ भ्रूण के बनने की ही शुरुआत होती है। इस अवधि में शरीर में बदलाव इतने सूक्ष्म स्तर पर क्रियान्वित होते हैं कि उन्हें जान पाना किसी भी स्त्री के लिये सहज नहीं होता।
जब कोई स्त्री गर्भधारण करती है, तो वह शिशु के जन्म लेने तक, गर्भावस्था के कई चरणों से गुजरती है। हालाँकि प्रारंभिक चरणों में गर्भावस्था के लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता। लेकिन अगर स्त्री सतर्क रहे और अपने शरीर और मन की स्थिति पर सूक्ष्म दृष्टि रखे, तो वह गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों को पहचान सकती है।
गर्भधारण के कितने समय बाद दिखायी देते हैं प्रेग्नेंसी के लक्षण
किसी स्त्री को अपने Pregnant होने के लक्षण गर्भधारण के एक दिन बाद भी दिख सकते हैं और एक महीने बाद भी। देखा तो यहाँ तक गया है कि कुछ स्त्रियों को गर्भधारण के तीसरे महीने में जाकर ही अपनी Pregnancy का पता चल पाता है। क्योंकि गर्भावस्था के लक्षण, भ्रूण के विकास, शरीर में हार्मोन्स के संतुलन और व्यक्ति के अपने इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया पर भी निर्भर करते हैं।
एक बार Pregnant होते ही, गर्भवती महिला के शरीर में, तुरंत कई बदलाव आना शुरू हो जाते हैं, फिर चाहे उसे इसका पता चले या नहीं। 15-20 दिन बीतने के पश्चात यह बदलाव, उसके शरीर के साथ-साथ मन को भी प्रभावित करने लगते हैं, जो उनके व्यवहार और आदतों में भी झलकने लगते हैं। कभी-कभी तो Pregnancy में महिलाओं का व्यवहार भी काफी अजीब सा हो जाता है।
और उनमे ऐसी Habits पनप जाती हैं जिन्हें बस विचित्र ही कहा जा सकता है इसीलिये अगर सेक्स संबंध बनाने के बाद, आपको अपने शरीर में अचानक से कुछ बदलाव दिखने लगे हैं, तो प्रेगनेंसी टेस्ट जरुर करें। लेकिन अगर किन्ही कारणों से आप टेस्ट नहीं कर पाती हैं, तो इस लेख में दिये जा रहे Pregnancy Symptoms की मदद से खुद के Pregnant होने की पुष्टि करें।
Pregnancy Ke Lakshan in First Week in Hindi
1. Missed Period in Pregnancy माहवारी का बंद होना
Missed Period is The Symptom of Pregnancy in Hindi: प्रत्येक स्वस्थ महिला को हर महीने एक निश्चित समय पर पीरियड्स होते हैं, लेकिन गर्भधारण करने के तुरंत पश्चात माहवारी होनी बंद हो जाती है। इसीलिये माहवारी न आना, किसी स्त्री के गर्भवती होने का सबसे आम लक्षण समझा जाता है। अगर सामान्य दिनों में आपके पीरियड्स समय पर आते रहे हैं, लेकिन संबंध बनाने के बाद मासिक धर्म रूक गया है या फिर देरी से शुरू हुआ है, तो इसकी बहुत ज्यादा संभावना है कि आप प्रेगनेंट हो चुकी हैं।
दरअसल जैसे ही कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसके शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बनना शुरू हो जाता है। इस हार्मोन की वजह से ही माहवारी बंद हो जाती है। लेकिन ध्यान रहे, अगर आपकी माहवारी का समय शुरू से ही अनियिमित रहा है, तो कोई जरुरी नहीं कि आप प्रेग्नेंट ही हों, इसीलिये प्रेगनेंसी टेस्ट से जरुर कन्फर्म करें।
2. Mood Swings in Pregnancy मूड स्विंग (मानसिक दशा में बदलाव)
Mood Swing is The Symptom of Pregnancy in Hindi: मूड स्विंग का अर्थ है – मूड का तेजी से बदलना। Pregnancy की अवस्था में, गर्भवती स्त्रियों के शरीर में हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण उनकी मानसिक दशा में भी बदलाव आ जाता है। यह लक्षण अक्सर छठे सप्ताह से दिखायी देने लगते हैं। इस दौरान वह कभी तो बहुत खुश नजर आती हैं और कभी बहुत उदास, कभी एकदम से बहुत गुस्सा आता है, तो कभी बिल्कुल शांत बैठी रहती हैं।
यही कारण है कि इस समय ज्यादातर गर्भवती स्त्रियों का मूड उखड़ा-उखड़ा सा रहता है या फिर वह चिडचिडी नजर आ सकती हैं। उनकी इस इमोशनल अवस्था को उनके परिजनों को अवश्य समझना चाहिये, क्योंकि स्त्री को इस समय भावनात्मक सहारे की काफी जरुरत होती है। वैसे आम तौर पर यही देखा जाता है कि लोग प्रेग्नेंट औरतों की इस मजबूरी को समझ नहीं पाते और उनसे कटे-कटे से रहते हैं, ऐसा न करें।
3. Bleeding in Pregnancy योनिमार्ग से रक्तस्राव होना
Vaginal Bleeding is The Symptom of Pregnancy in Hindi: Pregnant होने के बाद कई महिलाओं को हलके या ज्यादा रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। आम तौर पर गर्भधारण करने के एक से चार सप्ताह बाद, गर्भवती महिला के शरीर में यह लक्षण दिखायी देते हैं। ऐसा इसलिये है, क्योंकि अंडाणु के निषेचित होने के बाद जब वह गर्भाशय की दीवार पर चिपक जाता है, तो उससे एक हल्का सा रक्त निकलता है, जिसे Spotting कहते हैं।
कुछ महिलायें तो इसी ब्लीडिंग को अपना लेट पीरियड समझ लेती हैं। दरअसल यह हल्की ब्लीडिंग, गर्भधारण करने की एक सूचना है, जिसे आपका शरीर तब प्रदान करता है, जब Sperm, स्त्री के Ovum को फर्टिलाइज कर देता है और वह गर्भाशय में पहुँचकर भ्रूण का रूप धारण कर लेता है।
इसीलिये इससे भयभीत न हों, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। कुछ स्त्रियों में इस समय बहुत ज्यादा व्हाइट डिस्चार्ज भी देखने को मिलता है, जो हार्मोन्स में आये बदलाव के कारण, सामान्य दिनों की अपेक्षा कुछ अधिक तेज हो सकता है, इससे भी चिंतित न हों।
4. Dyspepsia in Pregnancy भोजन से अरुचि होना
Dyspepsia is The Symptom of Pregnancy in Hindi: भोजन से अरुचि की समस्या, ज्यादातर गर्भवती स्त्रियों (लगभग 80 से 85 प्रतिशत) को होती है। गर्भधारण करने के एक सप्ताह बाद ही, प्रेग्नेंट महिला के मुँह का स्वाद, कड़वा और कसैला सा हो जाता है। यही कारण है कि खट्टी चीजों को छोड़कर उन्हें किसी भी चीज में स्वाद महसूस नहीं होता। इसीलिये ज्यादातर प्रेग्नेंट स्त्रियों को खट्टा या चटपटा खाने की इच्छा होती है। कुछ स्त्रियों को दूध और चाय से भी परेशानी होती है।
Symptoms of Pregnancy in First Month in Hindi
5. Morning Sickness in Pregnancy उल्टी आना और जी मिचलाना
Morning Sickness is The Symptom of Pregnancy in Hindi: उल्टियाँ आना और जी मिचलाना Pregnancy के सबसे महत्वपूर्ण लक्षणों में से एक है। क्योंकि लगभग 70 से 80 प्रतिशत गर्भवती स्त्रियों को, Pregnancy की शुरुआत में उल्टी करने और जी मिचलाने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। इसीलिये अगर संबंध बनाने के कुछ दिन बाद, आपको अचानक से इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि आप प्रेग्नेंट हो चुकी हैं।
इस परेशानी को मॉर्निंग सिकनेस के नाम से जाना जाता है। क्योंकि यह दिक्कत सुबह के समय ज्यादा होती है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि यह परेशानी आपको दिन के दूसरे समय नहीं होगी। सच तो यह है कि इनसे आपको कभी-भी दो-चार होना पड़ सकता है।
आम तौर पर जी मिचलाने और उल्टी आने की समस्या, प्रेगनेंसी के चौथे सप्ताह में नजर आने लगती है और यह पूरी पहली तिमाही में आपको परेशान कर सकती है। हालाँकि बाद के महीनों में कुछ स्त्रियों को इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन बहुत सी स्त्रियों को गर्भावस्था के 9 वें महीने तक, इन परेशानियों से जूझना पड़ सकता है, वहीँ कुछ स्त्रियों को प्रेगनेंसी के दौरान उल्टियाँ आती ही नहीं हैं।
6. Heartburn in Pregnancy सीने में जलन और साँस लेने में परेशानी
Heartburn is The Symptom of Pregnancy in Hindi: Pregnancy के पहले महीने में, कुछ गर्भवती स्त्रियों को सीने में जलन और साँस लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें पेश आ सकती हैं। दरअसल इसका कारण है – पेट में एसिडिटी या अम्लशूल बनना और पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ना। इसके कारण स्त्रियों को, अचानक से सीने में जलन महसूस होती है। सामान्य अवस्था में तो इस परेशानी को सहन करने की कोशिश करें।
लेकिन अगर जलन कुछ ज्यादा ही हो, तो अपने चिकित्सक की सलाह लें। वह आपको कुछ कृत्रिम और नेचुरल एंटासिड लेने को कह सकते हैं। इसके अलावा Pregnancy के दौरान कुछ स्त्रियों को साँस लेने में भी कठिनाई होती है। क्योंकि बढ़ते पेट के कारण डायाफ्राम और फेफड़ों पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हल्की सी घुटन सी महसूस हो सकती है।
7. Feeling Hungry in Pregnancy ज़्यादा भूख लगना
Too much Hunger is The Symptom of Pregnancy in Hindi: Pregnancy के दौरान, स्त्रियों के शरीर की एनर्जी डिमांड काफी बढ़ जाती है और यह नार्मल कंडीशन की तुलना में दो से तीन गुणा ज्यादा हो सकती है। इसका कारण यह है कि गर्भवती स्त्रियों को अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ अपनी डाइट शेयर करनी पड़ती है। इसीलिये उन्हें दिन में कई बार भूख लगती है और ऐसा प्रेग्नेंसी के पहले महीने से ही शुरू हो जाता है। यह एक बेहद सामान्य सी बात है।
8. Back Pain in Pregnancy पीठ में दर्द होना
Lower Back Pain is The Symptom of Pregnancy in Hindi: Pregnancy के चौथे सप्ताह से ही, गर्भवती महिलाओं को कमर दर्द (Back Pain) की समस्या हो सकती है। यहाँ तक कि इस दर्द के कारण, रात के समय उनकी नींद बार-बार उचट सकती है। कुछ महिलाओं को इस दर्द की वजह से कुछ दिनों तक अनिद्रा की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है।
लेकिन आपको इस दर्द से घबराना नहीं चाहिये, क्योंकि यह गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण है और कुछ समय बाद अपने आप ही चला जाता है। बस आप अपनी दिनचर्या और आहार-विहार को व्यवस्थित रखें।
Pregnancy Symptoms in Hindi Before Missed Period
9. Breast Pain in Pregnancy स्तनों में भारीपन और दर्द महसूस होना
Swelling and Pain in Breasts are The Symptoms of Pregnancy in Hindi: स्तनों में भारीपन या सूजन आना भी प्रेगनेंट होने का लक्षण हैं, क्योंकि प्रेग्नेंसी के पहले महीने में, गर्भवती महिला के स्तन कड़े हो जाते हैं। सूजन आने पर स्तनों की संवेदनशीलता बढ़ जाती है और उनमें दर्द महसूस होता है, ठीक वैसे ही जैसे पीरियड में स्तन संवेदनशील महसूस होते हैं। यह लक्षण Pregnancy के चौथे से छठे सप्ताह में दिखायी देता है।
यहाँ तक कि छठे सप्ताह तक स्तन और भी ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। दरअसल ऐसा इसलिये होता है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान, स्त्री के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन हार्मोन्स के स्तर में बदलाव आने के कारण Breast में भी बदलाव आने लगते हैं। स्तनों में भारीपन और सूजन आने पर ढीली ब्रा पहने और कुछ एक्सरसाइज करें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा।
10. Headache in Pregnancy अक्सर सिर में दर्द का बने रहना
Headache is The Symptom of Pregnancy in Hindi: सिर में अक्सर दर्द बने रहना भी, Pregnancy के संभावित लक्षणों में से एक है। ऐसा शरीर में हार्मोन्स का स्तर बढ़ने के कारण होता है, जिसे गर्भवती स्त्री अचानक से सहन नहीं कर पाती। यह हार्मोन्स शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में तेजी लाते हैं, जिससे शरीर के लगभग सभी Vital Organs में रक्त तेजी से और ज्यादा दाब के साथ प्रवाहित होता है।
इस रक्त का दाब, मस्तिष्क की माँसपेशियों और रक्त वाहिनियों पर भी पड़ता है, जिससे सामयिक सिरदर्द की समस्या पैदा हो जाती है। इस दर्द की तीव्रता भी हमेशा एक जैसी नहीं होती। कभी तो यह बहुत हल्का महसूस होता है, तो कभी बहुत तेज। हालाँकि कुछ समय बाद यह खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है।
11. Frequent Urination in Pregnancy बार-बार पेशाब करने की इच्छा
Frequent Urge for Urination is The Symptom of Pregnancy in Hindi: बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, Pregnancy के महत्वपूर्ण लक्षणों में से एक है। क्योंकि तब स्त्रियों के शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे उनकी Kidney में रक्त परिसंचरण के तेज होने से मूत्र जल्दी बनने लगता है। नतीजन Bladder भी Urine से जल्दी भर जाता है, लेकिन इसका एक दूसरा कारण भी है।
चूँकि भ्रूण निरंतर विकास करता रहता है, इसीलिये गर्भाशय (Uterus) के बढ़ने की वजह से, Bladder पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे Pregnant Women को बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है। शुरुआती महीने में यह दिक्कत कुछ कम होती है, लेकिन छठे सप्ताह से, जबकि भ्रूण का विकास तेजी से होने लगता है, यह समस्या और ज्यादा तेज हो जाती है।
12. Fever in Pregnancy शरीर के तापमान में परिवर्तन आना
Fever is The Symptom of Pregnancy in Hindi: ज्यादातर स्त्रियों को पीरियड्स में बेचैनी और दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि उस अवस्था में उनके शरीर का तापमान अक्सर सामान्य से ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे शरीर में हलके तीव्रता वाले बुखार की फीलिंग होती है। कुछ ऐसा ही Pregnancy के समय भी महसूस होता है।
अंतर सिर्फ इतना है कि पीरियड्स की अवधि कम होती है, जबकि Pregnancy में लम्बे समय तक शरीर के तापमान में परिर्वतन महसूस होता है। प्रायः यह लक्षण Pregnancy के छठे सप्ताह में दिखायी देता है। इस दौरान शरीर के तापमान में 1 डिग्री फारेनहाईट तक की वृद्धि संभव है।
Weekly and Monthly Pregnancy Symptoms in Hindi
13. Cravings in Pregnancy कुछ विशेष चीजे खाने की इच्छा करना
Craving is The Symptom of Pregnancy in Hindi: लगभग 95 प्रतिशत से भी ज्यादा गर्भवती स्त्रियों को, क्रेविंग्स का सामना करना पड़ता है। अर्थात उन्हें किसी विशेष चीज के प्रति आकर्षण बढ़ जाने के कारण, हर समय उसे ही खाने की लालसा रहती है। इसीलिये अगर कभी आपको ऐसी किसी चीज को खाने का दिल करने लगे, जिसे आपने खाने के बारे में पहले कभी नहीं सोचा, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि आप Pregnant हो सकती हैं।
इसकी शुरुआत भी Pregnancy के आरंभिक दौर में हो जाती है और यह स्थिति कुछ महीनों तक लगातार बनी रह सकती है। देखा गया है कि आम तौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं को खट्टी-मीठी चीजों जैसे कि चाट-पकोड़ी, आम-अमरुद-मौसमी जैसे खट्टे फल और आइसक्रीम तथा चोकलेट जैसी चीजें खाने का मन करता है। कुछ महिलाओं को तो चोक, खड़िया, मिटटी, कोयला, और यहाँ तक कि साबुन और डिटर्जेंट खाने का भी मन करता है।
दरअसल ऐसी चीजों को खाने की इच्छा के पीछे मुख्य कारण है – गर्भवती स्त्रियों के शरीर में जरुरी पोषक तत्वों की कमी। लेकिन इनमे से ज्यादातर चीजें उनके और उनके बच्चे के लिये नुकसानदेह सिद्ध हो सकती हैं। इसीलिये गर्भवती स्त्रियों को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिये और उनके नजदीकी परिजनों को भी इस बारे में सतर्क रहना चाहिये।